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दून में है एशिया की सबसे बड़ी सेंट्रल बैरल प्रेस, दिव्यांगों के लिए की जाती है बैलेट डेमो की छपाई

दिव्यांग (नेत्रबाधित) की  लोकतंत्र के पर्व में उपस्थिति बढ़ाने, गोपनीयता और पारदर्शिता से मतदान कराने को लेकर पिछले 10 सालों से चुनाव आयोग बैलेट डेमो तैयार कराता रहा है. देहरादून स्थित सेंट्रल बैरल प्रेस एशिया का सबसे बड़ा सरकारी बैरल प्रेस है. जहां तमाम राज्यों के दिव्यांग (नेत्रबाधित) के लिए बैलट डेमो प्रिंट किया जाता है.

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Published : Mar 31, 2019, 9:32 AM IST

Updated : Mar 31, 2019, 5:38 PM IST

दिव्यांगों के लिए तैयार किया जा रहा बैलेट डेमो.

देहरादून: लोकसभा चुनाव होने में कुछ ही वक्त बचा है. ऐसे में उत्तराखंड में पांचों सीटों पर पहले ही चरण में 11 अप्रैल को मतदान होगा. जिसको लेकर चुनाव आयोग तैयारियों में जुटा है तो वहीं दूसरी ओर सेंट्रल बैरल प्रेस बैलेट डेमो छापने में लगा हुआ है ताकिदिव्यांग (नेत्रबाधित)कीवोट की गोपनीय और पारदर्शी को बरकरार रखा जा सकें.

दिव्यांगों के लिए तैयार किया जा रहा बैलेट डेमो.


नेत्रबाधित दिव्यांगों के लिए क्या होता है बैलेट डेमो
दिव्यांग (नेत्रबाधित) की लोकतंत्र के पर्व में उपस्थिति बढ़ाने, गोपनीयता और पारदर्शिता से मतदान कराने को लेकर पिछले 10 सालों से चुनाव आयोग दिव्यांग (नेत्रबाधित) के लिए बैलेट डेमो तैयार कराता रहा है. हालांकि अगर वैलेट डेमो की बात करें तो यह एक तरह का बैलेट पेपर होता है. जिसमें सभी प्रत्याशियों के नाम, पार्टी व सिंबल के नाम लिखे होते हैं ताकि जब कोई दिव्यांग (नेत्रबाधित) मतदान करने जाए तो उसे किस पार्टी या किस प्रत्याशी को मतदान करना है ये आसानी से पता चल सके. जिससे वह अपने पसंदीदा प्रत्याशी को वोट दे सकें.


एशिया का सबसे बड़ा सेंट्रल बैरल प्रेस
देहरादून स्थित सेंट्रल बैरल प्रेस एशिया का सबसे बड़ा सरकारी बैरल प्रेस है. जहां तमाम राज्यों के नेत्र बाधित दिव्यांगों के लिए बैलट डेमो प्रिंट किया जाता है. सेंट्रल बैरल प्रेस में पिछले 10 सालों से हर चुनाव में कई राज्यों के लिए बैलेट डेमो छापे जाते रहें हैं. लोकसभा चुनाव 2019 के लिए इस सेंट्रल बैरल प्रेस में अभी पांच राज्यों के लिए बैलेट डेमो तैयार किया जा रहा है. इन राज्यों में उत्तरप्रदेश, बिहार, हिमाचल, हरियाणा और उत्तराखंड शामिल हैं.


नेत्रबाधित दिव्यांगों को मतदान के लिए अच्छा माध्यम
चुनाव में सभी मतदाताओं को अपने मत का प्रयोग करने का अधिकार है लेकिन चुनाव के दौरान दिव्यांग (नेत्रबाधित) मतदाताओं को ज्यादा से ज्यादा मतदान के प्रति जागरूक करने और सुरक्षित व गोपनीय ढंग से मतदान को लेकर बैलट डेमो का व्यवस्था की गई है. जिसमें बने अक्षरों को महसूस कर दिव्यांग (नेत्रबाधित) अपने पसंदीदा पार्टी या प्रत्याशी को वोट कर सकते हैं.


