बागेश्वर/गदरपुर: कांडा के देलमेल गांव के एक युवा इंजीनियर ने पॉकेट ईसीजी मशीन का आविष्कार किया है. युवा इंजीनियर ने बताया कि ईसीजी की ये मशीन दुनिया की सबसे छोटी मशीन है और एंड्रॉयड फोन से इसका उपयोग किया जाता है. वहीं, मुख्य जिला चिकित्साधिकारी डॉ. देवेंद्र पंचपाल ने गदरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने अस्पताल परिसर में हर बड़ी-छोटी कमियों को जल्द दूर करने के निर्देश दिए.
बागेश्वर के कांडा के डेलमेल निवासी नितिन चंदोला ने पॉकेट ईसीजी को ईजाद किया है. नितिन का दावा है कि यह दुनिया की सबसे छोटी ईसीजी मशीन है. अब तक देश के 1,000 सीएचसी और पीएचसी समेत बड़े अस्पतालों में इसे पहुंचाया जा चुका है. हालांकि उन्होंने कांडा के सीएचसी को ये मशीन को मुफ्त में दी है. उन्होंने बताया कि बाजार में इसकी कीमत 8,000 रुपए है. ये बगैर बिजली से चलने वाला उपकरण है. डॉक्टर इसको फील्ड पर में भी ले जा सकते हैं. सांस फूलने से लेकर सीने में दर्द होने के कारणों की जांच इस उपकरण से हो जाती है. इसके अलावा हार्ट ब्लॉकेज से लेकर पूर्व में हुए हार्ट अटैक की जानकारी भी इससे मिल जाएगी.
ये भी पढ़ें: CBI की विशेष टीम ने हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर की छापेमारी, मचा हड़कंप
मुख्य जिला चिकित्साधिकारी ने किया गदरपुर स्वस्थ्य केंद्र का निरीक्षण...
वहीं, गदरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का मुख्य जिला चिकित्साधिकारी डॉ. देवेंद्र पंचपाल ने औचक निरीक्षण किया. उन्होंने छोटी-बड़ी कमियों को जल्द दूर करने के निर्देश दिए. इस दौरान मुख्य जिला चिकित्साधिकारी ने कहा कि वर्तमान में बुजुर्गों का कोरोना का टीकाकरण किया जा रहा है, जिसमें ज्यादा से ज्यादा बुजुर्गों का टीकाकरण कराए जाने का लक्ष्य रखा गया है. इसके चलते सभी डॉक्टरों के साथ-साथ आशा कार्यकर्ताओं को भी अधिक से अधिक टीकाकरण किए जाने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मास्क, सैनिटाइजर और सफाई व्यवस्था को लेकर भी सख्त निर्देश दिए गए हैं. इस दौरान जिला चिकित्साधिकारी ने बुजुर्गों से कोरोना का टीकाकरण करवाने की अपील की.