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मानव तस्करी के मामले में कोर्ट का बड़ा फैसला, 8 दोषियों को 12 साल की कठोर सजा

लिस ने धर्मावाला के सूर्या पैलेस होटल में छापेमारी कर तीन महिला सहित 8 लोगों को मानव तस्करी और देह व्यापार के आरोप में गिरफ्तार किया था. पुलिस ने जांच में पाया था कि ये गिरोह मानव तस्करी कर दिल्ली से दो महिलाओं को खरीद कर होटल में लाया

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Published : Feb 28, 2019, 9:31 PM IST

मानव तस्करी में ऐतिहासिक फैसला.


देहरादून: बुधवार को पॉक्सो विशेष अदालत ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया. जिसमें कोर्ट ने मानव तस्करी में लिप्त एक गिरोह की तीन महिला समेत आठ लोगों को धारा 370 के तहत दोषी करार दिया. कोर्ट ने इन सभी को 12 साल की कठोर सजा देते हुए इन पर 20-20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. कोर्ट ने गिरोह में शामिल एक सदस्य महमूद हसन को दुष्कर्म का दोषी करार देते हुए धारा 376 के तहत अतिरिक्त 8 साल की भी सजा सुनाई. मानव तस्करी करने वाला ये गिरोह पश्चिम बंगाल से युवतियों को शादी करने का झांसा देकर देह व्यापार में धकेलकता था. जिसके बाद कुछ युवतियों को देहरादून के होटलों में बेचकर जिस्मफरोशी के धंधे में लगवाता था.

मानव तस्करी में ऐतिहासिक फैसला.


मामला 18 अक्टूबर 2015 का है,जहां पुलिस ने धर्मावाला के सूर्या पैलेस होटल में छापेमारी कर तीन महिला सहित 8 लोगों को मानव तस्करी और देह व्यापार के आरोप में गिरफ्तार किया था. पुलिस ने जांच में पाया था कि ये गिरोह मानव तस्करी कर दिल्ली से दो महिलाओं को खरीद कर होटल में लाया . जहां इन्हें बंधक बनाकर देह व्यापार में धकेला गया. वहीं इस मामलें की पुष्टि यहां से जान बचाकर भागी युवती ने की. जो कि छापेमारी से पहले पुलिस के पास पहुंची थी. जिसके बाद पुलिस ने छापेमारी कर दो अन्य पीड़ित महिलाओं को गिरोह से मुक्त करवाया.


जिसके बाद 18 दिसंबर 2015 को इस मामले में पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की. जिसके बाद 3 साल से ज्यादा चली कानूनी प्रक्रिया के तहत अभियोजन पक्ष की तरफ से गिरोह के खिलाफ 8 गवाह कोर्ट में पेश किए गए. साथ ही बचाव पक्ष की तरफ से इस मामले में तीन गवाह पेश किए गए. पॉक्सो कोर्ट ने इस मामले में दो अन्य लोगों को बरी करते हुए मानव तस्करी और व्यापार से जुड़े 3 महिलाओं समेत आठ लोगों को दोषी करार दिया.

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इस मामले में देहरादून के ढकरानी के रहने वाले अभियुक्त मेहमूद हुसैन को कोर्ट ने मानव तस्करी के साथ-साथ पीड़ित युवतियों के साथ दुष्कर्म करने का दोषी भी करार दिया.जिसके लिए उसे धारा 376 के अंतर्गत दोषी करार देते हुए 8 साल की सजा और 20 हजार का जुर्माना सुनाया गया.


वहीं इस मामले में दोषी पाये जाने वाला एक अभियुक्त हैदर हुसैन (पुरानी दिल्ली), शेरखान सुरेंद्र और ममता सहारनपुर मनजीत कौर (हिमाचल) और लता है जो कि देहरादून की रहने वाली है.


