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बागेश्वर: सड़क का शुभारंभ करने आए बीजेपी सांसद ग्रामीणों का आक्रोश देख उल्टे पैर लौटे

ग्रामीणों ने साफ कर दिया है कि तीन दिन के अंदर यदि उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वो सरकार और प्रशासन के खिलाफ उग्र आंदोलन करेंगे.

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Published : Sep 15, 2019, 1:30 AM IST

बागेश्वर

बागेश्वर: शामा से रमाड़ी-तेजम-ज्ञानधुरा तक का छह किमी लंबा मोटर मार्ग बनने से पहले ही विवादों के घेरे में आ गया. स्वीकृत सड़क को कटाने गई जेसीबी को ग्रामीणों ने रोक दिया. इस दौरान अल्मोड़ा से बीजेपी सांसद अजय टम्टा और कपकोट विधायक को भी ग्रामीणों के आक्रोश का सामना करना पड़ा है. दोनों सड़क निर्माण के कार्य का शुभारंभ करने आए थे.

ग्रामीणों के विरोध प्रदर्शन करने के बाद सांसद और विधायक को बिना शुभारंभ के ही वापस लौटना पड़ा. हालांकि बाद में कुछ लोगों की मौजूदगी में सांसद ने सड़क निर्माण स्थल से कुछ दूरी पर रिबन काटा, लेकिन ग्रामीणों के विरोध प्रदर्शन की वजह से सड़क निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया और जेसीबी मशीन को वापस जाना पड़ा.

पढ़ें- हंगामा है क्यों बरपा? बीजेपी नेता का चालान ही तो कटा है

ग्रामीणों का आरोप है कि मोटर मार्ग का कटान स्थानीय लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए है, जो कुछ प्रभावशाली लोगों की मिलीभगत से कराया जा रहा था. ग्राम पंचायत सदस्यों के फर्जी हस्ताक्षर करा कर सड़क स्वीकृत कराई गई है. यह मोटर मार्ग 17 सालों से विवादित चल रहा है. इस सड़क के कटान से गरीब परिवारों के मकानों और लघु कृषि भूमि को खतरा होगा.

बीजेपी सांसद ग्रामीणों का आक्रोश देख उल्टे पैर लौटे

बता दें कि गरीब किसान और निर्धन अनुसूचित जाति के लोग 12 सितंबर से धरने पर भी बैठ हुए हैं. उनकी मांग है कि जेसीबी मशीन वापस मंगाई जाए. ग्रामीणों ने साफ कर दिया है कि तीन दिन के अंदर यदि उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वो सरकार और प्रशासन के खिलाफ उग्र आंदोलन करेंगे.

पढ़ें- सीएम त्रिवेंद्र ने ली चुटकी, कहा- कांग्रेस ने षड्यंत्र कर शहर में छोड़े डेंगू के मच्छर

वहीं इस मामले में बागेश्वर जिलाधिकारी रंजना राजगुरू ने कहा कि उसने पास इस संबंध को ज्ञापन नहीं आया है. सड़क को विरोध क्यों किया जा रहा है इसको लेकर कपकोट एसडीएम से जांच रिपोर्ट मांगी गई है. रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी.

बागेश्वर: शामा से रमाड़ी-तेजम-ज्ञानधुरा तक का छह किमी लंबा मोटर मार्ग बनने से पहले ही विवादों के घेरे में आ गया. स्वीकृत सड़क को कटाने गई जेसीबी को ग्रामीणों ने रोक दिया. इस दौरान अल्मोड़ा से बीजेपी सांसद अजय टम्टा और कपकोट विधायक को भी ग्रामीणों के आक्रोश का सामना करना पड़ा है. दोनों सड़क निर्माण के कार्य का शुभारंभ करने आए थे.

ग्रामीणों के विरोध प्रदर्शन करने के बाद सांसद और विधायक को बिना शुभारंभ के ही वापस लौटना पड़ा. हालांकि बाद में कुछ लोगों की मौजूदगी में सांसद ने सड़क निर्माण स्थल से कुछ दूरी पर रिबन काटा, लेकिन ग्रामीणों के विरोध प्रदर्शन की वजह से सड़क निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया और जेसीबी मशीन को वापस जाना पड़ा.

पढ़ें- हंगामा है क्यों बरपा? बीजेपी नेता का चालान ही तो कटा है

ग्रामीणों का आरोप है कि मोटर मार्ग का कटान स्थानीय लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए है, जो कुछ प्रभावशाली लोगों की मिलीभगत से कराया जा रहा था. ग्राम पंचायत सदस्यों के फर्जी हस्ताक्षर करा कर सड़क स्वीकृत कराई गई है. यह मोटर मार्ग 17 सालों से विवादित चल रहा है. इस सड़क के कटान से गरीब परिवारों के मकानों और लघु कृषि भूमि को खतरा होगा.

बीजेपी सांसद ग्रामीणों का आक्रोश देख उल्टे पैर लौटे

बता दें कि गरीब किसान और निर्धन अनुसूचित जाति के लोग 12 सितंबर से धरने पर भी बैठ हुए हैं. उनकी मांग है कि जेसीबी मशीन वापस मंगाई जाए. ग्रामीणों ने साफ कर दिया है कि तीन दिन के अंदर यदि उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वो सरकार और प्रशासन के खिलाफ उग्र आंदोलन करेंगे.

