हरिद्वारः देशभर में लोकसभा चुनाव का माहौल चल रहा है और लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर सात चरणों में मतदान होना है. वहीं उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर पहले चरण यानी 11 अप्रैल को मतदान हो चुका है. इस बार प्रदेश की पांचों लोकसभा सीटों पर 61.50 फ़ीसदी मतदान हुआ है.
हालांकि अगर मतदान फीसदी को विधानसभावार देखें तो सबसे कम मतदान सल्ट विधानसभा क्षेत्र में 38.75 फीसदी तो वहीं सबसे ज्यादा मतदान सितारगंज विधानसभा क्षेत्र में 78.59 फीसदी हुआ है. कई विधानसभा क्षेत्र ऐसे भी हैं जहां ताबड़तोड़ मतदान होने से मतदान फीसदी बढ़ाने में अच्छा सहयोग मिला है.
लोकसभा चुनाव 2019 में प्रदेश की पांचों लोकसभा सीटों पर कुल 77 लाख 65 हजार 423 सामान्य मतदाताओं में से 47 लाख 75 हजार 517 मतदाताओं ने मतदान किया है. यानी कुल 61.50 फीसदी मतदाताओं ने मतदान किया है.
हालांकि अगर सबसे अधिक मतदान करने वाले मतदाताओं की विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो प्रदेश के 70 विधानसभाओं में से कई विधानसभा ऐसे भी हैं जहां के मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर अपने मताधिकार का प्रयोग किया है. ये वो विधानसभाएं हैं जिसने मतदान फीसदी बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है.
- लोकसभा चुनाव 2019 में सितारगंज विधानसभा में सबसे ज्यादा संख्या में मतदाताओं ने मतदान किया. यहां के सभी बूथों पर कुल 78.59 फीसदी मतदान हुआ. इस विधानसभा सीट पर भाजपा का कब्जा है.
- लस्कर विधानसभा में मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर अपने मताधिकार का प्रयोग किया. इस विधानसभा में बने सभी बूथों पर कुल 77.82 फीसदी मतदान हुए. इस विधानसभा सीट पर भाजपा का कब्जा है.
- हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा में मतदाताओं ने उत्साह से मताधिकार का प्रयोग किया. इस विधानसभा में बने सभी बूथों पर कुल 77.82 फीसदी मतदान हुआ. इस विधानसभा सीट पर भाजपा का कब्जा है.
- इसी तरह ज्वालापुर विधानसभा में कुल 77.81 फीसदी मतदान हुआ. इस विधानसभा सीट पर भाजपा का कब्जा है.
- भगवानपुर विधानसभा के सभी बूथों पर कुल 77.05 फीसदी मतदान हुए. इस विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा है.
- गदरपुर विधानसभा के तहत कुल 75.74 फीसदी मतदान हुआ. इस विधानसभा सीट पर भाजपा का कब्जा है.
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हालांकि इन आंकड़ों को देखकर साफ कहा जा सकता है कि हरिद्वार लोकसभा सीट के मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर अपने मताधिकार का प्रयोग किया है और कहीं ना कहीं प्रदेश की पांचों लोकसभा सीटों पर मतदान फीसदी बढ़ाने में हरिद्वार लोकसभा सीट के मतदाताओं की अहम भूमिका रही है.