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तीन साल के मासूम के घायल होने के बाद जागा परिवहन विभाग, स्कूल वाहनों पर कसा शिकंजा

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Published : May 15, 2019, 10:15 AM IST

देहरादून में आरटीओ ओर एआरटीओ की टीमों ने मंगलवार को स्कूल वाहनों की जांच के लिए चेकिंग अभियान चलाया. इस दौरान 80 गाड़ियों के चालान काटे गए और 10 वाहनों को सीज किया गया.

स्कूल वाहनों के खिलाफ चेकिंग अभियान.

देहरादून: आरटीओ और एआरटीओ की टीमों ने मंगलवार को स्कूल वाहनों के मानकों की जांच के लिए शहर में चेकिंग अभियान चलाया. टीम ने प्रेम नगर, सेलाकुई, भारूवाला, हरिद्वार बाइपास रोड, रेस कोर्स, आईएसबीटी और डालनवाला समेत कई इलाकों में चेकिंग की. जांच के दौरान नियमों का उल्लंघन करते हुए 10 बसों समेत कई वैन को सीज किया गया. साथ ही 80 गाड़ियों का चालान भी काटा गया.

बता दें कि देहरादून के भारूवाला स्थित एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले साढे 3 साल के अंश को स्कूल प्रबंधन की लापरवाही के चलते गंभीर चोटें लगी थीं. स्कूल बस की खिड़की पर स्टील गार्ड न लगा होने के कारण अंश बस की खिड़की से नीचे गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया था. घटना के बाद परिवहन विभाग स्कूलों के बाहर छुट्टी के वक्त बच्चों के वैन और गाड़ियों की चेकिंग कर रहा है.

स्कूल वाहनों के खिलाफ चेकिंग अभियान.

पढ़ें: दिल्ली से दून आ रही वोल्वो बस से आइटीबीपी के डीआईजी का बैग चोरी, धरपकड़ में लगी पुलिस

वहीं, एआरटीओ अरविंद पांडे ने कहा कि स्कूल में बच्चे सुरक्षित पहुंचे यही हमारा उद्देश्य है. जिसके लिए ये अभियान चलाया गया है. स्कूल वाहनों के मानक को देखा जा रहा है. जो वाहन मानकों के खिलाफ गाड़ी चला रहा है उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. साथ ही कहा कि परिजनों को भी हम निर्देश दे रहे है कि बिना लाइसेंस और हेलमेट के बच्चों को गाड़ी न दें.

देहरादून: आरटीओ और एआरटीओ की टीमों ने मंगलवार को स्कूल वाहनों के मानकों की जांच के लिए शहर में चेकिंग अभियान चलाया. टीम ने प्रेम नगर, सेलाकुई, भारूवाला, हरिद्वार बाइपास रोड, रेस कोर्स, आईएसबीटी और डालनवाला समेत कई इलाकों में चेकिंग की. जांच के दौरान नियमों का उल्लंघन करते हुए 10 बसों समेत कई वैन को सीज किया गया. साथ ही 80 गाड़ियों का चालान भी काटा गया.

बता दें कि देहरादून के भारूवाला स्थित एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले साढे 3 साल के अंश को स्कूल प्रबंधन की लापरवाही के चलते गंभीर चोटें लगी थीं. स्कूल बस की खिड़की पर स्टील गार्ड न लगा होने के कारण अंश बस की खिड़की से नीचे गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया था. घटना के बाद परिवहन विभाग स्कूलों के बाहर छुट्टी के वक्त बच्चों के वैन और गाड़ियों की चेकिंग कर रहा है.

स्कूल वाहनों के खिलाफ चेकिंग अभियान.

पढ़ें: दिल्ली से दून आ रही वोल्वो बस से आइटीबीपी के डीआईजी का बैग चोरी, धरपकड़ में लगी पुलिस

वहीं, एआरटीओ अरविंद पांडे ने कहा कि स्कूल में बच्चे सुरक्षित पहुंचे यही हमारा उद्देश्य है. जिसके लिए ये अभियान चलाया गया है. स्कूल वाहनों के मानक को देखा जा रहा है. जो वाहन मानकों के खिलाफ गाड़ी चला रहा है उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. साथ ही कहा कि परिजनों को भी हम निर्देश दे रहे है कि बिना लाइसेंस और हेलमेट के बच्चों को गाड़ी न दें.

