देहरादून: उत्तराखंड की त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने में करीब डेढ़ महीने का ही समय बचा है. जिसको देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग की तैयारियों में तेजी आ गई है. इस बार त्रिस्तरीय पंचायत का चुनाव जिला हरिद्वार को छोड़कर बाकी प्रदेश के 12 जिलों में कराये जायेंगे.
इन 12 जिलों में ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र व जिला पंचायत सदस्य के 66,344 पदों पर चुनाव होना है. जहां एक तरफ भाजपा त्रिस्तरीय पंचायतों के सभी पदों को जीतने का दावा कर रही है तो वहीं कांग्रेस भी अपने आपको और मजबूत कर चुनाव लड़ने की बात कह रही है.
आपको बता दें कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2019 में प्रदेश के 12 जिलों में ही कराये जायेंगे क्योंकि हरिद्वार जिले के त्रिस्तरीय पंचायत का कार्यकाल साल 2021 में समाप्त हो रहा है. इसलिए हरिद्वार जिले में पंचायत चुनाव 2021 में कराया जायेगा.
हरिद्वार जिले में कुल 306 ग्राम पंचायत, 6 क्षेत्र पंचायत और एक जिला पंचायत है. हालांकि प्रदेश के बाकि बचे 12 जिलों में कुल 7491 ग्राम प्रधान, 55506 ग्राम पंचायत सदस्य, 2988 क्षेत्र पंचायत सदस्य और 357 जिला पंचायत सदस्य चुने जाने हैं. इन सभी पदों के लिए मतदान किया जायेगा.
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मौजूदा समय में वोटर लिस्ट बनाने का काम चल रहा है. वोटर लिस्ट का अंतिम प्रकाशन 19 जून को किया जाएगा. इसके बाद 12 जुलाई को फाइनल वोटरों की लिस्ट जारी की जाएगी.
जिलावार पंचायत चुनाव के आंकड़े
- जिला देहरादून में 401 ग्राम प्रधान, 3,333 ग्राम पंचायत सदस्य, 220 क्षेत्र पंचायत सदस्य और 30 जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव होने हैं.
- जिला उधमसिंह नगर में 376 ग्राम प्रधान, 3,940 ग्राम पंचायत सदस्य, 273 क्षेत्र पंचायत सदस्य और 35 जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव होने हैं.
- जिला रुद्रप्रयाग में 336 ग्राम प्रधान, 2,444 ग्राम पंचायत सदस्य, 117 क्षेत्र पंचायत सदस्य और 18 जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव होने हैं.
- जिला टिहरी में 1,035 ग्राम प्रधान, 7,377 ग्राम पंचायत सदस्य, 351 क्षेत्र पंचायत सदस्य और 45 जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव होने हैं.
- जिला अल्मोड़ा में 1,166 ग्राम प्रधान, 8,286 ग्राम पंचायत सदस्य, 3,95 क्षेत्र पंचायत सदस्य और 46 जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव होने हैं.
- जिला चमोली में 610 ग्राम प्रधान, 4,356 ग्राम पंचायत सदस्य, 246 क्षेत्र पंचायत सदस्य और 26 जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव होने हैं.
- जिला नैनीताल में 479 ग्राम प्रधान, 3789 ग्राम पंचायत सदस्य, 266 क्षेत्र पंचायत सदस्य और 27 जिला पंचायत सदस्यो के चुनाव होने हैं.
- जिला बागेश्वर में 407 ग्राम प्रधान, 2,917 ग्राम पंचायत सदस्य, 120 क्षेत्र पंचायत सदस्य और 19 जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव होने हैं.
- जिला उत्तरकाशी में 508 ग्राम प्रधान, 3,564 ग्राम पंचायत सदस्य, 204 क्षेत्र पंचायत सदस्य और 25 जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव होने हैं.
- जिला चम्पावत में 313 ग्राम प्रधान, 2,295 ग्राम पंचायत सदस्य, 134 क्षेत्र पंचायत सदस्य और 15 जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव होने हैं.
- जिला पिथौरागढ़ में 686 ग्राम प्रधान, 4,956 ग्राम पंचायत सदस्य, 290 क्षेत्र पंचायत सदस्य और 33 जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव होने हैं.
- जिला पौड़ी में 1,174 ग्राम प्रधान, 8,249 ग्राम पंचायत सदस्य, 372 क्षेत्र पंचायत सदस्य और 38 जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव होने हैं.
लोकसभा चुनाव 2019 के हाल ही में आए नतीजों का पंचायत चुनाव पर असर पड़ना लाजमी है. जिसकी वजह यह है कि लोकसभा चुनाव के मतदान होने से पहले और मतदान होने के बाद प्रदेश की मुख्य पार्टियां पांचों सीटें जितने का दम भर रहीं थी, लेकिन लोकसभा के आये नतीजों से जहां एक तरफ भाजपा को बड़ी ताकत हासिल हुई है तो वहीं विपक्षी पार्टी कांग्रेस को भारी निराशा हाथ लगी है.
भाजपा पूरे दमखम से लड़ेगी चुनाव
वहीं भाजपा प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट ने बताया कि उत्तराखंड भाजपा ने अपने जनादेश, संपर्क और कार्यकर्ताओं में भारी इजाफा किया है और भाजपा की बराबरी अब उत्तराखंड राज्य में कोई भी दल नहीं कर सकता है.
साथ ही बताया कि गांव स्तर पर भाजपा संगठन सबसे मजबूत संगठन है. पंचायतों का चुनाव गांव का चुनाव है और गांव की सरकार में भाजपा सबसे आगे रहने वाली है.
जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत या ब्लॉक प्रमुख हो, इन सभी पर भाजपा को ही सफलता मिलेगी. इसमें कांग्रेस कहीं पर भी भाजपा की बराबरी नहीं कर पाएगी.
कांग्रेस को और काम करने की आवश्यकता
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता आर पी रतूड़ी ने बताया कि पंचायत चुनाव की तैयारियां, प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में की जा रही है. इसके लिए गांव और जिला स्तर पर जाएंगे, इसके साथ ही कांग्रेस में तमाम संगठन हैं जो मेहनत करेंगे.
साथ ही कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में तो हार और जीत लगी रहती है. भाजपा को ज्यादा खुश होने की जरूरत नहीं है, बल्कि अपनी जिम्मेदारी निभाने की आवश्यकता है.
भाजपा को और गंभीर होने की आवश्यकता है. इसके साथ ही कहा कि कांग्रेस को निश्चित तौर पर और काम करने की आवश्यकता है. जनता के बीच जाकर और समझने की आवश्यकता है.
प्रदेश अध्यक्ष, जिला अध्यक्ष के नेतृत्व में जिस तरह निकायों में बढ़ोत्तरी हासिल की थी, उसी तरह पंचायतों के चुनाव में भी आगे रहेंगे.