ETV Bharat / state

भारी बारिश से बागेश्वर में पांच मोटर मार्ग बंद, शंभू नदी की झील को खतरा नहीं मानता प्रशासन

बागेश्वर जिले में बीते दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है. इसकी वजह से कपकोट तहसील क्षेत्र में पांच मोटर मार्ग बंद पड़े हुए हैं. वहीं सरयू नदी का जल स्तर भी लगातार बढ़ता जा रहा है. ऐसे में आपदा प्रबंधन विभाग ने लोगों को अलर्ट किया है. हालांकि शंभू नदी में बनी झील को आपदा प्रबंधन विभाग बड़ा खतरा नहीं मान रहा है.

Kapkot tehsil
Kapkot tehsil
author img

By

Published : Jun 28, 2022, 4:32 PM IST

Updated : Jun 28, 2022, 4:53 PM IST

बागेश्वर: मॉनसून की दस्तक के साथ ही पहाड़ों पर मुश्किल बढ़नी शुरू हो गई है. कपकोट क्षेत्र में बारिश के बाद पांच मोटर मार्ग मलबा आने से बंद हो गए. वहीं लगातार हो रही बारिश के कारण सरयू नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है. बागेश्वर जिले के कपकोट में सोमवार देर रात से मंगलवार सुबह तक 62.50 एमएम बारिश दर्ज की गई है.

उत्तराखंड में मॉनसून न सिर्फ अपने साथ सुहाना मौसम लेकर आता है, बल्कि पहाड़ के लोगों के लिए कुछ मुश्किलें भी लेकर आता है. मॉनसूनी बारिश में पहाड़ों पर सबसे ज्यादा आपदा का खतरा बना रहता है. वहीं, तेज बारिश के कारण बरसाती नाले भी उफान पर आ जाते हैं, जिससे कई बार सड़क बह जाती है. ऐसे में पहाड़ी जिलों के अनेक इलाकों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट जाता है.

भारी बारिश से बागेश्वर में पांच मोटर मार्ग बंद
पढ़ें- उत्तराखंड में बारिश का कहर, पौड़ी में तीन गांवों को जोड़ने वाला पैदल पुल बहा

वहीं, बागेश्वर जिले के कपकोट क्षेत्र की बात करें तो यहां पर बीते दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है. बारिश से हुए भूस्खलन से पांच मोटर मार्ग बंद हो गये हैं. जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार बारिश से कपकोट तहसील में शामा-रमाड़ी, कपकोट-कर्मी, लीती-गोगिना औकधरमघर-माजखेत मोटर मार्ग मलबा आने से बंद हैं.

वहीं, सरयू नदी का जल स्तर बढ़ने से प्रशासन लगातार लोगों को अलर्ट करने के साथ ही अवरुद्व मोटर मार्गों को खोलने में लगा है. कपकोट क्षेत्र में बारिश के बाद सरयू नदी का जलस्तर बढ़कर 865.90 मीटर हो गया है. नदी का पानी मटमैला होने से कुछ स्थानों में लोगों को पेयजल संकट का भी सामना करना पड़ रहा है. कपकोट क्षेत्र में हुई भारी बारिश में दुलम गांव के समीप से सरयू घाटी के गांवों के लिए गुजर रही बिजली लाइन का पोल भूस्खलन की चपेट में आ गया.
पढ़ें- अल्मोड़ा में सड़क किनारे मिट्टी की अवैध डंपिंग, हादसों का बढ़ा खतरा

इधर, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया कि पांच बंद सड़कों में मलबा हटाने का काम चल रहा है. जल्द ही यातायात सुचारू करा दिया जाएगा. वहीं, कुंवारी गांव की तलहटी में शंभू नदी में बनी झील में पानी की निकासी के लिए सीमित जगह होने के कारण झील का आकार बढ़ता जा रहा है. जिला आपदा अधिकारी ने बताया कि झील में करीब 6500 क्सूसेक पानी है और किसी तरह का बड़ा खतरा नहीं है. जल्द ही पोकलैंड मशीन की मदद से नदी में जमा मलबा हटाकर झील के पानी की निकासी कराई जाएगी.

बागेश्वर: मॉनसून की दस्तक के साथ ही पहाड़ों पर मुश्किल बढ़नी शुरू हो गई है. कपकोट क्षेत्र में बारिश के बाद पांच मोटर मार्ग मलबा आने से बंद हो गए. वहीं लगातार हो रही बारिश के कारण सरयू नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है. बागेश्वर जिले के कपकोट में सोमवार देर रात से मंगलवार सुबह तक 62.50 एमएम बारिश दर्ज की गई है.

उत्तराखंड में मॉनसून न सिर्फ अपने साथ सुहाना मौसम लेकर आता है, बल्कि पहाड़ के लोगों के लिए कुछ मुश्किलें भी लेकर आता है. मॉनसूनी बारिश में पहाड़ों पर सबसे ज्यादा आपदा का खतरा बना रहता है. वहीं, तेज बारिश के कारण बरसाती नाले भी उफान पर आ जाते हैं, जिससे कई बार सड़क बह जाती है. ऐसे में पहाड़ी जिलों के अनेक इलाकों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट जाता है.

भारी बारिश से बागेश्वर में पांच मोटर मार्ग बंद
पढ़ें- उत्तराखंड में बारिश का कहर, पौड़ी में तीन गांवों को जोड़ने वाला पैदल पुल बहा

वहीं, बागेश्वर जिले के कपकोट क्षेत्र की बात करें तो यहां पर बीते दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है. बारिश से हुए भूस्खलन से पांच मोटर मार्ग बंद हो गये हैं. जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार बारिश से कपकोट तहसील में शामा-रमाड़ी, कपकोट-कर्मी, लीती-गोगिना औकधरमघर-माजखेत मोटर मार्ग मलबा आने से बंद हैं.

वहीं, सरयू नदी का जल स्तर बढ़ने से प्रशासन लगातार लोगों को अलर्ट करने के साथ ही अवरुद्व मोटर मार्गों को खोलने में लगा है. कपकोट क्षेत्र में बारिश के बाद सरयू नदी का जलस्तर बढ़कर 865.90 मीटर हो गया है. नदी का पानी मटमैला होने से कुछ स्थानों में लोगों को पेयजल संकट का भी सामना करना पड़ रहा है. कपकोट क्षेत्र में हुई भारी बारिश में दुलम गांव के समीप से सरयू घाटी के गांवों के लिए गुजर रही बिजली लाइन का पोल भूस्खलन की चपेट में आ गया.
पढ़ें- अल्मोड़ा में सड़क किनारे मिट्टी की अवैध डंपिंग, हादसों का बढ़ा खतरा

इधर, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया कि पांच बंद सड़कों में मलबा हटाने का काम चल रहा है. जल्द ही यातायात सुचारू करा दिया जाएगा. वहीं, कुंवारी गांव की तलहटी में शंभू नदी में बनी झील में पानी की निकासी के लिए सीमित जगह होने के कारण झील का आकार बढ़ता जा रहा है. जिला आपदा अधिकारी ने बताया कि झील में करीब 6500 क्सूसेक पानी है और किसी तरह का बड़ा खतरा नहीं है. जल्द ही पोकलैंड मशीन की मदद से नदी में जमा मलबा हटाकर झील के पानी की निकासी कराई जाएगी.

Last Updated : Jun 28, 2022, 4:53 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.