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बागेश्वर में तेंदुए ने गाय को बनाया निवाला

बागेश्वर में तेंदुए का आतंक फैला हुआ है. तेंदुए ने गौशाला में गाय को अपना निवाला बना लिया.

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तेंजुए
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Published : Jun 10, 2021, 5:39 PM IST

बागेश्वर: जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में तेंदुए का आतंक बढ़ने लगा है. तेंदुए ने उडलगांव के रुनीखेत में एक दुधरु गाय को निवाला बना लिया. प्रभावित परिवार ने वन विभाग से उचित मुआवजा दिलाने की मांग की है. घटना सुबह करीब साढ़े तीन बजे की है. गाय के रंभाने की आवाज सुनकर जब तक घर वाले बाहर आते, तेंदुआ उसे मार चुका था. परिवारवालों ने गाय पर हमले की सूचना वन विभाग को दी.

दरअसल, रुनीखेत निवासी घनश्याम सिंह उन्यूड़ी पुत्र शेर सिंह ने गौशाला के आंगन में दुधारु गाय को बांधा था. सुबह करीब साढ़े तीन बजे तेंदुए ने गाय पर हमला कर दिया. गाय के रंभाने की आवाज सुनकर जब तक घर वाले बाहर आते, तेंदुआ उसे मार चुका ‌था. परिवार वालों ने गाय पर हमले की सूचना ‌वन विभाग को दी. वन दारोगा तारा दत्त कांडपाल ने मौके पर जाकर जांच की.

ये भी पढ़ें: घर में ही प्रेमिका को 10 साल छुपा कर रखा, घरवालों को भी पता नहीं

वहीं, पीड़ित घनश्याम सिंह ने बताया कि वह गाय का दूध बेचकर अपनी रोजी-रोटी चलाता था. गर्मी अधिक होने के कारण गाय को आंगन में बांधा था. जहां गुलदार ने उसका शिकार कर दिया. उन्होंने कहा कि गाय के मारे जाने से उनकी आजीविका का साधन छीन गया है. उन्होंने विभाग से मुआवजा दिलाने की मांग की. इधर, RO श्याम सिंह करायत ने बताया कि गुलदार के हमले में गाय के मारे जाने की सूचना के बाद विभाग की टीम ने मौका मुआवना कर लिया है. पीड़ित को वन्य जीव संघर्ष की नियमावली के तहत मुआवजा दिया जाएगा.

बागेश्वर: जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में तेंदुए का आतंक बढ़ने लगा है. तेंदुए ने उडलगांव के रुनीखेत में एक दुधरु गाय को निवाला बना लिया. प्रभावित परिवार ने वन विभाग से उचित मुआवजा दिलाने की मांग की है. घटना सुबह करीब साढ़े तीन बजे की है. गाय के रंभाने की आवाज सुनकर जब तक घर वाले बाहर आते, तेंदुआ उसे मार चुका था. परिवारवालों ने गाय पर हमले की सूचना वन विभाग को दी.

दरअसल, रुनीखेत निवासी घनश्याम सिंह उन्यूड़ी पुत्र शेर सिंह ने गौशाला के आंगन में दुधारु गाय को बांधा था. सुबह करीब साढ़े तीन बजे तेंदुए ने गाय पर हमला कर दिया. गाय के रंभाने की आवाज सुनकर जब तक घर वाले बाहर आते, तेंदुआ उसे मार चुका ‌था. परिवार वालों ने गाय पर हमले की सूचना ‌वन विभाग को दी. वन दारोगा तारा दत्त कांडपाल ने मौके पर जाकर जांच की.

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वहीं, पीड़ित घनश्याम सिंह ने बताया कि वह गाय का दूध बेचकर अपनी रोजी-रोटी चलाता था. गर्मी अधिक होने के कारण गाय को आंगन में बांधा था. जहां गुलदार ने उसका शिकार कर दिया. उन्होंने कहा कि गाय के मारे जाने से उनकी आजीविका का साधन छीन गया है. उन्होंने विभाग से मुआवजा दिलाने की मांग की. इधर, RO श्याम सिंह करायत ने बताया कि गुलदार के हमले में गाय के मारे जाने की सूचना के बाद विभाग की टीम ने मौका मुआवना कर लिया है. पीड़ित को वन्य जीव संघर्ष की नियमावली के तहत मुआवजा दिया जाएगा.

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