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आशा वर्करों ने सरकार के खिलाफ बोला हल्ला, सचिवालय कूच करते पुलिस ने रोका तो जमकर हुई नोकझोंक

न्यूनतम वेतनमान और बोनस समेत कई मांगों को लेकर आंदोलन आशा वर्करों ने शुक्रवार को सचिवालय कूच किया.

आशा वर्करों ने सरकार के खिलाफ बोला हल्ला
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Published : Feb 28, 2019, 5:52 PM IST

देहरादून: आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री संगठन, भोजन माता कर्मचारी संघ व फेसिलिलेटर और कार्यकर्ता संगठन के बैनर तले सैकड़ों आशा वर्कर्स ने आज अपनी मांगों को लेकर सचिवालय कूच किया. जहां पहले से ही मौजूद भारी पुलिस बल ने आशा वर्कर्स को बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया. इस दौरान पुलिस और आशा वर्करों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई. सचिवालय कूच कर रही आशा कार्यकत्रियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

न्यूनतम वेतनमान और बोनस समेत कई मांगों को लेकर आशा वर्करों ने शुक्रवार को सचिवालय कूच किया. पुलिस ने सचिवालय से पहले आशा वर्करों को रोक लिया. दरअसल आशा कार्यकत्रियां और भोजन माता इससे पहले भी कई बार अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर चुकी हैं. सचिवालय कूच करने पहुंची आशा कार्यकत्रियों ने कहा कि उनका न्यूनतम वेतनमान18,000 रुपये तथा आशा फैसिलिटेटर को 24,000 रुपये प्रतिमाह वेतन का भुगतान सुनिश्चित किया जाए.

आशा वर्करों ने सरकार के खिलाफ बोला हल्ला


साथ ही उन्होंने ब्लॉक कोऑर्डिनेटर को 35,000 रुपये व डाटा एंट्री ऑपरेटर को 40,000 रुपये वेतन देने की बात कही. उन्होंने कहा कि भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन पूर्व में संचालित योजना एनएचएम के तहत लगभग 10 लाख 22 हजार 265 आशा वर्कर्स कार्यरत हैं. जो कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में लोगों को उनके स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं की जानकारी देते हैं. साथ ही उन्हें स्वास्थ्य सेवा केंद्र तक पहुंचाने में मदद करने और लोगों को साफ सफाई एवं स्वच्छता के महत्व को बताने की अहम जिम्मेदारी निभाते हैं. ऐसे में इन महत्वपूर्ण कार्यों को करने के एवज में सरकार आशा कार्यकत्रियों को कोई मानधन या वेतन नहीं देती.


प्रमुख मांगे इस प्रकार है
1-आशा कार्यकत्री एवं आशा फैसिलिटेटर को ईपीएफ वह ईएमआई के दायरे में लाया जाए तथा पेंशन का भुगतान किया जाए.
2- आशा कार्यकत्री व आशा सहयोगिनी आशा फैसिलिटेटर को कार्य के दौरान दुर्घटना होने पर या मृत्यु होने पर पांच लाख रुपये की राशि का भुगतान मुआवजे के रूप में दिया जाए.
3- रिटायरमेंट बेनिफिट के रूप में एकमुश्त पांच लाख रुपये का भुगतान किया जाए.
4- अनुभवी आशा कार्यकत्रियों को टीकाकरण के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए.
5- उम्र का बंधन हटाते हुए योग्यता धारी आशा कार्यकत्री को एएनएम तथा आशा सहयोगिनी फैसिलिटेटर के पद पर प्रोन्नती प्रदान किया जाए. आशा कार्यकत्री को वर्ष में दो बार यूनिफॉर्म उपलब्ध कराई जाए. साथ ही ड्रेस एलाउंस का भुगतान सुनिश्चित किया जाए.
6- आशा कार्यकत्रियों के लिए चिकित्सालय में विश्राम स्थल की व्यवस्था की जाए.
7- अपने कर्तव्य का निर्वाह करने के लिए आशा कार्यकत्री के द्वारा किए गए सफरी यात्रा के लिए यात्रा भत्ते का भुगतान किया जाए.
8- एनएचएम स्वास्थ्य विभाग उत्तराखंड में समस्त प्रोत्साहन धनराशि व मानदेय का भुगतान समय से किया जाए.
9- ऑल इंडिया मेडिकल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस हॉस्पिटल ऋषिकेश में जच्चा-बच्चा प्रसव हेतु रेफर करने की एवज में आशा कार्यकत्रियों को किसी भी प्रकार की प्रोत्साहन राशि का लाभ नहीं दिया जाता है ऐसी स्थिति में आशा कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन राशि का भुगतान निर्मित किया जाए.

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देहरादून: आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री संगठन, भोजन माता कर्मचारी संघ व फेसिलिलेटर और कार्यकर्ता संगठन के बैनर तले सैकड़ों आशा वर्कर्स ने आज अपनी मांगों को लेकर सचिवालय कूच किया. जहां पहले से ही मौजूद भारी पुलिस बल ने आशा वर्कर्स को बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया. इस दौरान पुलिस और आशा वर्करों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई. सचिवालय कूच कर रही आशा कार्यकत्रियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

न्यूनतम वेतनमान और बोनस समेत कई मांगों को लेकर आशा वर्करों ने शुक्रवार को सचिवालय कूच किया. पुलिस ने सचिवालय से पहले आशा वर्करों को रोक लिया. दरअसल आशा कार्यकत्रियां और भोजन माता इससे पहले भी कई बार अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर चुकी हैं. सचिवालय कूच करने पहुंची आशा कार्यकत्रियों ने कहा कि उनका न्यूनतम वेतनमान18,000 रुपये तथा आशा फैसिलिटेटर को 24,000 रुपये प्रतिमाह वेतन का भुगतान सुनिश्चित किया जाए.

आशा वर्करों ने सरकार के खिलाफ बोला हल्ला


साथ ही उन्होंने ब्लॉक कोऑर्डिनेटर को 35,000 रुपये व डाटा एंट्री ऑपरेटर को 40,000 रुपये वेतन देने की बात कही. उन्होंने कहा कि भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन पूर्व में संचालित योजना एनएचएम के तहत लगभग 10 लाख 22 हजार 265 आशा वर्कर्स कार्यरत हैं. जो कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में लोगों को उनके स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं की जानकारी देते हैं. साथ ही उन्हें स्वास्थ्य सेवा केंद्र तक पहुंचाने में मदद करने और लोगों को साफ सफाई एवं स्वच्छता के महत्व को बताने की अहम जिम्मेदारी निभाते हैं. ऐसे में इन महत्वपूर्ण कार्यों को करने के एवज में सरकार आशा कार्यकत्रियों को कोई मानधन या वेतन नहीं देती.


प्रमुख मांगे इस प्रकार है
1-आशा कार्यकत्री एवं आशा फैसिलिटेटर को ईपीएफ वह ईएमआई के दायरे में लाया जाए तथा पेंशन का भुगतान किया जाए.
2- आशा कार्यकत्री व आशा सहयोगिनी आशा फैसिलिटेटर को कार्य के दौरान दुर्घटना होने पर या मृत्यु होने पर पांच लाख रुपये की राशि का भुगतान मुआवजे के रूप में दिया जाए.
3- रिटायरमेंट बेनिफिट के रूप में एकमुश्त पांच लाख रुपये का भुगतान किया जाए.
4- अनुभवी आशा कार्यकत्रियों को टीकाकरण के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए.
5- उम्र का बंधन हटाते हुए योग्यता धारी आशा कार्यकत्री को एएनएम तथा आशा सहयोगिनी फैसिलिटेटर के पद पर प्रोन्नती प्रदान किया जाए. आशा कार्यकत्री को वर्ष में दो बार यूनिफॉर्म उपलब्ध कराई जाए. साथ ही ड्रेस एलाउंस का भुगतान सुनिश्चित किया जाए.
6- आशा कार्यकत्रियों के लिए चिकित्सालय में विश्राम स्थल की व्यवस्था की जाए.
7- अपने कर्तव्य का निर्वाह करने के लिए आशा कार्यकत्री के द्वारा किए गए सफरी यात्रा के लिए यात्रा भत्ते का भुगतान किया जाए.
8- एनएचएम स्वास्थ्य विभाग उत्तराखंड में समस्त प्रोत्साहन धनराशि व मानदेय का भुगतान समय से किया जाए.
9- ऑल इंडिया मेडिकल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस हॉस्पिटल ऋषिकेश में जच्चा-बच्चा प्रसव हेतु रेफर करने की एवज में आशा कार्यकत्रियों को किसी भी प्रकार की प्रोत्साहन राशि का लाभ नहीं दिया जाता है ऐसी स्थिति में आशा कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन राशि का भुगतान निर्मित किया जाए.

