बागेश्वरः पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बागनाथ धाम में स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत प्रस्तावित निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया. साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों के साथ जिला कार्यालय में बैठक कर जरुरी दिशा निर्देश दिए. इस मौके पर उन्होंने कहा कि बागनाथ मंदिर समेत आसपास के क्षेत्रों को दिव्य एवं भव्य स्वरूप देने के लिए विकास कार्य किए जाएंगे.
सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने कहा कि हर साल बागनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है. ऐसे में मंदिर तक पहुंचने के लिए सुगम एवं सुरक्षित रास्तों का निर्माण कार्य किया जाना है. साथ ही स्थानीय लोगों की आर्थिकी को बढ़ाने के मद्देनजर विकास कार्य किए जाने हैं. उन्होंने कहा कि सभी लोगों के आस्था के प्रतीक घाटों का बेहतर विकास किया जाए.
उन्होंने कहा कि जिले की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, धार्मिक और प्राकृतिक विरासत में पर्यटन के विकास व रोजगार सृजन के लिए विशाल क्षमता है. इसलिए पर्यटन सर्किट के एकीकृत विकास के उद्देश्य से स्वदेश दर्शन योजना के अंतगर्त कार्य किए जाएं. पर्यटक परिपथों को विकसित करने की आवश्यकता है. विभिन्न प्रकार की थीम जो क्षेत्र के लिए अनुपम और विशेष हैं, उनमें धर्म, संस्कृति, विरासत आदि को शामिल किया जाए.
दिलीप जावलकर ने कहा कि पर्यटक परिपथों को इस प्रकार विकसित किया जाना चाहिए, जो समुदाय और पर्यटन दोनों की मांगों को समग्र रूप से पूरा करता है. पर्यटन परिपथों को विश्वस्तरीय अवसंरचना के विकास के जरिए सतत रूप से पर्यटकों के आकर्षण को बढ़ाया जा सकता है. पारिस्थितिकीय और सांस्कृतिक संरक्षण के साथ ईको-पर्यटन को विकसित किया जाए.
ये भी पढ़ेंः बागेश्वर की नगरदेवी हैं माता चंडिका, चंद शासकों से जुड़ा है इतिहास
उन्होंने कहा कि योजनबद्ध और प्राथमिकता के आधार पर पर्यटन क्षमता वाले साइटों को विकसित किया जाए. उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक और पारंपरिक मूल्यों को बढावा देना होगा. आजीविका पैदा करने के लिए स्थानीय कला, संस्कृति, हस्तशिल्प, व्यजंन आदि को बढ़ावा दिया जाए. उन्होंने जन प्रतिनिधियों समेत स्टेक होल्डरों के परामर्श से विश्वस्तरीय पर्यटन उत्पादों के रूप में प्रदर्शित किए जाने वाले क्षमतावान थीम आधारित क्षेत्रों की पहचान करने को कहा.
पर्यटकों के लिए सभी सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए समग्र क्षेत्र विकास की संकल्पना का पालन किया जाए. पर्यटन सचिव ने कहा कि जो भी प्रोजेक्ट बनाया जाएं, उसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों, मंदिर समिति, जूना अखाड़ा समेत व्यापार मंडल के पदाधिकारियों से वार्ता जरूर कर ली जाए. अवस्थापना के जो भी कार्य किए जाएं, उनमें मानकों का अनिवार्य रूप से पालन किया जाए. यदि प्रोजेक्ट बनाने में किसी व्यक्ति की जमीन आती है तो संबंधित व्यक्ति से भी वार्ता कर ली जाए.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में पहली बार हिमनद को वर्षा आधारित नदियों से जोड़ा जाएगा, जानिए फायदा
वहीं, जिलाधिकारी विनीत कुमार (Bageshwar DM Vineet Kumar) ने पर्यटन सचिव को अवगत कराया कि स्वदेश दर्शन योजना के तहत बागनाथ एवं बाणेश्वर मंदिर में रासायनिक उपचार, पटालीकरण के साथ ही जूना आखाड़ा साइट से दीवार कार्य किया जाएगा. वाणेश्वर मंदिर गेट निर्माण, सरयू एवं गोमती घाटों का सुदृढीकरण, सरयू व गोमती नदी के तटों पर स्थित प्रतिधारक दीवारों को निर्माण, यात्रियों के आवागमन के लिए तीन से पांच मीटर चौड़ाई वाले पैदल पथ निर्माण किया जाएगा.
ओवर ब्रिज, हाईटेक शौचालय, मल्टी लेवल पार्किंग, प्राथमिक चिकित्सा सुविधा, कूडादान, स्वच्छ पेयजल, बेंच, सोलर पांवर जैनरेशन प्लांट, इनफॉरमेशन सेंटर/सुविधा केंद्र, सीसीटीवी स्थापित करने, बाजार क्षेत्र से विद्युत तारों को अंडरग्राउंड करने, दुकानों व भवनों को पारंपरिक शैली में विकसित करने की बात कही. वहीं, बागनाथ मंदिर की स्टोरी को म्यूरल के माध्यम से डिस्प्ले करने समेत आदि कार्य करने के साथ ही महंत बगीचे का डपलपमेंट कार्य किए जाएंगे. साथ ही उन्होंने बताया कि चंडिका व निलेश्वर मंदिर को भी पर्यटन सर्किट से जोड़ने के लिए रोप-वे का प्रस्ताव तैयार किया जाएगा.