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अधिकारियों ने तबादला नीति में बताई खामियां, मुख्यमंत्री ने कहा- सब है सही - ट्रांसफर नीति

प्रदेश के कर्मचारियों के लिए बनाई गई ट्रांसफर नीति को लेकर शिक्षा सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि इस नीति में कई तरह की त्रुटियां हैं. वहीं, सीएम त्रिवेंद्र का कहना है कि ये नीति अपनी जगह ठीक है.

ट्रांसफर नीति पर सवाल.
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Published : Jul 4, 2019, 10:24 AM IST

देहरादून: प्रदेश में पर्वतीय क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए बनाई गई ट्रांसफर नीति के तहत अब सरकार शिक्षकों का तबादला करने जा रही है. लेकिन प्रदेश के कर्मचारियों को दुर्गम से सुगम और सुगम से दुर्गम क्षेत्र में तबादले की नीति में कई त्रुटियां पाई गई हैं. शिक्षा सचिव मीनाक्षी सुंदरम की मानें तो तबादले की नीति में कुछ त्रुटियां हैं, तो वहीं सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि तबादला नीति सही है.

दरअसल जो शिक्षक पर्वतीय क्षेत्र में तैनात हैं और वे पर्वतीय क्षेत्र में ही सेवा देना चाहते हैं, उनके लिए तबादला नीति में कोई प्रावधान नहीं है. जिस वजह से शिक्षकों के तबादले में कई तरह की दिक्कतें आ रही हैं. वहीं, सरकार ने तबादला नीति के अनुसार शिक्षकों का तबादला करने के लिए शिक्षा विभाग को निर्देश दे दिए हैं.

ट्रांसफर नीति पर सवाल.

पढ़ें: सफाई के मामले में डोईवाला नगर पालिका ने हासिल किया पहला स्थान, सीएम त्रिवेंद्र ने किया सम्मानित

तबादला नीति में कुछ त्रुटियों के सवाल पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि तबादला नीति अपनी जगह सही है. लंबे समय तक दुर्गम क्षेत्रों सेवा दे रहे कर्मचारियों का स्थानांतरण होना चाहिए. लेकिन उसमें कई व्यवहारिक दिक्कतें आई, जिसकी वजह से वहां के कई विद्यालय खाली हो गए थे.

वहीं, शिक्षा सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि तबादला नीति बनाते समय ही कुछ चूक रह गई है. अगर कोई कर्मचारी दुर्गम में कार्यरत है और दुर्गम में ही सेवा देना चाहते हैं तो उनको वहीं रहने देने का प्रावधान एक्ट में नहीं है. साथ ही कहा कि इसमें धारा 27 का प्रावधान है. जिसके तहत एक्ट के अपवाद स्वरूप जो भी करना चाहते हैं, उसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जो कमेटी है उसमें अप्रूवल लेकर एक्ट में संशोधन कर सकते हैं.

देहरादून: प्रदेश में पर्वतीय क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए बनाई गई ट्रांसफर नीति के तहत अब सरकार शिक्षकों का तबादला करने जा रही है. लेकिन प्रदेश के कर्मचारियों को दुर्गम से सुगम और सुगम से दुर्गम क्षेत्र में तबादले की नीति में कई त्रुटियां पाई गई हैं. शिक्षा सचिव मीनाक्षी सुंदरम की मानें तो तबादले की नीति में कुछ त्रुटियां हैं, तो वहीं सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि तबादला नीति सही है.

दरअसल जो शिक्षक पर्वतीय क्षेत्र में तैनात हैं और वे पर्वतीय क्षेत्र में ही सेवा देना चाहते हैं, उनके लिए तबादला नीति में कोई प्रावधान नहीं है. जिस वजह से शिक्षकों के तबादले में कई तरह की दिक्कतें आ रही हैं. वहीं, सरकार ने तबादला नीति के अनुसार शिक्षकों का तबादला करने के लिए शिक्षा विभाग को निर्देश दे दिए हैं.

ट्रांसफर नीति पर सवाल.

