बागेश्वर: खेल विभाग ताइक्वांडो खिलाड़ियों के प्रदर्शन में निखार लाने की तैयारियों में जुट गया है. इसके लिए इंडोर स्टेडियम में दस लाख की लागत से हाई टेक सेंसर लगाये गए हैं. जिससे ताइक्वांडो खिलाड़ियों को अपने खेल में सुधार करने में मदद मिलेगी. इस तकनीक का इस्तेमाल राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम में किया जाता है. वहीं जिलाधिकारी रंजना राजगुरू ने बताया कि ताइक्वांडो के खिलाड़ियों के करियर को देखते हुए उन्होंने विवेकाधीन कोष से दस लाख रुपये दिए हैं.
खेल विभाग के अनुसार इस तकनीक से ताइक्वांडो खिलाड़ी अपने प्रदर्शन का बारीकी से सही आंकलन कर पाएंगे. जिससे उन्हें करियर बनाने में मदद मिलेगी. खेल विभाग के इस प्रयास को लेकर खिलाड़ी भी बेहद उत्साहित हैं. वहीं राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड जीतने वाले खिलाड़ियों का कहना है कि यह उनके लिये वरदान साबित होगा.
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ताइक्वांडो खिलाड़ियों ने बताया कि पहले वे सामान्य कोर्ट में प्रेक्टिस करते थे. जिससे उन्हें अपने प्रदर्शन की सही जानकारी नहीं मिल पाती थी. जिसके चलते जिला स्तर से चयनित खिलाड़ी प्रदेश या राष्ट्रीय स्तर पर पिछड़ जाते थे. कई खिलाड़ियों का कहना था कि सेंसर कोर्ट तकनीक से अपने खेल को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे, जिससे उन्हें अपने खेल में सुधार लाने में मदद मिलेगी.
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वहीं जिलाधिकारी रंजना राजगुरू ने बताया कि जिले से अब तक एक दर्जन से अधिक ताइक्वांडो खिलाड़ी राष्टीय स्तर पर अपना प्रदर्शन कर चुके हैं. जिसके चलते उन्होंने सेंसर कोर्ट के लिये अपने विवेकाधीन कोष से 10 लाख की धनराशि दी है, ताकि बच्चे ताइक्वांडो के क्षेत्र में प्रदेश का नाम रोशन कर सकें.