देहरादून: बुधवार को पॉक्सो विशेष अदालत ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया. जिसमें कोर्ट ने मानव तस्करी में लिप्त एक गिरोह की तीन महिला समेत आठ लोगों को धारा 370 के तहत दोषी करार दिया. कोर्ट ने इन सभी को 12 साल की कठोर सजा देते हुए इन पर 20-20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. कोर्ट ने गिरोह में शामिल एक सदस्य महमूद हसन को दुष्कर्म का दोषी करार देते हुए धारा 376 के तहत अतिरिक्त 8 साल की भी सजा सुनाई. मानव तस्करी करने वाला ये गिरोह पश्चिम बंगाल से युवतियों को शादी करने का झांसा देकर देह व्यापार में धकेलकता था. जिसके बाद कुछ युवतियों को देहरादून के होटलों में बेचकर जिस्मफरोशी के धंधे में लगवाता था.

मानव तस्करी में ऐतिहासिक फैसला.


मामला 18 अक्टूबर 2015 का है,जहां पुलिस ने धर्मावाला के सूर्या पैलेस होटल में छापेमारी कर तीन महिला सहित 8 लोगों को मानव तस्करी और देह व्यापार के आरोप में गिरफ्तार किया था. पुलिस ने जांच में पाया था कि ये गिरोह मानव तस्करी कर दिल्ली से दो महिलाओं को खरीद कर होटल में लाया . जहां इन्हें बंधक बनाकर देह व्यापार में धकेला गया. वहीं इस मामलें की पुष्टि यहां से जान बचाकर भागी युवती ने की. जो कि छापेमारी से पहले पुलिस के पास पहुंची थी. जिसके बाद पुलिस ने छापेमारी कर दो अन्य पीड़ित महिलाओं को गिरोह से मुक्त करवाया.


जिसके बाद 18 दिसंबर 2015 को इस मामले में पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की. जिसके बाद 3 साल से ज्यादा चली कानूनी प्रक्रिया के तहत अभियोजन पक्ष की तरफ से गिरोह के खिलाफ 8 गवाह कोर्ट में पेश किए गए. साथ ही बचाव पक्ष की तरफ से इस मामले में तीन गवाह पेश किए गए. पॉक्सो कोर्ट ने इस मामले में दो अन्य लोगों को बरी करते हुए मानव तस्करी और व्यापार से जुड़े 3 महिलाओं समेत आठ लोगों को दोषी करार दिया.

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इस मामले में देहरादून के ढकरानी के रहने वाले अभियुक्त मेहमूद हुसैन को कोर्ट ने मानव तस्करी के साथ-साथ पीड़ित युवतियों के साथ दुष्कर्म करने का दोषी भी करार दिया.जिसके लिए उसे धारा 376 के अंतर्गत दोषी करार देते हुए 8 साल की सजा और 20 हजार का जुर्माना सुनाया गया.


वहीं इस मामले में दोषी पाये जाने वाला एक अभियुक्त हैदर हुसैन (पुरानी दिल्ली), शेरखान सुरेंद्र और ममता सहारनपुर मनजीत कौर (हिमाचल) और लता है जो कि देहरादून की रहने वाली है.

Intro:देहरादून- बुद्धवार पॉक्सो विशेष अदालत से अब तक का एक ऐतिहासिक फैसला आया जिसमें कोर्ट ने मानव तस्करी में लिप्त गिरोह के तीन महिला सहित आठ लोगों को मानव तस्करी धारा 370 के तहत दोषी करार देते हुए 12 साल की कठोर सजा देने के साथ धारा 120 बी के तहत 7 साल की सजा साथ ही सभी पर 20- 20 हज़ार का जुर्माना अदा करने का फैसला अहम सुनाया। इतना ही नहीं गिरोह में शामिल महमूद हसन को पीड़ित पतियों के साथ दुष्कर्म का दोषी करार देते हुए धारा 376 के तहत अतिरिक्त 8 साल की सजा भी सुनाई गई. सजा पाने वाले मानव तस्करी गिरोह द्वारा पश्चिम बंगाल से युवतियों को शादी करने का झांसा देकर पहले दिल्ली में सौदा कर देह व्यापार में धकेला गया था। उसके बाद कुछ युवतियों को देहरादून बेचकर होटलों में जिस्मफरोशी के धंधे में लगाया जाता था।

