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खड़िया खनन के विरोध में ग्रामीणों का आमरण अनशन, ठेकेदार पर लगाया धमकाने का आरोप - बागेश्वर लेटेस्ट न्यूज

उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में खड़िया खनन का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. खड़िया खनन के विरोध में बखेत गांव के ग्रामीणों ने आमरण अनशन शुरू कर दिया है.

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Published : Jan 9, 2023, 3:34 PM IST

बागेश्वर: खड़िया खनन से प्रभावित जमीन के मुआवजे की मांग को लेकर कांडा तहसील के बखेत गांव के ग्रामीणों ने आमरण अनशन शुरू कर दिया है. ग्रामीणों ने खनन ठेकेदार पर डराने धमकाने का भी आरोप लगाया है. ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द मामले का संज्ञान लेकर समस्या का निदान करने की मांग की है. बखेत के ग्रामीणों ने कल शाम से अनशन शुरू किया और अनशन पर बैठे. सोमवार को भी उनका अनशन जारी रहा. ग्रामीणों के आंदोलन को समर्थन देने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता बालकृष्ण भी मौके पर गए और धरने में बैठे.
पढ़ें- रिद्वार में 35 लाख की डकैती का खुलासा, चार गिरफ्तार, फरार तीन डकैतों की तलाश में पुलिस

ग्रामीणों का कहना है कि उनकी जमीन को खनन करने वालों ने बर्बाद कर दिया है. जमीन को हुए नुकसान का मुआवजा मांगने पर धमकी दी जा रही है. कहा कि जमीन को नुकसान होने से ग्रामीण खेती नहीं कर पा रहे हैं. पहले घर पर ही राशन हो जाता था, अब परेशानी उठानी पड़ रही है.

कहा कि पूर्व में खान अधिकारी, एसपी और डीएम को ज्ञापन भी दिया गया, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया. ग्रामीणों का कहना है कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता, अनशन जारी रहेगा. वही ग्रामीण महिला ने बताया कि खान मालिक द्वारा उनको कोई भी धनराशि नहीं दी गई है.
पढ़ें- ल्द्वानी में स्टोन क्रशर ने खोद डाली वन विभाग की भूमि, ₹1.80 करोड़ का लगा जुर्माना

उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाती है. वह अनशन नहीं उठेगी. अब या तो यही मरेंगे या हमारी मांग पूरी होगी. वही समाजसेवी बालकृष्ण ने बताया कि इस मामले को लेकर उनके द्वारा जिलाधिकारी के जनता दरबार स्थानीय जनप्रतिनिधि व अन्य से शिकायत कर चुके हैं. लेकिन उनकी मांग पर किसी ने कोई गौर नहीं किया. उन्होंने कहा की मजबूरी में उनको व ग्रामीणों को आमरण अनशन करने पर मजबूर होना पड़ रहा है. जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाएगी, वह धरना समाप्त नहीं करेंगे.

बागेश्वर: खड़िया खनन से प्रभावित जमीन के मुआवजे की मांग को लेकर कांडा तहसील के बखेत गांव के ग्रामीणों ने आमरण अनशन शुरू कर दिया है. ग्रामीणों ने खनन ठेकेदार पर डराने धमकाने का भी आरोप लगाया है. ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द मामले का संज्ञान लेकर समस्या का निदान करने की मांग की है. बखेत के ग्रामीणों ने कल शाम से अनशन शुरू किया और अनशन पर बैठे. सोमवार को भी उनका अनशन जारी रहा. ग्रामीणों के आंदोलन को समर्थन देने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता बालकृष्ण भी मौके पर गए और धरने में बैठे.
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ग्रामीणों का कहना है कि उनकी जमीन को खनन करने वालों ने बर्बाद कर दिया है. जमीन को हुए नुकसान का मुआवजा मांगने पर धमकी दी जा रही है. कहा कि जमीन को नुकसान होने से ग्रामीण खेती नहीं कर पा रहे हैं. पहले घर पर ही राशन हो जाता था, अब परेशानी उठानी पड़ रही है.

कहा कि पूर्व में खान अधिकारी, एसपी और डीएम को ज्ञापन भी दिया गया, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया. ग्रामीणों का कहना है कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता, अनशन जारी रहेगा. वही ग्रामीण महिला ने बताया कि खान मालिक द्वारा उनको कोई भी धनराशि नहीं दी गई है.
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उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाती है. वह अनशन नहीं उठेगी. अब या तो यही मरेंगे या हमारी मांग पूरी होगी. वही समाजसेवी बालकृष्ण ने बताया कि इस मामले को लेकर उनके द्वारा जिलाधिकारी के जनता दरबार स्थानीय जनप्रतिनिधि व अन्य से शिकायत कर चुके हैं. लेकिन उनकी मांग पर किसी ने कोई गौर नहीं किया. उन्होंने कहा की मजबूरी में उनको व ग्रामीणों को आमरण अनशन करने पर मजबूर होना पड़ रहा है. जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाएगी, वह धरना समाप्त नहीं करेंगे.

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