Intro:परिवहन विभाग ने मंगलवार से स्कूल बसों के मानकों की जांच के लिए स्कूल के बाहर चेकिंग अभियान में उतर गए।आर टीओ ओर एआरटीओ की टीमो ने देहरादून के कई स्कूल में लगी बसों में चेकिंग अभियान चलाया।जांच अभियान के दौरान नियमो के उल्लंघन करते हुए 10 बसों ओर वैन को सीज किया गया।साथ ही 80 गाड़ियों का चालान किया गया।इस दौरान स्कूल बस संचालको में अफरा तफरी का माहौल बना रहा।


Body:देहरादून भारू वाला स्थित एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले साढे 3 साल के अंश को स्कूल प्रबंधन की लापरवाही का अंजाम भुगतना पड़ा था।स्कूल बस की खिड़की पर स्टील गार्ड ना लगे होने के कारण अंश स्कूल बस की खिड़की से नीचे गिर गया था और बुरी तरह चोटिल हुआ था पूरी घटना ने परिवहन विभाग के दावों की पोल खोल कर रख दी।अब घटना के बाद परिवहन विभाग की नहीं जाती है विभाग स्कूलों के बाहर छुट्टी के वक्त बच्चों की स्कूल वैन और गाड़ियों की चेकिंग अभियान चला रहा है।
परिवहन विभाग की टीमों ने प्रेम नगर,सेलाकुई,भारू वाला, हरिद्वार बायपास,रेस कोर्स रोड,आईएसबीटी ओर डालनवाला समेत कई क्षेत्रों में स्कूली बसों और वैन को रोककर उनकी जांच की गई।
यूं तो परिवहन विभाग स्कूली बसों के संचालन और उसमें बच्चों के लिए पूरी सुविधाओं की मानकों की बात करता है।लेकिन राजधानी में कई बार ऐसी घटनाएं देखने को मिलती है।भले ही लगातार स्कूल प्रबंधन को यह कहा जाता है कि वे स्कूल की गाड़ियों में बच्चों के लिए पूरी सेफ्टी रखे।ओर बच्चो को वैन में ठूस ठूस कर भरा जाता है।साथ ही मासूम अंश के खिड़की से गिरने जैसे हादसे लोगों को अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए डरा देते हैं।परिवार विभाग द्वारा स्कूल के बाहर चेकिंग की गई और कई चालान भी काटे गए।बताते चलें कि जब भी कोई घटना होती है तो विभाग हरकत में दिखाई देता है।लेकिन सवाल उठना लाजमी है कि आखिर प्राइवेट स्कूलों की अनदेखी पर परिवहन विभाग के द्वारा कोई सख्त कदम क्यों नहीं उठाए जाते हैं।


Conclusion:एआरटीओ अरविंद पांडे ने बताया कि स्कूल वाहनों के खिलाफ अभियान चला रखा है।स्कूल में बच्चे सुरक्षित पहुंचे यही हमारा उद्देश्य है और इस पर ही फोकस किया जा रहा है।परिजनों को भी हम निर्देश दे रहे है कि बिना बिना लाइसेंस और हेलमेट के गाड़ी ना दे।साथ ही स्कूल वाहनों के मानक को देखा जा रहा है और अगर मानक को पूरा नहीं कर रहे हैं तो उनके खिलाफ कार्यवाही के साथ जागरूक भी किया जा रहा है।घटना से पहले भी हमने कई बार अभियान चलाया है। और घटना को हमने संज्ञान में लिया की बच्चा खिड़की से गिरा।परिवहन विभाग की टीम ने जांच की जिसमें चालक परिचालक को नोटिस भी भेज दिया है जिसमें लापरवाही सामने आई है।

बाइट-अरविंद पांडे(एआरटीओ)
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