इस मामले में पॉक्सो कोर्ट में मानव तस्करी व देह व्यापार से जुड़े इसकी रहो की धरपकड़ के बाद 18 दिसंबर 2015 को कोर्ट में चार्जशीट पुलिस द्वारा दाखिल की गई। 3 साल से ज्यादा कानूनी प्रक्रिया के तहत अभियोजन पक्ष की तरफ से गिरोह के खिलाफ 8 गवाह कोर्ट में पेश किए गए साथ ही बचाव पक्ष की तरफ से तीन गवाह पेश किए गए। पॉक्सो कोर्ट ने इस मामले में दो अन्य लोगों को बरी करते हुए मानव तस्करी व व्यापार से जुड़े 3 महिलाओं सहित आठ लोगों के गिरोह को आखिरकार दोषी करार देते हुए 12 साल कठोर कारावास के साथ 20 हज़ार का जुर्माना साथी ही धारा 120 बी के तहत अलग से 7 साल की सजा सुनाई है।

बाईट-भरत सिंह नेगी ,सरकारी वकील, पोक्सो अदालत





Body:मामला 18 अक्टूबर 2015 का हैं,जब देहरादून के थाना सहसपुर क्षेत्र के धर्मावाला स्थित सूर्यापैलेस होटल शिकायत के आधार पर पुलिस ने छापेमारी की कार्रवाई कर तीन महिला सहित 8 लोगों को मानव तस्करी देह व्यापार के चलते गिरफ्तार किया। पुलिस कार्रवाई में जांच पड़ताल में पता चला कि मानव तस्करी द्वारा दिल्ली से दो महिलाओं को खरीद कर होटल में बंधक बना देह व्यापार का धंधा में धकेला गया। वहीं इस मामलें की पुष्टि छापेमारी से पहले होटल से जान बचाकर पुलिस थाने पहुंची पीड़ित युवती ने बताया कि उसकी एक अन्य साथी को होटल में बंधक बनाया हुआ है। पुलिस ने छापेमारी में दोनों पीड़ित महिलाओं गिरोह से मुक्त कराया। इतना ही नहीं जांच में जानकारी सामने आईटी दिल्ली एक महिला ने दोनों पीड़ितों को देहरादून के सूर्या होटल में मानव तस्करी के इस गिरोह को बेचा।

बाईट-भरत सिंह नेगी ,सरकारी वकील, पोक्सो अदालत






Conclusion:मानव तस्करी व देह व्यापार गिरोह के 8 लोगों की सजा


अभियुक्त मेहमूद हुसैन को कोर्ट ने मानव तस्करी में धारा 370 का दोषी पाते हुए 12 साल की कठोर सजा के साथ-साथ पीड़ित युवतियों के साथ दुष्कर्म की धारा 376 का दोषी करार देते हुए 8 साल की सजा व 20 हज़ार का जुर्माना तय किया है इसके अलावा 120b में 7 साल की सजा। महमूद मूल रूप से देहरादून के ढकरानी का रहने वाला है।


बाईट-भरत सिंह नेगी ,सरकारी वकील, पोक्सो अदालत

अभियुक्त हैदर हुसैन, शेरखान सुरेंद्र हैदर हुसैन कादिर हुसैन, महिला अभियुक्त मनजीत कौर ममता व लता को धारा 370 में 12 साल की सजा सहित सभी पर 20-20 हज़ार का अर्थदंड लगाया है .साथ ही 120 बी के तहत सभी को अतिरिक्त 7 साल सजा और 20 हज़ार का जुर्माना भी लगाया गया हैं।
अभियुक्त हैदर हुसैन मूल रूप से पुरानी दिल्ली का रहने वाला है। जबकि शेरखान व सुरेंद्र व ममता पति पत्नी हैं ये लोग यूपी सहारनपुर के रहने वाले हैं। वही अभियुक्त कादिल हुसैन देहरादून धर्मा वाला हैं। महिला अभियुक्त मनजीत कौर हिमाचल के सिरमौर की जबकि लता जो हैदर हुसैन की पत्नी हैं वह देहरादून लखन वाला की रहने वाली बताई जा रही हैं।

वहीं

सजा पाने वाले पहले अभियुक्त शेरखान व सुरेंद्र जो मूल रूप से यूपी सहारनपुर मिर्जापुर का रहने वाले है इनके खिलाफ 370 धारा के तहत 12 साल की सजा और 20 हज़ार का जुर्माना सहित 120 बी के तहत 7 साल की सजा और हज़ार का जुर्माना पॉक्सो कोर्ट ने तय किया।
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