बागेश्वरः गर्मी बढ़ते ही उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने की घटनाएं भी बढ़ने लगी हैं. वन विभाग और वन पंचायत की टीम आग बुझाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. ग्रामीणों ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाया है. आग लगने से पहाड़ी इलाकों में धुएं का गुबार देखने को मिल रहा है. वहीं बच्चों और बुजुर्गों को सांस लेने में भी तकलीफ हो रही है.
उत्तराखंड के जंगलों में फिर से पिरूल की संख्या बढ़ गई है, जिससे जंगल आग की चपेट में आ रहे हैं. बागेश्वर में द्यांगण और बहुली के जंगल इन दिनों आग से धधक रहे हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि किसी स्कूटी सवार व्यक्ति ने जंगल में आग लगाई है. जिसके बाद काफी वन संपदा नष्ट हो रही है. फिलहाल वन विभाग आग बुझाने में जुटा है. वन पंचायत सरपंच संगठन के अध्यक्ष पूरन सिंह रावल का कहना है कि वनों को बचाने के लिए सार्थक प्रयास नहीं हो पा रहे हैं. आग से वन्यजीवों के लिए भी खतरा पैदा हो गया है.
ये भी पढ़ेंः 3 महीने की मेहनत के बाद रिप्लान्ट किया गया पेड़
दूसरी तरफ आग के धुएं से लोगों को खासी परेशानी हो रही है. बच्चों और बुजुर्गों को सांस लेने में तकलीफ की शिकायत हो रही है. जानकारी के मुताबिक बागेश्वर में फायर सीजन में 15 फरवरी से अब तक जंगलों में आग लगने की 30 से ज्यादा घटनाएं हो चुकी हैं.