बागेश्वर: गरुड़ गंगा पुनर्जीवन के तहत किये गये कार्यों का जिलाधिकारी ने रविवार को विकास खंड गरुड़ के अन्तर्गत ग्राम पंचायत घिरतोली में स्थलीय निरीक्षण किया. इस दौरान डीएम ने नदियों के संरक्षण को लेकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को जन कार्यक्रमों से जुड़ने की बता कही. वहीं गंगा पुनर्जीवन अभियान के तहत जनपद के संबंधित क्षेत्रों को 9 जोनों में बांटा गया है. जिनमें विभिन्न कार्यों के संचालन के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति भी की गयी है.
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बता दें कि गरुड़ गंगा पुनर्जीवन अभियान की शुरुआत से अब तक क्षेत्र में लगभग में 5500 पौधारोपण किया जा चुका है. गरुड़ गंगा पुनर्जीवन अभियान को सफल बनाने के लिए जिलाधिकारी ने घिरतोली में स्थलीय निरीक्षण करते हुए कहा कि गरुड़ गंगा के पुनर्जीवन के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग कार्यक्रम सबसे कारगर साबित होगा. क्षेत्र के लोग इस तकनीक को अधिक से अधिक उपयोग में लाएं. उन्होंने कहा कि नदियों के संरक्षण हेतु अधिक से अधिक संख्या में जन जागरुकता अभियान चलाया जएगा, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग नदी संरक्षण कार्यक्रम से जुड़ सकें.
जिलाधिकारी ने नोडल अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि उक्त क्षेत्र में लगाये गये पौधों के संरक्षण पर विशेष बल दिया जाए. जिसके लिए तार-बाढ़ एवं चारदिवारी आदि की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए, ताकि लगाये गये पौधों का संरक्षण सुनिश्चित हो सके.
वहीं, जिलाधिकारी ने स्थानीय निवासियों से यह अपील की है कि वे भी नियमित रूप से लगाये गये पौधों से संबधित अधिकारी को अवश्य सूचित करायें, ताकि गरुड़ गंगा पुनर्जीवन अभियान के वास्तविक लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके. उन्होंने स्थानीय लोगों से अपील भी की है कि वे अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें, ताकि नदियों के घटते जलस्तर को बढ़ाया जा सके. साथ ही आने वाली पीढ़ी के लिए एक सुनहरे भविष्य का निर्माण भी किया जा सकें.