उत्तराखंड के सभी बूथों पर रखा जाएगा नेत्रबाधित बैलेट डेमो
बात अगर उत्तराखंड की करें तो पांचों लोकसभा सीटों पर करीब 12 हजार पोलिंग बूथ बनाए गए हैं. इन सभी पोलिंग बूथों पर एक-एक वैलेट डेमो रखा जाएगा ताकि दिव्यांग (नेत्रबाधित) आसानी से मतदान कर सकें.

देहरादून: लोकसभा चुनाव होने में कुछ ही वक्त बचा है. ऐसे में उत्तराखंड में पांचों सीटों पर पहले ही चरण में 11 अप्रैल को मतदान होगा. जिसको लेकर चुनाव आयोग तैयारियों में जुटा है तो वहीं दूसरी ओर सेंट्रल बैरल प्रेस बैलेट डेमो छापने में लगा हुआ है ताकिदिव्यांग (नेत्रबाधित)कीवोट की गोपनीय और पारदर्शी को बरकरार रखा जा सकें.

दिव्यांगों के लिए तैयार किया जा रहा बैलेट डेमो.


नेत्रबाधित दिव्यांगों के लिए क्या होता है बैलेट डेमो
दिव्यांग (नेत्रबाधित) की लोकतंत्र के पर्व में उपस्थिति बढ़ाने, गोपनीयता और पारदर्शिता से मतदान कराने को लेकर पिछले 10 सालों से चुनाव आयोग दिव्यांग (नेत्रबाधित) के लिए बैलेट डेमो तैयार कराता रहा है. हालांकि अगर वैलेट डेमो की बात करें तो यह एक तरह का बैलेट पेपर होता है. जिसमें सभी प्रत्याशियों के नाम, पार्टी व सिंबल के नाम लिखे होते हैं ताकि जब कोई दिव्यांग (नेत्रबाधित) मतदान करने जाए तो उसे किस पार्टी या किस प्रत्याशी को मतदान करना है ये आसानी से पता चल सके. जिससे वह अपने पसंदीदा प्रत्याशी को वोट दे सकें.


एशिया का सबसे बड़ा सेंट्रल बैरल प्रेस
देहरादून स्थित सेंट्रल बैरल प्रेस एशिया का सबसे बड़ा सरकारी बैरल प्रेस है. जहां तमाम राज्यों के नेत्र बाधित दिव्यांगों के लिए बैलट डेमो प्रिंट किया जाता है. सेंट्रल बैरल प्रेस में पिछले 10 सालों से हर चुनाव में कई राज्यों के लिए बैलेट डेमो छापे जाते रहें हैं. लोकसभा चुनाव 2019 के लिए इस सेंट्रल बैरल प्रेस में अभी पांच राज्यों के लिए बैलेट डेमो तैयार किया जा रहा है. इन राज्यों में उत्तरप्रदेश, बिहार, हिमाचल, हरियाणा और उत्तराखंड शामिल हैं.


नेत्रबाधित दिव्यांगों को मतदान के लिए अच्छा माध्यम
चुनाव में सभी मतदाताओं को अपने मत का प्रयोग करने का अधिकार है लेकिन चुनाव के दौरान दिव्यांग (नेत्रबाधित) मतदाताओं को ज्यादा से ज्यादा मतदान के प्रति जागरूक करने और सुरक्षित व गोपनीय ढंग से मतदान को लेकर बैलट डेमो का व्यवस्था की गई है. जिसमें बने अक्षरों को महसूस कर दिव्यांग (नेत्रबाधित) अपने पसंदीदा पार्टी या प्रत्याशी को वोट कर सकते हैं.


उत्तराखंड के सभी बूथों पर रखा जाएगा नेत्रबाधित बैलेट डेमो
बात अगर उत्तराखंड की करें तो पांचों लोकसभा सीटों पर करीब 12 हजार पोलिंग बूथ बनाए गए हैं. इन सभी पोलिंग बूथों पर एक-एक वैलेट डेमो रखा जाएगा ताकि दिव्यांग (नेत्रबाधित) आसानी से मतदान कर सकें.

