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टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन को लेकर संघर्ष समिति का प्रदर्शन, केंद्र से बजट मंजूर करने की मांग - केंद्र सरकार से तत्काल बजट मंजूर करने की मांग

टनकपुर बागेश्वर रेल लाइन निर्माण को लेकर संघर्ष समिति ने बागेश्वर तहसील में प्रदर्शन किया. उन्होंने केंद्र सरकार से तत्काल बजट मंजूर करने की मांग की और ऐसा नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी.

Tanakpur Bageshwar rail line
टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन
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Published : Nov 28, 2021, 4:38 PM IST

बागेश्वर: टनकपुर-बागेश्वर रेल मार्ग (Tanakpur Bageshwar rail line) निर्माण संघर्ष समिति ने तहसील कार्यालय में प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रेल लाइन का निर्माण अधर में लटका हुआ है. अंग्रेजी हुकुमत से लेकर अभी तक सर्वे के अलावा और कुछ नहीं हो सका है. उन्होंने केंद्र सरकार से तत्काल बजट मंजूर करने की मांग की और ऐसा नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी.

संघर्ष समिति की अध्यक्ष नीमा दफौटी के नेतृत्व में लोग तहसील परिसर में एकत्र हुए. उन्होंने यहां नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि टनकपुर-बागेश्वर रेल मार्ग सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है. अंग्रेजी हुकुमत से लेकर आज तक मार्ग की सात बार सर्वे हो चुकी है. फिर से केंद्र सरकार सर्वे के लिए बजट मंजूर करने की बात कर रही है.

ये भी पढ़ें: इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएगा चाइना बॉर्डर के पास बसा ये गांव? 35 मकान जमींदोज, खिसक रही जमीन

1882 में सबसे पहले इस मार्ग की सर्वे हुई. उसके बाद 1912, 1980, 2006, 08, 09 तथा 2012 में सर्वे हो चुकी है. इसके अलावा इस मांग को पूर्व केंद्र सरकार ने पहले ही राष्ट्रीय प्रोजक्ट में भी शामिल कर दिया था. अब बजट स्वीकृत कर मार्ग निर्माण शुरू करना चाहिए. रेल आने से ही जिले का विकास होगा और पर्यटन से लेकर अन्य गतिविधियां बढ़ेगी.

बागेश्वर: टनकपुर-बागेश्वर रेल मार्ग (Tanakpur Bageshwar rail line) निर्माण संघर्ष समिति ने तहसील कार्यालय में प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रेल लाइन का निर्माण अधर में लटका हुआ है. अंग्रेजी हुकुमत से लेकर अभी तक सर्वे के अलावा और कुछ नहीं हो सका है. उन्होंने केंद्र सरकार से तत्काल बजट मंजूर करने की मांग की और ऐसा नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी.

संघर्ष समिति की अध्यक्ष नीमा दफौटी के नेतृत्व में लोग तहसील परिसर में एकत्र हुए. उन्होंने यहां नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि टनकपुर-बागेश्वर रेल मार्ग सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है. अंग्रेजी हुकुमत से लेकर आज तक मार्ग की सात बार सर्वे हो चुकी है. फिर से केंद्र सरकार सर्वे के लिए बजट मंजूर करने की बात कर रही है.

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1882 में सबसे पहले इस मार्ग की सर्वे हुई. उसके बाद 1912, 1980, 2006, 08, 09 तथा 2012 में सर्वे हो चुकी है. इसके अलावा इस मांग को पूर्व केंद्र सरकार ने पहले ही राष्ट्रीय प्रोजक्ट में भी शामिल कर दिया था. अब बजट स्वीकृत कर मार्ग निर्माण शुरू करना चाहिए. रेल आने से ही जिले का विकास होगा और पर्यटन से लेकर अन्य गतिविधियां बढ़ेगी.

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