देहरादून: साल 2017 में लोकनिर्माण विभाग में ठेकों को लेकर हुई गड़बड़ी और चहेतों को फायदा पहुंचाने को के मामले में पूर्व अधिशासी अभियंता वाई एन राजवंशी पर बड़े घोटाले का आरोप लगा था. अब डेढ़ साल बाद राज्यपाल की ओर से शासन के अपर सचिव ओम प्रकाश द्वारा इस मामले में कार्रवाई की गई है. जिसके तहत पूर्व अधिशासी अभियंता के खिलाफ चार्जशीट जारी दाखिल की गई है. जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ नेगी ने जानकारी देते हुए बताया कि पूर्व अधिशासी अभियंता ने समाचर पत्रों और अधिकारियों के साथ सांठ-गांठ कर टेंडरों की स्वीकृति में बड़ा घोटाला किया था.
रघुनाथ नेगी ने बताया कि साल 2017 में लोक निर्माण विभाग में लगभग 2 करोड़ से अधिक के आठ कार्य बिना टेंडर और मानकों के ही अपने चहेतों को दिए गए. जिसके लिए न तो कोई विज्ञप्ति निकाली गई और न ही दूसरे ठेकेदारों से टेंडर मांगें गए. सबसे बड़ा खेल टेंडर में आवंटन में किया गया. जिससे सरकार को लगभग 25% राजस्व का नुकसान हुआ. साथ ही इसके कारण दूसरे ठेकेदार भी कार्य से वंचित रहे. विभाग ने केवल दो-तीन अखबार में ही विज्ञप्ति छपवा कर उसमें टेंडर दिखाया .
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रघुनाथ नेगी ने बताया कि इस पूरे मामले को लेकर जन संघर्ष मोर्चा ने राजभवन और सूचना आयोग पर जांच के लिए दबाव बनाया था. सचिव ओमप्रकाश ने मामले को संज्ञान में लेते हुए सेवानिवृत्त अधिशासी अभियंता वाईएन राजवंशी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है. उन्होंने कहा कि अधिशासी अभियंता से इस घोटाले की रिकवरी की जाएगी. साथ ही उन्हें इस मामले में जेल भी जाना पड़ सकता है.