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Intro: आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री संगठन, भोजन माता कर्मचारी संघ व फेसिलिलेटर और कार्यकर्ता संगठन के बैनर तले सैकड़ों आशा वर्करों ने आज अपनी मांगों को लेकर सचिवालय कुछ किया, जहां पहले से ही मौजूद भारी पुलिस पुलिस बल ने सचिवालय से पहले ही बैरिकेडिंग डालकर प्रदर्शनकारियों को वही रोक दिया।


Body:दरअसल आशा कार्यकत्रियां व भोजन माताये इससे पूर्व भी कई बार अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर चुकी हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि आशा कार्यकत्री को न्यूनतम वेतनमान18000 रुपये तथा आशा फैसिलिटेटर को 24000 रुपये प्रतिमाह वेतन का भुगतान सुनिश्चित किया जाए तथा ब्लॉक कोऑर्डिनेटर को 35000 रुपये व डाटा एंट्री ऑपरेटर को 40000 रुपये वेतन प्रदान किया जाए। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन पूर्व में संचालित योजना एनएचएम के तहत लगभग 10 लाख 22 हजार 265 आशा वर्कर्स कार्यरत हैं। इन आशा कर्मियों के द्वारा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में लोगों को उनके स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं की जानकारी देने उन्हें प्राथमिक शिक्षा प्रदान करने और जटिल केस को संदर्भित करने तथा स्वास्थ्य सेवा केंद्र तक पहुंचाने में मदद करने और लोगों को साफ सफाई एवं स्वच्छता के महत्व को बताने की अहम जिम्मेदारी होती है। ऐसे में इन महत्वपूर्ण कार्यों को करने के एवज में सरकार द्वारा आशा कर्मियों को कोई मानधन या वेतन नहीं दिया जाता है ।


Conclusion:प्रमुख मांगे इस प्रकार है
1-आशा कार्यकत्री एवं आशा फैसिलिटेटर को ईपीएफ वह ईएमआई के दायरे में लाया जाए तथा पेंशन का भुगतान किया जाए।
2- आशा कार्यकत्री व आशा सहयोगिनी आशा फैसिलिटेटर को कार्य के दौरान दुर्घटना होने पर या मृत्यु होने पर पाँच लाख रुपये की राशि का भुगतान मुआवजा के रूप में दिया जाए।
3- रिटायरमेंट बेनिफिट के रूप में एकमुश्त पाँच लाख रुपये का भुगतान किया जाए।
4- अनुभवी आशा कार्यकत्रियों को टीकाकरण के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए।
5- उम्र का बंधन हटाते हुए योग्यता धारी आशा कार्यकत्री को एएनएम तथा आशा सहयोगिनी फैसिलिटेटर के पद पर प्रोन्नती प्रदान किया जाए आशा कार्यकत्री को वर्ष में दो बार यूनिफॉर्म उपलब्ध कराई जाए साथ ही ड्रेस एलाउंस का भुगतान सुनिश्चित किया जाए।
6- आशा कार्यकत्रियों के लिए चिकित्सालय में विश्राम स्थल की व्यवस्था की जाए।
7- अपने कर्तव्य का निर्वाह करने के लिए आशा कार्यकत्री के द्वारा किए गए सफरी यात्रा के लिए यात्रा भत्ते का भुगतान किया जाए।
8- एनएचएम स्वास्थ्य विभाग उत्तराखंड में समस्त प्रोत्साहन धनराशि व मानदेय का भुगतान समय से किया जाए।
9- ऑल इंडिया मेडिकल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस हॉस्पिटल ऋषिकेश मैं जच्चा-बच्चा प्रसव हेतु रेफर करने की एवज में आशा कार्यकत्रियों को किसी भी प्रकार की प्रोत्साहन राशि का लाभ नहीं दिया जाता है ऐसी स्थिति में आशा कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन राशि का भुगतान निर्मित किया जाए।
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