बागेश्वर/खटीमा: जिले में सात अक्टूबर की रात से लगातार बारिश जारी है. बारिश के बाद सरयू और गोमती नदियां भी उफना गई हैं. जिसके बाद अलर्ट जारी किया गया है. गेरेछीना सड़क, कपकोट सड़क, मिहिनिया सड़क भारी मलबा आने से बंद हो गई है. वहीं, करीब आधा दर्जन सड़कें भी जगह जगह पर पेड़ गिरने से बंद हो गई हैं.
जिला मुख्यालय से लगे अमस्यारकोट क्षेत्र में चार दिन से विद्युत आपूर्ति ठप हैं. इससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है. इसके अलावा आसपास के छह गांवों में भी बिजली नहीं है. बिजली के अभाव में उनकी दिनचर्या गड़बड़ा गई है. बिजली से चलने वाले उपकरण बंद हैं. उधर दुग-नाकुरी तहसील के पचार गांव समेत अन्य गांव में शनिवार रातभर बिजली नहीं आने से लोग परेशान हैं.
ऊर्जा निगम के ईई मोहम्मद अफजाल ने बताया द्वारिकाछीना के पास भूस्खलन के कारण बिजली के तार एवं पोल टूट गए हैं. लगातार हो रही बारिश से मरम्म्त कार्य भी प्रभावित हो रहा है. कर्मचारी लगे हैं और जल्द आपूर्ति सुचारू की जाएगी. जिले में लगातार हो रही बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है. खेत-खलिहान तलैया में तब्दील हो गए हैं. खड़ी धान की फसल पूरी तरह खराब हो गई है. जिन किसानों ने धान काटे हैं वह ढेर में अंकुरित होने लगे हैं. अब जानवरों के लिए चारे का भी संकट गहराने लगा है. गरुड़, बागेश्वर तथा दुग-नाकुरी के खेतों में सबसे अधिक नुकसान हुआ है. इसके अलावा बारिश से ठंड में भी इजाफा होने लगा है. लोगों ने गरम कपड़े निकालने के अलावा आग भी जला ली है.
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देवहा नदी ने दिखाया रौद्र रूप: लगातार तीन दिन से हो रही बरसात ने अब अपना कहर बरसाना शुरू कर दिया है. खटीमा के यूपी सीमा से सटे ढाह ढाकी गांव में बहने वाले देवहा नदी अपने पूरे उफान पर है. देवहा नदी द्वारा जबरदस्त भू कटान किया गया है. जिससे कई मकान खतरे की जद में आ गए हैं. एक मकान तो नदी की भेंट चढ़ चुका है. ग्रामीणों द्वारा खतरे की जद में आए मकानों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित निकाल कर प्राइमरी स्कूलों और गिल फार्म हाउस में पहुंचाया गया है. लगभग 14 से 15 परिवार स्थापित किए गए हैं. प्रशासन का कहना है कि पूरी स्थिति पर पैनी नजर रखी गई है. आपदा प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है.