देहरादून: प्रदेश में सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ने वाले बच्चे स्वस्थ और पुष्ट रहें इस मकसद से राज्य सरकार ने नई योजना की शुरुआत की है. इस योजना का नाम उत्तराखंड आंचल अमृत योजना है. जिसका आज परेड ग्राउंड मैदान में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुभारंभ किया. इस योजना के तहत सरकार आगनबाड़ी में पढ़ने वाले बच्चों को दूध पिलाने की व्यवस्था करने जा रही है.
उत्तराखंड आंचल अमृत योजना की शुरुआत होने के साथ ही प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है जो आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले बच्चों के लिए दूध की व्यवस्था करेगा. इस योजना के तहत प्रदेश के 15 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों में 3 से 6 साल तक के पढ़ने वाले करीब ढाई लाख से अधिक बच्चों को हफ्ते में 2 दिन दूध पिलाया जाएगा.
परेड ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम में आंचल योजना के साथ ही राज्य सरकार ने संयुक्त स्वदेशी उद्यम योजना का भी शुभारंभ किया. संयुक्त स्वदेशी उद्यम के तहत राज्य की सरकारी संस्थाओं और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के बीच करार किया गया है. इस करार के तहत पतंजलि उत्पादों को सरकारी संस्थानों में बेचा जाएगा. जिससे स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक मोबाइल बैंक का भी लोकार्पण किया. जिससे प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों में इन एटीएम मोबाइल वैन से जनता पैसे निकाल सकेगी. इस दौरान सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्वयं सहायता समूहों को ब्याज मुक्त ऋण भी दिया.
कार्यक्रम के दौरान सीएम ने आंचल अमृत योजना के बारे में जानकारी दी. सीएम ने कहा कि सरकार का मकसद है कि प्रदेश के सभी बच्चे स्वस्थ रहें. इसके साथ ही स्वयं सहायता समूहों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर पांच लाख रुपये तक का ऋण दिए जाने पर सीएम ने कहा कि दीनदयाल सहकारी योजना के अंतर्गत ये ऋण दिये गये हैं. जिससे तमाम किसान लाभान्वित हुए हैं. सीएन ने कहा कि महिला सशक्तिकरण को देखते हुए राज्य सरकार ने ये फैसला लिया है.
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