देहरादूनः देहरादून के एक पैथोलॉजी व इमेजिंग सेंटर की लापरवाही के कारण पैदा हुए विकृत बच्चे की मां और पिता ने उस पैथोलॉजी सेंटर पर कार्रवाई करने की मांग की है जिसने उनके हाथों में गलत अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट दी थी. अब बच्चे के माता-पिता ने मीडिया के सामने आकर उस पैथोलॉजी सेंटर के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है.
मीडिया को जानकारी देते हुए बच्चे के पिता प्रमोद पाठक ने बताया कि जब उनकी पत्नी 19 सप्ताह की गर्भवती थी तब वे अल्ट्रासाउंड कराने एक नामी पैथोलॉजी सेंटर पर गए थे. जांच के बाद इमेजिंग सेंटर ने रिपोर्ट सौंपते हुए कहा कि उनका बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है, लेकिन उन्होंने इस बात की जानकारी नहीं दी कि बच्चा भंग तालू एवं भंग होठ के साथ ही हृदय रोग से ग्रस्त है और बच्चे का हृदय दांयी ओर है.
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इसके बाद 29 अक्टूबर 2018 को उन्होंने पुत्र को जन्म दिया जिसके होंठ और तालू कटे हुए थे और हृदय अपने स्थान पर होने की बजाय दांयी तरफ था. इसके बाद उन्होंने इमेजिंग सेंटर की शिकायत देहरादून के सीएमओ डॉ एस के गुप्ता से की.
मामले की गंभीरता को देखते हुए सीएमओ देहरादून में जांच टीम गठित की. जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट सीएमओ को सौंपते हुए पाया कि जांच रिपोर्ट में चूक हुई है, लेकिन जब पाठक दंपति ने इमेजिंग सेंटर पर कार्रवाई की बात की तो सीएमओ कार्यालय से पता चला कि किसी भी पैथोलॉजिस्ट का लाइसेंस रद्द करना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है.
अब पाठक दंपती ने मीडिया के सामने आकर पैथोलॉजी तथा इमेजिंग सेंटर पर कार्रवाई करने की मांग की है. बच्चे के पिता के मुताबिक बीती 28 जनवरी को उन्होंने इमेजिंग सेंटर द्वारा दी गई जांच रिपोर्ट सीएमओ देहरादून को प्रस्तुत कर दी थी और कार्रवाई की मांग की थी.
उसके बाद 6 जून को सीएमओ द्वारा रिपोर्ट मिली है जिसमें इमेजिंग सेंटर को दोषी करार दिया गया है. उन्होंने मांग की है कि पैथोलॉजी लैब का लाइसेंस रद्द किया जाए, अन्यथा उन्हें इस मामले को लेकर जहां भी जाना पड़ेगा वो वहां तक जाएंगे.