पढ़ें- सीएम त्रिवेंद्र ने ली चुटकी, कहा- कांग्रेस ने षड्यंत्र कर शहर में छोड़े डेंगू के मच्छर

वहीं इस मामले में बागेश्वर जिलाधिकारी रंजना राजगुरू ने कहा कि उसने पास इस संबंध को ज्ञापन नहीं आया है. सड़क को विरोध क्यों किया जा रहा है इसको लेकर कपकोट एसडीएम से जांच रिपोर्ट मांगी गई है. रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी.

Intro:बागेश्वर।

एंकर- बागेश्वर शामा से रमाड़ी-तेजम-ज्ञानधुरा छह किमी नई सड़क बनने से पूर्व ही विवादों के घेरे में आ गई है। स्वीकृत सड़क को कटाने गई जेसीबी मशीन को ग्रामीणों ने रोक दिया है। सड़क का निर्माण व् शुभारम्भ करने पहुंचे अल्मोड़ा बागेश्वर सांसद अजय टम्टा व् स्थानीय कपकोट विधायक को भारी विरोध का सामना करना पड़ा सड़क निर्माण कार्य उद्घटान करे बगैर बैरंग लौटना पड़ा। जनप्रतिधियों के काफी समझाने के बाद भी आक्रोशित ग्रामीण तस से मस नहीं हुए। हालाँकि बाद में कुछ मौजूदगी में सांसद ने सड़क निर्माण स्थल से कुछ दुरी पर सड़क का रिबिन काटा।
इसके बावजूद सड़क निर्माण कार्य ग्रामीणों ने अब तक रोका हुआ है। सड़क के विरोध में धरना प्रदर्शन लगातार जारी है।

वीओ 1- वहीँ ग्रामीणों ने कहा कि सड़क से स्थानीय लोगों को कोई लाभ नहीं है और यह सरकारी धन की बर्बादी है। स्वीकृत मोटर मार्ग का निर्माण कार्य शुरू होना था। सांसद और विधायक को सड़क का शुभारंभ करना था। जेसीबी मशीन सड़क कटान को गांव पहुंच गई, लेकिन ग्रामीणों के भारी विरोध के बाद सड़क का शुभारंभ नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि मोटर मार्ग का कटान स्थानीय लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए नहीं वरन कुछ प्रभावशाली लोगों की मिलीभगत से कराया जा रहा था। स्थानीय लोगों ने जिसका भरपूर विरोध किया है और जेसीबी नहीं चलने दी है। यह मोटर मार्ग 17 सालों से विवादित चल रहा है और ग्राम पंचायत सदस्यों के फर्जी हस्ताक्षर करा कर सड़क स्वीकृत कराई गई है। जिससे गरीब परिवारों के मकानों ओर लघु कृषि भूमि को खतरा होगा। बताया कि गरीब किसान और निर्धन अनुसूचित जाति के लोग 12 सितंबर से धरने पर भी बैठ हुए हैं। उन्होंने कहा कि जेसीबी मशीन वापस मंगाई जाए और उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया तीन दिन के भीतर कार्रवाई नहीं हुइ तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।

बाईट 01- कमल कोरंगा,स्थानीय

वीओ. 2- वहीँ इस मामले में जिलाधिकारी का कहना है इस संबध में अभी कोई ज्ञापन प्राप्त नहीं हुआ लेकिन सड़क का विरोध क्यों हुआ वहाँ पर हमने कपकोट एसडीएम से जाँच रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट आने के बाद ही स्पस्ट हो पाएगा असल में ग्रामीणों की डिमांड क्या है।

बाईट 03- रंजना राजगुरू, जिलाधिकारी बागेश्वर।Body:वीओ 1- वहीँ ग्रामीणों ने कहा कि सड़क से स्थानीय लोगों को कोई लाभ नहीं है और यह सरकारी धन की बर्बादी है। स्वीकृत मोटर मार्ग का निर्माण कार्य शुरू होना था। सांसद और विधायक को सड़क का शुभारंभ करना था। जेसीबी मशीन सड़क कटान को गांव पहुंच गई, लेकिन ग्रामीणों के भारी विरोध के बाद सड़क का शुभारंभ नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि मोटर मार्ग का कटान स्थानीय लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए नहीं वरन कुछ प्रभावशाली लोगों की मिलीभगत से कराया जा रहा था। स्थानीय लोगों ने जिसका भरपूर विरोध किया है और जेसीबी नहीं चलने दी है। यह मोटर मार्ग 17 सालों से विवादित चल रहा है और ग्राम पंचायत सदस्यों के फर्जी हस्ताक्षर करा कर सड़क स्वीकृत कराई गई है। जिससे गरीब परिवारों के मकानों ओर लघु कृषि भूमि को खतरा होगा। बताया कि गरीब किसान और निर्धन अनुसूचित जाति के लोग 12 सितंबर से धरने पर भी बैठ हुए हैं। उन्होंने कहा कि जेसीबी मशीन वापस मंगाई जाए और उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया तीन दिन के भीतर कार्रवाई नहीं हुइ तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।

बाईट 01- कमल कोरंगा,स्थानीय

वीओ. 2- वहीँ इस मामले में जिलाधिकारी का कहना है इस संबध में अभी कोई ज्ञापन प्राप्त नहीं हुआ लेकिन सड़क का विरोध क्यों हुआ वहाँ पर हमने कपकोट एसडीएम से जाँच रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट आने के बाद ही स्पस्ट हो पाएगा असल में ग्रामीणों की डिमांड क्या है।

बाईट 03- रंजना राजगुरू, जिलाधिकारी बागेश्वर।Conclusion:
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