बागेश्वर: शामा से रमाड़ी-तेजम-ज्ञानधुरा तक का छह किमी लंबा मोटर मार्ग बनने से पहले ही विवादों के घेरे में आ गया. स्वीकृत सड़क को कटाने गई जेसीबी को ग्रामीणों ने रोक दिया. इस दौरान अल्मोड़ा से बीजेपी सांसद अजय टम्टा और कपकोट विधायक को भी ग्रामीणों के आक्रोश का सामना करना पड़ा है. दोनों सड़क निर्माण के कार्य का शुभारंभ करने आए थे.
ग्रामीणों के विरोध प्रदर्शन करने के बाद सांसद और विधायक को बिना शुभारंभ के ही वापस लौटना पड़ा. हालांकि बाद में कुछ लोगों की मौजूदगी में सांसद ने सड़क निर्माण स्थल से कुछ दूरी पर रिबन काटा, लेकिन ग्रामीणों के विरोध प्रदर्शन की वजह से सड़क निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया और जेसीबी मशीन को वापस जाना पड़ा.
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ग्रामीणों का आरोप है कि मोटर मार्ग का कटान स्थानीय लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए है, जो कुछ प्रभावशाली लोगों की मिलीभगत से कराया जा रहा था. ग्राम पंचायत सदस्यों के फर्जी हस्ताक्षर करा कर सड़क स्वीकृत कराई गई है. यह मोटर मार्ग 17 सालों से विवादित चल रहा है. इस सड़क के कटान से गरीब परिवारों के मकानों और लघु कृषि भूमि को खतरा होगा.
बता दें कि गरीब किसान और निर्धन अनुसूचित जाति के लोग 12 सितंबर से धरने पर भी बैठ हुए हैं. उनकी मांग है कि जेसीबी मशीन वापस मंगाई जाए. ग्रामीणों ने साफ कर दिया है कि तीन दिन के अंदर यदि उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वो सरकार और प्रशासन के खिलाफ उग्र आंदोलन करेंगे.
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वहीं इस मामले में बागेश्वर जिलाधिकारी रंजना राजगुरू ने कहा कि उसने पास इस संबंध को ज्ञापन नहीं आया है. सड़क को विरोध क्यों किया जा रहा है इसको लेकर कपकोट एसडीएम से जांच रिपोर्ट मांगी गई है. रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी.