बागेश्वर: बैजनाथ थानाध्यक्ष की भूमिका को लेकर लोग मुखर हैं.जिसको लेकर गरुड़ तहसील के पचना गांव के लोगों ने एसपी कार्यालय पर धरना देकर रोष व्यक्त किया. साथ ही गुस्साए ग्रामीणों ने मामले की निष्पक्ष जांच के लिए बागेश्वर पुलिस या अन्य थाने की पुलिस से जांच कराने की मांग की. वहीं मामले में पुलिस अधीक्षक के आश्वासन के बाद ग्रामीण शांत हुए.
गौर हो कि बीते दिन ग्राम प्रधान प्रकाश कोहली के नेतृत्व में ग्रामीणों एसपी कार्यालय परिसर में धरने पर बैठ गए. इस दौरान ग्रामीणों ने जमकर नारेबाजी की. साथ ही बैजनाथ थानाध्यक्ष की भूमिका पर सवाल उठाते हुए पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा.ज्ञापन में ग्राम प्रधान व ग्रामीणों का कहना है कि गत वर्ष सात सितंबर को उनके गांव में एसपीसी के तहत सीसी मार्ग व नाली निर्माण कार्य हुआ. इस निर्माण को उमा व उसके पति रमेश सिंह ने दस मीटर पूरी तरह ध्वस्त कर दिया. जिसकी सूचना उन्होंने हेल्पलाइन नंबर 112 को उसी समय दे दी. यह योजना ग्राम पंचायत की खुली बैठक में सर्वसम्मति से पास भी है. जहां निर्माण हुआ वह भूमि महिला की भी नहीं है. सूचना के बाद थानाध्यक्ष बैजनाथ मौके पर पहुंचे.
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उन्होंने बगैर राजस्व अभिलेख देखे बिना उनके साथ अभद्रता की. इससे पहले भी उन्होंने थाने में एक मारपीट की घटना की शिकायत की थी. उस पर भी आज तक कोई कार्रवाई पुलिस द्वारा नहीं की गई. पुलिस ने निर्माण कार्य ध्वस्त करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाए उन्हीं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया. उन्होंने थानाध्यक्ष की भूमिका पर सवाल उठाए और मामले की जांच की मांग की है. पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि किसा का भी अहित नहीं होगा. इस पूरे मामले की जांच की जाएगी. उन्होंने कहा कि मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. वहीं पुलिस अधीक्षक के आश्वासन के बाद ग्रामीण शांत हुए.