Intro:नोट फीड FTP से भेजी गई है। (UK_DDN_30 Mar 2019_Divyang yuvao ke liye bailet paper)

लोकसभा चुनाव होने में कुछ ही वक्त बचे हैं ऐसे में उत्तराखंड के पांचो लोकसभा सीटों पर पहले चरण यानी 11 अप्रैल को मतदान किया जाएगा। एक तरफ जहां चुनाव आयोग चुनाव को लेकर तैयारियों में दमखम से जुड़ा है तो वहीं दूसरी ओर सेंट्रल बैरल प्रेस भी नेत्रबाधितो के लिए लगातार बैलट डेमो छाप रहा है। ताकि नेत्रबाधित दिव्यांगो के वोट की गोपनीय और पारदर्शी बरकरार रहें।


Body:नेत्रबाधित दिव्यांगो के लिए क्या होता है बैलेट डेमो.....

नेत्र बाधित दिव्यांगों को चुनाव के दौरान बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने और गोपनीयता एवं पारदर्शिता से मतदान कराने को लेकर पिछले 10 सालों से चुनावो में चुनाव आयोग नेत्र बाधित दिव्यांगों के लिए बैलेट डेमो तैयार कराता रहा है। हालांकि अगर वैलेट डेमो की बात करें तो यह एक तरह का बैलेट पेपर होता है जिसमें सभी प्रत्याशियों के नाम, पार्टी व सिंबल के नाम लिखे होते हैं ताकि जब कोई नेत्रबाधित दिव्यांग मतदान करने जाए तो उसे किस पार्टी या किस प्रत्याशी को मतदान करना है यह पता चल सके, और वह जिस भी पार्टी का प्रत्याशी को वोट देना चाहता है उसे वोट दे सके।


एशिया का सबसे बड़ा सेंट्रल बैरल प्रेस.....

देहरादून स्थित सेंट्रल बैरल प्रेस, एशिया का सबसे बड़ा सरकारी बैरल प्रेस है। जहां तमाम राज्यों के नेत्र बाधित दिव्यांगों के लिए बैलट डेमो प्रिंट किया जाता है। और सेंट्रल बैरल प्रेस में पिछले 10 सालों यानी साल 2009 से ही हर चुनाव में कई राज्यों के लिए बैलेट डेमो की छपाई हो रही हैं। हालांकि लोकसभा चुनाव 2019 के लिए इस सेंट्रल बैरल प्रेस में अभी पांच राज्यों के लिए बैलेट डेमो तैयार किया जा रहा है। इन राज्यों में उत्तरप्रदेश, बिहार, हिमाचल, हरियाणा और उत्तराखंड शामिल है।


नेत्रबाधित दिव्यांगों को मतदान के लिए अच्छा माध्यम.....

चुनाव में सभी मतदाताओं को अपने मत का प्रयोग करने का अधिकार है। लेकिन चुनाव के दौरान नेत्रबाधित दिव्यांगों मतदाताओं को ज्यादा से ज्यादा मतदान के प्रति जागरूक करने और सुरक्षित व गोपनीय ढंग से मतदान दे पाए जिसको लेकर बैलट डेमो का व्यवस्था किया गया है। जिसमें बने अक्षरों को महसूस कर नेत्रबाधित दिव्यांग अपने पसंदीदा पार्टी या प्रत्याशी को मतदान दे सकते हैं।


उत्तराखंड के सभी बूथों पर रखा जाएगा नेत्रबाधित बैलेट डेमो.....

अगर उत्तराखंड की बात करें तो उत्तराखंड के पांचो लोकसभा सीटो पर करीब 12 हजार पोलिंग बूथ बनाए गए हैं। और इन सभी पोलिंग बूथों पर एक-एक वैलेट डेमो रखा जाएगा। ताकि बूथ पर मतदान करने आये नेत्रबाधित दिव्यांग को मतदान करने में आसानी हो सके। और नेत्रबाधित दिव्यांग अकेले ही गोपनीय और सुरक्षित ढंग से अपने पसंदीदा पार्टी या प्रत्याशी को वोट दे सके।




Conclusion:
Last Updated : Mar 31, 2019, 5:38 PM IST
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