पढ़ें: सफाई के मामले में डोईवाला नगर पालिका ने हासिल किया पहला स्थान, सीएम त्रिवेंद्र ने किया सम्मानित

तबादला नीति में कुछ त्रुटियों के सवाल पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि तबादला नीति अपनी जगह सही है. लंबे समय तक दुर्गम क्षेत्रों सेवा दे रहे कर्मचारियों का स्थानांतरण होना चाहिए. लेकिन उसमें कई व्यवहारिक दिक्कतें आई, जिसकी वजह से वहां के कई विद्यालय खाली हो गए थे.

वहीं, शिक्षा सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि तबादला नीति बनाते समय ही कुछ चूक रह गई है. अगर कोई कर्मचारी दुर्गम में कार्यरत है और दुर्गम में ही सेवा देना चाहते हैं तो उनको वहीं रहने देने का प्रावधान एक्ट में नहीं है. साथ ही कहा कि इसमें धारा 27 का प्रावधान है. जिसके तहत एक्ट के अपवाद स्वरूप जो भी करना चाहते हैं, उसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जो कमेटी है उसमें अप्रूवल लेकर एक्ट में संशोधन कर सकते हैं.

Intro:प्रदेश के कर्मचारियों को दुर्गम क्षेत्र से सुगम क्षेत्र में और सुगम क्षेत्र से दुर्गम क्षेत्र में तबादले के लिए बनाई गई तबादला नीति में त्रुटियां पायी गयी है। और यही वजह है कि शिक्षा महकमे में शिक्षकों के तबादले में कई विसंगतियां पायी गयी है। जहा एक और शिक्षा सचिव मीनाक्षी सुंदरम खुद इस बात को मान रहे है कि तबादला नीति में कुछ त्रुटियां है तो वही प्रदेश के मुखिया का कहना है कि तबादला नीति अपनी जगह सही है। ऐसे में साफ तौर पर मुख्यमंत्री और अधिकारियों के बीच असमंजस्य देखा जा सकता है। 


Body:प्रदेश में पर्वतीय क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए बनाई गई ट्रांसफर नीति के तहत अब सरकार शिक्षकों का तबादला करने जा रही है। लेकिन कर्मचारियों के लिए बनाई गई इस तबादला नीति में ही कुछ त्रुटियां नज़र आ रही है। दरअसल जो शिक्षक पर्वतीय क्षेत्र में तैनात है और वह पर्वतीय क्षेत्र में ही सेवा देने चाहता है उसके लिए तबादला नीति में कोई प्रावधान नही किया गया है। जिस वजह से शिक्षकों के तबादले में कई दिक्कते आ रही है। तो वही तबादला नीति के अनुसार शिक्षकों का तबादला करने के लिए सरकार ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिए हैं। 


तबादला नीति में कुछ त्रुटियों के सवाल पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि एक्ट तो अपनी जगह सही है। लेकिन जो पिछले वर्षों की गलतियां है उसमें जो लंबे समय तक दुर्गम क्षेत्रो में कई ऐसे कर्मचारी है, जिसको कई साल दुर्गम क्षेत्रो में सेवा देते हो गए है तो कानून के मुताबिक ऐसे शिक्षकों का स्थानांतरण होना चाहिए। लेकिन उसमें कई व्यवहारिक दिक्कतें भी आयी की वहा के कई विद्यालय खाली हो गए थे। जिस वजह से निर्णय लिया गया था कि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो। 

बाइट - त्रिवेंद्र सिंह रावत, सीएम


तो वही तबादला नीति के सवाल पर शिक्षा सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि तबादला नीति बनाते समय ही कुछ चूक रह गयी है। इसके अगर कोई कर्मचारी दुर्गम में कार्यरत है और दुर्गम में ही सेवा देने चाहते है। उनको वही रहने देने का प्रावधान एक्ट में नही है। साथ ही बताया कि इस एक्ट के संसोधन के लिए कार्मिक विभाग को संसृति दे रहे है। लेकिन इसमें धारा 27 का प्रवधान है कि एक्ट के अपवाद स्वरूप जो भी करना चाहते है। उसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जो कमेटी है उसमें अप्रूवल लेकर एक्ट में संसोधन कर सकते है। और पिछले बार भी मुख्य सचिव से इस संबंध में वार्ता हुई थी तो उन्होंने कमेटी में लाने को कहा था। 

बाइट - मीनाक्षी सुंदरम, सचिव, शिक्षा विभाग






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