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बागेश्वर: 40 सालों से सड़क निर्माण की बाट जोह रहा गांव, कोई सुधलेवा नहीं - Bageshwar hindi samachar

बागेश्वर के थकला हयाणी गांव के लोग पिछले 40 सालों से सड़क निर्माण की बाट जोह रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि मामले की गुहार जनप्रतिनिधियों से कई बार लगा चुके हैं, लेकिन उन्हें हर बार केवल आश्वासन दे कर लौटा दिया जाता है.

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सड़क निर्माण का इंतजार कर रहे ग्रामीण
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Published : Sep 3, 2020, 2:59 PM IST

बागेश्वर: जिले के गरुड़ तहसील के दूरस्थ गांव थकला हयाणी में 4 किमी सड़क का निर्माण आज तक नहीं हो पाया है. इस गांव के लोग सड़क बनने का पिछले 40 सालों से इंतजार है. साथ ही यहां मूलभूत सुविधाओं का आभाव भी बना हुआ है. ग्रामीण लोगों का कहना है कि प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से कई बार मामले की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई भी जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है.

सड़क निर्माण का इंतजार कर रहे ग्रामीण

दरअसल, बागेश्वर जिले के अंतिम गांव थाकला, हयाणी के लोग आज तक सड़क मार्ग से वंचित हैं. साथ ही मूलभूत सुविधाओं का आभाव है. इन गांवों में पैदल चलने के लिए खड़ंजे तक नहीं हैं. बरसात के दिनों में यहां की हालात और भी भयावह हो जाते हैं. ग्रामीण अपनी जान जोखिम में डालकर तहसील और जिला मुख्यालय तक का रास्ता तय करने को मजबूर हैं. ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें जिम्मेदारों से अभी तक सिर्फ झूठा आश्वासन ही मिला है.

ये भी पढ़ें: भूस्खलन से मौत के मामले में उत्तराखंड दूसरे नंबर पर, NCRB ने जारी किए आंकड़े

ग्रामीणों ने क्षेत्रीय विधायक चंदन राम दास पर भी गांव की अनदेखी का आरोप लगाया है. ग्रामीणों की मानें तो विधायक सिर्फ चुनाव के दौरान ही नजर आते हैं. 13 सालों में थाकला, हयाणी की तस्वीर नहीं बदल पाई है. ग्रामीण का कहना है कि वो पिछले 40 सालों से बरसाती नाले पर पुलिया बनाने और गांव में सड़क की मांग कर रहे हैं. अब देखने ये होगा कि आखिर कब तक इन गांवों के ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा जाएगा? और कब तक इन गांवों सड़क नसीब होगी?

बागेश्वर: जिले के गरुड़ तहसील के दूरस्थ गांव थकला हयाणी में 4 किमी सड़क का निर्माण आज तक नहीं हो पाया है. इस गांव के लोग सड़क बनने का पिछले 40 सालों से इंतजार है. साथ ही यहां मूलभूत सुविधाओं का आभाव भी बना हुआ है. ग्रामीण लोगों का कहना है कि प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से कई बार मामले की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई भी जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है.

सड़क निर्माण का इंतजार कर रहे ग्रामीण

दरअसल, बागेश्वर जिले के अंतिम गांव थाकला, हयाणी के लोग आज तक सड़क मार्ग से वंचित हैं. साथ ही मूलभूत सुविधाओं का आभाव है. इन गांवों में पैदल चलने के लिए खड़ंजे तक नहीं हैं. बरसात के दिनों में यहां की हालात और भी भयावह हो जाते हैं. ग्रामीण अपनी जान जोखिम में डालकर तहसील और जिला मुख्यालय तक का रास्ता तय करने को मजबूर हैं. ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें जिम्मेदारों से अभी तक सिर्फ झूठा आश्वासन ही मिला है.

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ग्रामीणों ने क्षेत्रीय विधायक चंदन राम दास पर भी गांव की अनदेखी का आरोप लगाया है. ग्रामीणों की मानें तो विधायक सिर्फ चुनाव के दौरान ही नजर आते हैं. 13 सालों में थाकला, हयाणी की तस्वीर नहीं बदल पाई है. ग्रामीण का कहना है कि वो पिछले 40 सालों से बरसाती नाले पर पुलिया बनाने और गांव में सड़क की मांग कर रहे हैं. अब देखने ये होगा कि आखिर कब तक इन गांवों के ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा जाएगा? और कब तक इन गांवों सड़क नसीब होगी?

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