देहरादून: 2017 में प्रचंड बहुमत हासिल कर सत्ता पर काबिज हुई बीजेपी ने पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंड की कमान अपने भरोसेमंद त्रिवेंद्र सिंह रावत को सौंपी. 18 मार्च 2017 को त्रिवेंद्र रावत ने अपने 9 मंत्रियों के साथ प्रदेश के 9वें सीएम के तौर पर पद और गोपनीयता की शपथ ली. आज त्रिवेंद्र सरकार ने अपने कार्यकाल के 2 साल पूरे कर लिये हैं. इसी कड़ी में ईटीवी भारत की टीम ने मुख्यमंत्री ने खास बातचीत की.
इस मौके पर सीएम ने प्रदेश में बीजेपी की लहर होने का दावा किया और लोकसभा चुनाव में सभी पांचों सीटें जीतने का भरोसा भी जताया. सीएम ने बताया कि बीजेपी ने प्रदेश में सिलसिलेवार जीत हासिल की है. विधानसभा चुनाव में जीत के बाद, उप चुनाव में जीत हासिल की फिर निकाय चुनाव में जीत का परचम लहराया और अब जब वक्त लोकसभा चुनाव का है तो इसमें भी बीजेपी जीतेगी.
क्या उत्तराखंड का वोटर प्रदेश सरकार के काम को देखते हुये वोट करेगा या प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर? इस सवाल पर सीएम ने कहा कि किसी भी काम को पूरा करने के लिये केंद्र और राज्य की बॉन्डिंग बेहद जरूरी है. यहां पर केंद्र और राज्य सरकार का बेहतर तालमेल है, दोनों एक दूसरे को बेहतर तरीके से समझते हैं. आज जो भी इन्वेस्टमेंट प्रदेश में आया है वो केंद्र के सहयोग के बिना नहीं हो सकता है. सीएम ने सीधे तौर पर प्रधानमंत्री मोदी को अपना चेहरा बताया.
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि राज्य सरकार ने जो भी वादे जनता से किये थे उनमें से 90 प्रतिशत वादे या तो पूरे हुये या तो उसमें काम चल रहा है. अभी सरकार के पास 3 साल का समय है, इस वक्त को प्रदेश के विकास के लिये पूरा इस्तेमाल किया जाएगा.
प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग की हालत कितनी दयनीय है ये बात किसी से छिपी नहीं है? ये सवाल तब और ज्यादा जरूरी हो जाता है जब वो विभाग खुद मुख्यमंत्री संभाल रहे हों. उत्तराखंड के स्वास्थ्य विभाग के हालातों पर जवाब देते हुये सीएम ने कहा कि जैसी हमारी भौगोलिक परिस्थितियां हैं, उनके मद्देनजर स्वास्थ्य सेवा को पटरी पर रखना काफी चुनौती भरा है. पहाड़ों में डॉक्टरों की बहुत जरूरत है, ऐसे में ये जरूरी है कि जो भी हमारे पास अभी मौजूदा मैनपावर है उससे हम बेहतर से बेहतर दे सकें.
उत्तराखंड का पानी और जवानी राज्य में कैसे रुक पाएगा? इस सवाल के जवाब में सीएम ने कहा कि तीन हाइड्रो प्रोजेक्ट्स के टेंडर निकाले हैं. सोलर प्रोजेक्ट के 800 करोड़ के टेंडर निकाले हैं, चीड़ की पत्तियों से बिजली बनाने के लिये 50 करोड़ के टेंडर निकाले हैं. पलायन रोकने के लिये रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य- ये तीन चीजें ऐसी हैं जिन्हें जितना बेहतर उपलब्ध करा सकें उससे पलायन रुकेगा.
नोट- ये थे मुख्यमंत्री के साथ Exclusive बातचीत के कुछ अंश. पूरी बातचीत और खबर 18 मार्च को प्रकाशित की जाएगी.