बागेश्वर: जनपद में तथ्य छिपाकर अंग्रेजी शराब की दुकान हासिल करना अनुज्ञापी को भारी पड़ गया. जिलाधिकारी विनय कुमार ने शराब की दुकान का आवंटन निरस्त कर दिया है. साथ ही धरोहर के तौर पर जमा ₹18.50 लाख की धनराशि जब्त कर ली गई है.
बता दें, आबकारी विभाग ने आवेदक को साल 2019 में अवैध शराब के साथ पकड़ा था. आरोप है कि शराब की दुकान के लिए आवेदन करते समय तथ्यों को छुपाया गया था और गलत तथ्यों के आधार पर चरित्र प्रमाण पत्र भी बनवा लिया था. एसडीएम ने अब चरित्र प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया है. मिली जानकारी के अनुसार बीते 3 मार्च को काफलीगेर की अंग्रेजी शराब की दुकान उमेश चंद्र सिंह के नाम आवंटित हुई थी. कुछ दिन पहले जिला आबकारी अधिकारी गोविंद मेहता ने जिलाधिकारी को सौंपी रिपोर्ट में काफलीगेर की अंग्रेजी शराब की दुकान के अनुज्ञापी पर आवेदन में तत्व छुपाने की जानकारी दी.
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उन्होंने बताया कि आरोपी को 30 मार्च 2019 को विभाग ने अवैध शराब के साथ पकड़ा था. अदालत में दोष भी सिद्ध हो गया था लेकिन शराब की दुकान का आवेदन करते समय यह तथ्य छुपा दिए. उन्होंने दुकान का आवंटन निरस्त करने की संस्तुति की थी. इस पर जिलाधिकारी ने एसडीएम से उसके चरित्र प्रमाण पत्र की पड़ताल कराई. जांच के बाद एसडीएम योगेंद्र सिंह ने चरित्र प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया. वहीं जिलाधिकारी ने बताया की अनुज्ञापी धरोहर राशि के रूप में जमा 18.50 लाख की धनराशि जब्त कर ली गई है और आगे नियमानुसार कड़ी कार्रवाई भी होगी.