देहरादून: लोकसभा चुनाव होने में कुछ ही वक्त बचा है. ऐसे में उत्तराखंड में पांचों सीटों पर पहले ही चरण में 11 अप्रैल को मतदान होगा. जिसको लेकर चुनाव आयोग तैयारियों में जुटा है तो वहीं दूसरी ओर सेंट्रल बैरल प्रेस बैलेट डेमो छापने में लगा हुआ है ताकिदिव्यांग (नेत्रबाधित)कीवोट की गोपनीय और पारदर्शी को बरकरार रखा जा सकें.
नेत्रबाधित दिव्यांगों के लिए क्या होता है बैलेट डेमो
दिव्यांग (नेत्रबाधित) की लोकतंत्र के पर्व में उपस्थिति बढ़ाने, गोपनीयता और पारदर्शिता से मतदान कराने को लेकर पिछले 10 सालों से चुनाव आयोग दिव्यांग (नेत्रबाधित) के लिए बैलेट डेमो तैयार कराता रहा है. हालांकि अगर वैलेट डेमो की बात करें तो यह एक तरह का बैलेट पेपर होता है. जिसमें सभी प्रत्याशियों के नाम, पार्टी व सिंबल के नाम लिखे होते हैं ताकि जब कोई दिव्यांग (नेत्रबाधित) मतदान करने जाए तो उसे किस पार्टी या किस प्रत्याशी को मतदान करना है ये आसानी से पता चल सके. जिससे वह अपने पसंदीदा प्रत्याशी को वोट दे सकें.
एशिया का सबसे बड़ा सेंट्रल बैरल प्रेस
देहरादून स्थित सेंट्रल बैरल प्रेस एशिया का सबसे बड़ा सरकारी बैरल प्रेस है. जहां तमाम राज्यों के नेत्र बाधित दिव्यांगों के लिए बैलट डेमो प्रिंट किया जाता है. सेंट्रल बैरल प्रेस में पिछले 10 सालों से हर चुनाव में कई राज्यों के लिए बैलेट डेमो छापे जाते रहें हैं. लोकसभा चुनाव 2019 के लिए इस सेंट्रल बैरल प्रेस में अभी पांच राज्यों के लिए बैलेट डेमो तैयार किया जा रहा है. इन राज्यों में उत्तरप्रदेश, बिहार, हिमाचल, हरियाणा और उत्तराखंड शामिल हैं.
नेत्रबाधित दिव्यांगों को मतदान के लिए अच्छा माध्यम
चुनाव में सभी मतदाताओं को अपने मत का प्रयोग करने का अधिकार है लेकिन चुनाव के दौरान दिव्यांग (नेत्रबाधित) मतदाताओं को ज्यादा से ज्यादा मतदान के प्रति जागरूक करने और सुरक्षित व गोपनीय ढंग से मतदान को लेकर बैलट डेमो का व्यवस्था की गई है. जिसमें बने अक्षरों को महसूस कर दिव्यांग (नेत्रबाधित) अपने पसंदीदा पार्टी या प्रत्याशी को वोट कर सकते हैं.
उत्तराखंड के सभी बूथों पर रखा जाएगा नेत्रबाधित बैलेट डेमो
बात अगर उत्तराखंड की करें तो पांचों लोकसभा सीटों पर करीब 12 हजार पोलिंग बूथ बनाए गए हैं. इन सभी पोलिंग बूथों पर एक-एक वैलेट डेमो रखा जाएगा ताकि दिव्यांग (नेत्रबाधित) आसानी से मतदान कर सकें.