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खूबसूरत कफनी ग्लेशियर का दीदार नहीं कर पा रहे सैलानी, ये है वजह

कफनी ग्लेशियर जाने वाले रास्ते में द्वाली से एक किमी आगे लगातार भूस्खलन हो रहा है. जिससे रास्ता कई सालों से बंद पड़ा हुआ है. ऐसे में साहसिक पर्यटन से जुड़े लोग खूबसूरत कफनी के दीदार को तरस रहे हैं.

kafni glacier
कफनी ग्लेशियर
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Published : Apr 20, 2021, 8:45 AM IST

बागेश्वरः उत्तराखंड की वादियां नैसर्गिक सौंदर्य से लवरेज हैं. जो देश-दुनिया के सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं. ऐसा ही एक खूबसूरत जगह है पिंडर घाटी. जहां से हिमांच्छादित पहाड़ों और ग्लेशियरों का दीदार होता है. इस घाटी में सुंदरढुंगा और कफनी ग्लेशियर भी मौजूद है. बीते कुछ सालों तक हर साल हजारों की तादाद में सैलानी पहुंचते थे, लेकिन साल 2013 में आई आपदा ने पिंडर घाटी को तहस-नहस कर दिया था. जिससे कफनी ग्लेशियर का रास्ता भी क्षतिग्रस्त हो गया है. ऐसे में सैलानी कफनी ग्लेशियर नहीं जा पा रहे हैं.

kafni glacier
कफनी ग्लेशियर.

पिंडारी ग्लेशियर के साथ ही सुंदरढुंगा और कफनी ग्लेशियर के दीदार करने के लिए हर साल हजारों की तादाद में पर्यटक जाते हैं. लेकिन खूबसूरत घाटी कफनी का मार्ग क्षतिग्रस्त होने से पर्यटक आधे रास्ते से ही मायूस लौट रहे हैं. साल 2013 में आई आपदा ने पिंडर घाटी को तहस-नहस कर दिया था. हालांकि, लोक निर्माण विभाग ने इन रास्तों को बनाने की कोशिश की, लेकिन कफनी ग्लेशियर मार्ग में द्वाली के बाद कच्चे पहाड़ के बार-बार दरकने से यह मार्ग बंद पड़ा है.

kafni glacier
कफनी ग्लेशियर.

ये भी पढ़ेंः कोरोना बंदी का सदुपयोग : ताजमहल का 'मडपैक' ट्रीटमेंट

कफनी ग्लेशियर के ट्रैकिंग की शुरूआत मार्च महीने के बाद से शुरू हो जाती है. हजारों की तादाद में पर्यटक कफनी ट्रैक पर जाकर वहां की सुंदरता को निहारते हैं, लेकिन मार्ग क्षतिग्रस्त होने के कारण पर्यटक कफनी ग्लेशियर नहीं जा पा रहे हैं. पर्यटन विभाग ने मार्ग क्षतिग्रस्त होने के कारण वहां जाने वाले पर्यटकों की सुरक्षा के लिए कफनी ग्लेशियर के ट्रैक को बंद किया है.

साल 2013 की आपदा के बाद पिंडर घाटी के सभी ट्रैक ध्वस्त हो चुके थे, हालांकि पिंडारी के क्षतिग्रस्त रास्तों को सही कर पर्यटकों के लिए खोल दिया गया था. सुंदरढूंगा ट्रैक में अभी भी काम चल रहा है और कफनी ग्लेशियर में कच्चे पहाड़ से लगातार हो रहे स्लाइडिंग की वजह से अभी भी रास्ता नहीं बनाया जा सका है. इस मार्ग के लिए विभाग अब दूसरे सुरक्षित रास्ते की तलाश में है. जिससे सैलानी आसानी से कफनी ग्लेशियर जा सकें.

बागेश्वरः उत्तराखंड की वादियां नैसर्गिक सौंदर्य से लवरेज हैं. जो देश-दुनिया के सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं. ऐसा ही एक खूबसूरत जगह है पिंडर घाटी. जहां से हिमांच्छादित पहाड़ों और ग्लेशियरों का दीदार होता है. इस घाटी में सुंदरढुंगा और कफनी ग्लेशियर भी मौजूद है. बीते कुछ सालों तक हर साल हजारों की तादाद में सैलानी पहुंचते थे, लेकिन साल 2013 में आई आपदा ने पिंडर घाटी को तहस-नहस कर दिया था. जिससे कफनी ग्लेशियर का रास्ता भी क्षतिग्रस्त हो गया है. ऐसे में सैलानी कफनी ग्लेशियर नहीं जा पा रहे हैं.

kafni glacier
कफनी ग्लेशियर.

पिंडारी ग्लेशियर के साथ ही सुंदरढुंगा और कफनी ग्लेशियर के दीदार करने के लिए हर साल हजारों की तादाद में पर्यटक जाते हैं. लेकिन खूबसूरत घाटी कफनी का मार्ग क्षतिग्रस्त होने से पर्यटक आधे रास्ते से ही मायूस लौट रहे हैं. साल 2013 में आई आपदा ने पिंडर घाटी को तहस-नहस कर दिया था. हालांकि, लोक निर्माण विभाग ने इन रास्तों को बनाने की कोशिश की, लेकिन कफनी ग्लेशियर मार्ग में द्वाली के बाद कच्चे पहाड़ के बार-बार दरकने से यह मार्ग बंद पड़ा है.

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कफनी ग्लेशियर.

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कफनी ग्लेशियर के ट्रैकिंग की शुरूआत मार्च महीने के बाद से शुरू हो जाती है. हजारों की तादाद में पर्यटक कफनी ट्रैक पर जाकर वहां की सुंदरता को निहारते हैं, लेकिन मार्ग क्षतिग्रस्त होने के कारण पर्यटक कफनी ग्लेशियर नहीं जा पा रहे हैं. पर्यटन विभाग ने मार्ग क्षतिग्रस्त होने के कारण वहां जाने वाले पर्यटकों की सुरक्षा के लिए कफनी ग्लेशियर के ट्रैक को बंद किया है.

साल 2013 की आपदा के बाद पिंडर घाटी के सभी ट्रैक ध्वस्त हो चुके थे, हालांकि पिंडारी के क्षतिग्रस्त रास्तों को सही कर पर्यटकों के लिए खोल दिया गया था. सुंदरढूंगा ट्रैक में अभी भी काम चल रहा है और कफनी ग्लेशियर में कच्चे पहाड़ से लगातार हो रहे स्लाइडिंग की वजह से अभी भी रास्ता नहीं बनाया जा सका है. इस मार्ग के लिए विभाग अब दूसरे सुरक्षित रास्ते की तलाश में है. जिससे सैलानी आसानी से कफनी ग्लेशियर जा सकें.

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