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बागेश्वर और पिथौरागढ़ में फिर डोली धरती, महसूस हुए भूकंप के झटके - भूकंप के झटके

भूकंप के लिहाज के संवेदनशील उत्तराखंड की धरती एक बार डोली है. इस बार बागेश्वर जिले में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. वहीं, पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी के मदकोट क्षेत्र में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं.

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Published : Oct 8, 2022, 4:32 PM IST

Updated : Oct 8, 2022, 8:10 PM IST

बागेश्वर: उत्तराखंड में एक बार फिर धरती डोली. कुमाऊं मंडल के बागेश्वर जिले में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.9 मापी गई है. भूकंप का केंद्र कपकोट का सोंग क्षेत्र बताया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक भूकंप 3 बजकर 47 मिनट पर आया था. अभी किसी तरह के नुकसान की कोई सूचना नहीं है. वहीं, पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी के मदकोट क्षेत्र में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. आपदा कंट्रोल रूम के मुताबिक भूकंप की तीव्रता 3.9 रही.

आपदा अधिकारी शिखा सुयाल ने जानकारी देते हुए बताया बागेश्वर के विकासखंड कपकोट के सोंग में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. भूकंप की तीव्रता 3.9 मापी गई है, जो 3 बजकर 47 मिनट पर आया था. बता दें कि उत्तराखंड भूकंप के अति संवेदनशील जोन पांच और संवेदनशील जोन (earthquake sensitive area in uttarakhand) चार में आता है.

ऐसे में हिमालयी प्रदेशों में से एक उत्तराखंड में भूकंप के लिहाज से संवेदनशी राज्य है और यहां विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है. राज्य के अति संवेदनशील जोन पांच की बात करें इसमें रुद्रप्रयाग (अधिकांश भाग), बागेश्वर, पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी जिले आते हैं, जबकि ऊधमसिंहनगर, नैनीताल, चंपावत, हरिद्वार, पौड़ी व अल्मोड़ा जोन चार में हैं और देहरादून व टिहरी दोनों जोन में आते हैं.
पढ़ें- कभी भी डोल सकती है उत्तराखंड की धरती, वैज्ञानिकों ने बताई वजह

इसलिए आते हैं इस क्षेत्र में भूकंप: हिमालयी क्षेत्र में इंडो-यूरेशियन प्लेट की टकराहट के चलते जमीन के भीतर से ऊर्जा बाहर निकलती रहती है. जिस कारण भूकंप आना स्वाभाविक है. 1999 से 2018 तक तक करीब 5500 से छह हजार तक भूकंप आए, इसमें से छह सौ से अधिक भूकंप की तीव्रता 3.5 मैग्नीटयूड थी.

ऐतिहासिक बड़े भूकंप (सात-आठ रिक्टर स्केल) की बात करें तो कुमाऊं मंडल में वर्ष 1334 व 1505 में बड़ा भूकंप आ चुका है. जिसमें एक भूकंप का व्यापक असर हरिद्वार के लालढांग तक व दूसरे का पंजाब तक महसूस किया गया था. तब से लेकर अब तक कोई बड़ा भूकंप नहीं आया है, जबकि भूगर्भ में तनाव की स्थिति लगातार बनी है. ऐसे में कहा जा सकता है कि यहां कभी भी बड़ा भूकंप आ सकता है.

बागेश्वर: उत्तराखंड में एक बार फिर धरती डोली. कुमाऊं मंडल के बागेश्वर जिले में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.9 मापी गई है. भूकंप का केंद्र कपकोट का सोंग क्षेत्र बताया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक भूकंप 3 बजकर 47 मिनट पर आया था. अभी किसी तरह के नुकसान की कोई सूचना नहीं है. वहीं, पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी के मदकोट क्षेत्र में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. आपदा कंट्रोल रूम के मुताबिक भूकंप की तीव्रता 3.9 रही.

आपदा अधिकारी शिखा सुयाल ने जानकारी देते हुए बताया बागेश्वर के विकासखंड कपकोट के सोंग में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. भूकंप की तीव्रता 3.9 मापी गई है, जो 3 बजकर 47 मिनट पर आया था. बता दें कि उत्तराखंड भूकंप के अति संवेदनशील जोन पांच और संवेदनशील जोन (earthquake sensitive area in uttarakhand) चार में आता है.

ऐसे में हिमालयी प्रदेशों में से एक उत्तराखंड में भूकंप के लिहाज से संवेदनशी राज्य है और यहां विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है. राज्य के अति संवेदनशील जोन पांच की बात करें इसमें रुद्रप्रयाग (अधिकांश भाग), बागेश्वर, पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी जिले आते हैं, जबकि ऊधमसिंहनगर, नैनीताल, चंपावत, हरिद्वार, पौड़ी व अल्मोड़ा जोन चार में हैं और देहरादून व टिहरी दोनों जोन में आते हैं.
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इसलिए आते हैं इस क्षेत्र में भूकंप: हिमालयी क्षेत्र में इंडो-यूरेशियन प्लेट की टकराहट के चलते जमीन के भीतर से ऊर्जा बाहर निकलती रहती है. जिस कारण भूकंप आना स्वाभाविक है. 1999 से 2018 तक तक करीब 5500 से छह हजार तक भूकंप आए, इसमें से छह सौ से अधिक भूकंप की तीव्रता 3.5 मैग्नीटयूड थी.

ऐतिहासिक बड़े भूकंप (सात-आठ रिक्टर स्केल) की बात करें तो कुमाऊं मंडल में वर्ष 1334 व 1505 में बड़ा भूकंप आ चुका है. जिसमें एक भूकंप का व्यापक असर हरिद्वार के लालढांग तक व दूसरे का पंजाब तक महसूस किया गया था. तब से लेकर अब तक कोई बड़ा भूकंप नहीं आया है, जबकि भूगर्भ में तनाव की स्थिति लगातार बनी है. ऐसे में कहा जा सकता है कि यहां कभी भी बड़ा भूकंप आ सकता है.

Last Updated : Oct 8, 2022, 8:10 PM IST
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