देहरादून: बुधवार को पॉक्सो विशेष अदालत ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया. जिसमें कोर्ट ने मानव तस्करी में लिप्त एक गिरोह की तीन महिला समेत आठ लोगों को धारा 370 के तहत दोषी करार दिया. कोर्ट ने इन सभी को 12 साल की कठोर सजा देते हुए इन पर 20-20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. कोर्ट ने गिरोह में शामिल एक सदस्य महमूद हसन को दुष्कर्म का दोषी करार देते हुए धारा 376 के तहत अतिरिक्त 8 साल की भी सजा सुनाई. मानव तस्करी करने वाला ये गिरोह पश्चिम बंगाल से युवतियों को शादी करने का झांसा देकर देह व्यापार में धकेलकता था. जिसके बाद कुछ युवतियों को देहरादून के होटलों में बेचकर जिस्मफरोशी के धंधे में लगवाता था.
मामला 18 अक्टूबर 2015 का है,जहां पुलिस ने धर्मावाला के सूर्या पैलेस होटल में छापेमारी कर तीन महिला सहित 8 लोगों को मानव तस्करी और देह व्यापार के आरोप में गिरफ्तार किया था. पुलिस ने जांच में पाया था कि ये गिरोह मानव तस्करी कर दिल्ली से दो महिलाओं को खरीद कर होटल में लाया . जहां इन्हें बंधक बनाकर देह व्यापार में धकेला गया. वहीं इस मामलें की पुष्टि यहां से जान बचाकर भागी युवती ने की. जो कि छापेमारी से पहले पुलिस के पास पहुंची थी. जिसके बाद पुलिस ने छापेमारी कर दो अन्य पीड़ित महिलाओं को गिरोह से मुक्त करवाया.
जिसके बाद 18 दिसंबर 2015 को इस मामले में पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की. जिसके बाद 3 साल से ज्यादा चली कानूनी प्रक्रिया के तहत अभियोजन पक्ष की तरफ से गिरोह के खिलाफ 8 गवाह कोर्ट में पेश किए गए. साथ ही बचाव पक्ष की तरफ से इस मामले में तीन गवाह पेश किए गए. पॉक्सो कोर्ट ने इस मामले में दो अन्य लोगों को बरी करते हुए मानव तस्करी और व्यापार से जुड़े 3 महिलाओं समेत आठ लोगों को दोषी करार दिया.
इस मामले में देहरादून के ढकरानी के रहने वाले अभियुक्त मेहमूद हुसैन को कोर्ट ने मानव तस्करी के साथ-साथ पीड़ित युवतियों के साथ दुष्कर्म करने का दोषी भी करार दिया.जिसके लिए उसे धारा 376 के अंतर्गत दोषी करार देते हुए 8 साल की सजा और 20 हजार का जुर्माना सुनाया गया.
वहीं इस मामले में दोषी पाये जाने वाला एक अभियुक्त हैदर हुसैन (पुरानी दिल्ली), शेरखान सुरेंद्र और ममता सहारनपुर मनजीत कौर (हिमाचल) और लता है जो कि देहरादून की रहने वाली है.