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बागेश्वर: रोड के लिए पथराई ग्रामीणों की आंखें, डोली से घायल महिला को पहुंचाया अस्पताल

बागेश्वर में घास कटाने जंगल गई महिला गिरकर घायल हो गई. गांव के लोग उसे डोली के सहारे सड़क तक लाए. सड़क नहीं होने से ग्रामीणों ने नाराजगी जताई है.

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Published : Mar 12, 2021, 2:07 PM IST

बागेश्वर: घास काटने जंगल गई महिला गिरकर घायल हो गई. गांव में सड़क न होने के कारण ग्रामीण घायल महिला को कई किमी पैदल चलकर डोली से सड़क तक लाए. ग्रामीणों ने सड़क न होने से नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि देवनाई-दरणां-गैरलेख मोटर मार्ग स्वीकृत होने के बावजूद नहीं बन सकी है. 21वीं सदी में भी ग्रामीणों को कई किमी पैदल चलना पड़ रहा है. उन्होंने सड़क का निर्माण शीघ्र नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है.


ग्रामीणों ने बताया कि गैरलेख, दरणां गांव की शांति देवी घास काटने जंगल गई थी. वहां उसका पैर फिसल गया और वह चोटिल हो गई. उसे अस्पताल पहुंचाने के लिए पहले घंटों डोली का इंतजाम करना पड़ा. फिर युवाओं से संपर्क किया गया और घंटों पैदल चलकर बमुश्किल सड़क तक पहुंचाया गया. ग्रामीणों ने कहा कि 2014 में स्वीकृत देवनाई-दरणां-गैरलेख मोटर मार्ग पर अभी तक निर्माण शुरू नहीं हो सका है. ग्रामीणों को रोज कई किमी पैदल चलना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि घायल महिला डोली में घंटों कहारती रही, लेकिन गांव के लोग उसकी पीड़ा को कम करने के लिए कुछ भी नहीं कर सकें.

कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री बालकृष्ण ने कहा कि क्षेत्रीय विधायक चंदन राम दास यहां प्रत्येक पांच वर्ष बाद वोट मांगने जाते हैं और लोगों को सड़क का झुनझुना दे आते हैं. पिछले 15 वर्षों से सड़क नहीं बन सकी है. ग्रामीणों ने कहा कि अगर सड़क का निर्माण शीघ्र नहीं हुआ तो वह उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे.

पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट के आदेश से लगेगी भ्रष्टाचार पर लगाम, सीसीटीवी से लैस होंगे बागेश्वर के सभी थाने

वहीं, जिलाधिकारी विनीत कुमार ने कहा कि सड़क स्वीकृत होने के बावजूद निर्माण नहीं होना एजेंसी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है. इसकी जांच की जाएगी और सड़क का निर्माण शीघ्र किया जाएगा.

बागेश्वर: घास काटने जंगल गई महिला गिरकर घायल हो गई. गांव में सड़क न होने के कारण ग्रामीण घायल महिला को कई किमी पैदल चलकर डोली से सड़क तक लाए. ग्रामीणों ने सड़क न होने से नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि देवनाई-दरणां-गैरलेख मोटर मार्ग स्वीकृत होने के बावजूद नहीं बन सकी है. 21वीं सदी में भी ग्रामीणों को कई किमी पैदल चलना पड़ रहा है. उन्होंने सड़क का निर्माण शीघ्र नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है.


ग्रामीणों ने बताया कि गैरलेख, दरणां गांव की शांति देवी घास काटने जंगल गई थी. वहां उसका पैर फिसल गया और वह चोटिल हो गई. उसे अस्पताल पहुंचाने के लिए पहले घंटों डोली का इंतजाम करना पड़ा. फिर युवाओं से संपर्क किया गया और घंटों पैदल चलकर बमुश्किल सड़क तक पहुंचाया गया. ग्रामीणों ने कहा कि 2014 में स्वीकृत देवनाई-दरणां-गैरलेख मोटर मार्ग पर अभी तक निर्माण शुरू नहीं हो सका है. ग्रामीणों को रोज कई किमी पैदल चलना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि घायल महिला डोली में घंटों कहारती रही, लेकिन गांव के लोग उसकी पीड़ा को कम करने के लिए कुछ भी नहीं कर सकें.

कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री बालकृष्ण ने कहा कि क्षेत्रीय विधायक चंदन राम दास यहां प्रत्येक पांच वर्ष बाद वोट मांगने जाते हैं और लोगों को सड़क का झुनझुना दे आते हैं. पिछले 15 वर्षों से सड़क नहीं बन सकी है. ग्रामीणों ने कहा कि अगर सड़क का निर्माण शीघ्र नहीं हुआ तो वह उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे.

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वहीं, जिलाधिकारी विनीत कुमार ने कहा कि सड़क स्वीकृत होने के बावजूद निर्माण नहीं होना एजेंसी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है. इसकी जांच की जाएगी और सड़क का निर्माण शीघ्र किया जाएगा.

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