बागेश्वर: टनकपुर बागेश्वर रेल मार्ग निर्माण संघर्ष समिति ने तहसील परिसर में प्रदर्शन किया. आंदोलनकारियों ने कहा सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रेल लाइन का निर्माण अधर में लटका हुआ है. सर्वे के अलावा और कुछ नहीं हो रहा है. उन्होंने केंद्र सरकार से तत्काल सर्वे कराकर रेल मार्ग के निर्माण की मांग की. ऐसा नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी. आंदोलनकारियों ने कहा रेल आने से ही जिले का विकास होगा. पर्यटन से लेकर अन्य गतिविधियां बढ़ेंगी. क्षेत्र का विकास होगा.
रेल लाइन संघर्ष समिति के अध्यक्ष नीमा दफौटी के नेतृत्व में लोग तहसील परिसर में एकत्र हुए. उन्होंने यहां नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा 1882 में सबसे पहले इस मार्ग का सर्वे हुआ. उसके बाद 1912, 1980, 2006, 08, 09 तथा 2012 में सर्वे हो चुका है. साथ ही एक सर्वे अभी चल रहा है. इसके अलावा इस मांग को केंद्र सरकार ने पहले ही राष्ट्रीय प्रोजक्ट में भी शामिल कर दिया है. रेल आने से ही जिले का विकास होगा. पर्यटन से लेकर अन्य गतिविधियां बढ़ेंगी.
उन्होंने कहा की पीएम मोदी और सीएम धामी के द्वारा जल्द रेल निर्माण की बात कही जा रही है, लेकिन जिस तरीके से सर्वे यहां धीमी गति से चल रहा है उससे रेल मार्ग के जल्द बनने पर संशय बना हुआ है. उन्होंने कहा लगातार उनके द्वारा सर्वे की डिटेल मांगी जा रही है लेकिन उन्हें डिटेल अभी तक नहीं दी गई. आरटीआई के माध्यम से जानकारी मिली कि सर्वे अभी तक 10 % भी नहीं हुआ, जो काफी चिंतनीय है. रेल संघर्ष समिति के प्रताप सिंह गढ़िया ने बताया वह लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं. उन्होंने कहा सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस रेल लाइन के लिए तेजी से काम करने की जरूरत है. जिस तरह से यह सर्वे ही धीमी गति से हो रहा है उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि काम किस तरीके से हो सकता है. उन्होंने कहा इसमें तेजी लाने की जरूरत है.