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गरुड़ गंगा पुनर्जीवन अभियानः डीएम ने गिनाए फायदे, नदियों के संरक्षण को लेकर कही ये बात

गरुड़ गंगा पुनर्जीवन अभियान की शुरुआत से अब तक क्षेत्र में लगभग 5500 पौधारोपण किया जा चुका है. वहीं, गरुड़ गंगा के पुनर्जीवन के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग कार्यक्रम सबसे कारगर साबित होगा.

गरुड़ गंगा पुनर्जीवन अभियानः डीएम ने गिनाए फायदे
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Published : Aug 11, 2019, 9:30 PM IST

बागेश्वर: गरुड़ गंगा पुनर्जीवन के तहत किये गये कार्यों का जिलाधिकारी ने रविवार को विकास खंड गरुड़ के अन्तर्गत ग्राम पंचायत घिरतोली में स्थलीय निरीक्षण किया. इस दौरान डीएम ने नदियों के संरक्षण को लेकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को जन कार्यक्रमों से जुड़ने की बता कही. वहीं गंगा पुनर्जीवन अभियान के तहत जनपद के संबंधित क्षेत्रों को 9 जोनों में बांटा गया है. जिनमें विभिन्न कार्यों के संचालन के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति भी की गयी है.

गरुड़ गंगा पुनर्जीवन अभियानः डीएम ने गिनाए फायदे.

पढ़ें:सरकार का वैलनेस समिट के जरिए निवेशकों पर फोकस, निवेश को लेकर दूसरी बड़ी कोशिश
बता दें कि गरुड़ गंगा पुनर्जीवन अभियान की शुरुआत से अब तक क्षेत्र में लगभग में 5500 पौधारोपण किया जा चुका है. गरुड़ गंगा पुनर्जीवन अभियान को सफल बनाने के लिए जिलाधिकारी ने घिरतोली में स्थलीय निरीक्षण करते हुए कहा कि गरुड़ गंगा के पुनर्जीवन के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग कार्यक्रम सबसे कारगर साबित होगा. क्षेत्र के लोग इस तकनीक को अधिक से अधिक उपयोग में लाएं. उन्होंने कहा कि नदियों के संरक्षण हेतु अधिक से अधिक संख्या में जन जागरुकता अभियान चलाया जएगा, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग नदी संरक्षण कार्यक्रम से जुड़ सकें.

जिलाधिकारी ने नोडल अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि उक्त क्षेत्र में लगाये गये पौधों के संरक्षण पर विशेष बल दिया जाए. जिसके लिए तार-बाढ़ एवं चारदिवारी आदि की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए, ताकि लगाये गये पौधों का संरक्षण सुनिश्चित हो सके.

वहीं, जिलाधिकारी ने स्थानीय निवासियों से यह अपील की है कि वे भी नियमित रूप से लगाये गये पौधों से संबधित अधिकारी को अवश्य सूचित करायें, ताकि गरुड़ गंगा पुनर्जीवन अभियान के वास्तविक लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके. उन्होंने स्थानीय लोगों से अपील भी की है कि वे अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें, ताकि नदियों के घटते जलस्तर को बढ़ाया जा सके. साथ ही आने वाली पीढ़ी के लिए एक सुनहरे भविष्य का निर्माण भी किया जा सकें.

बागेश्वर: गरुड़ गंगा पुनर्जीवन के तहत किये गये कार्यों का जिलाधिकारी ने रविवार को विकास खंड गरुड़ के अन्तर्गत ग्राम पंचायत घिरतोली में स्थलीय निरीक्षण किया. इस दौरान डीएम ने नदियों के संरक्षण को लेकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को जन कार्यक्रमों से जुड़ने की बता कही. वहीं गंगा पुनर्जीवन अभियान के तहत जनपद के संबंधित क्षेत्रों को 9 जोनों में बांटा गया है. जिनमें विभिन्न कार्यों के संचालन के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति भी की गयी है.

गरुड़ गंगा पुनर्जीवन अभियानः डीएम ने गिनाए फायदे.

पढ़ें:सरकार का वैलनेस समिट के जरिए निवेशकों पर फोकस, निवेश को लेकर दूसरी बड़ी कोशिश
बता दें कि गरुड़ गंगा पुनर्जीवन अभियान की शुरुआत से अब तक क्षेत्र में लगभग में 5500 पौधारोपण किया जा चुका है. गरुड़ गंगा पुनर्जीवन अभियान को सफल बनाने के लिए जिलाधिकारी ने घिरतोली में स्थलीय निरीक्षण करते हुए कहा कि गरुड़ गंगा के पुनर्जीवन के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग कार्यक्रम सबसे कारगर साबित होगा. क्षेत्र के लोग इस तकनीक को अधिक से अधिक उपयोग में लाएं. उन्होंने कहा कि नदियों के संरक्षण हेतु अधिक से अधिक संख्या में जन जागरुकता अभियान चलाया जएगा, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग नदी संरक्षण कार्यक्रम से जुड़ सकें.

जिलाधिकारी ने नोडल अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि उक्त क्षेत्र में लगाये गये पौधों के संरक्षण पर विशेष बल दिया जाए. जिसके लिए तार-बाढ़ एवं चारदिवारी आदि की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए, ताकि लगाये गये पौधों का संरक्षण सुनिश्चित हो सके.

वहीं, जिलाधिकारी ने स्थानीय निवासियों से यह अपील की है कि वे भी नियमित रूप से लगाये गये पौधों से संबधित अधिकारी को अवश्य सूचित करायें, ताकि गरुड़ गंगा पुनर्जीवन अभियान के वास्तविक लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके. उन्होंने स्थानीय लोगों से अपील भी की है कि वे अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें, ताकि नदियों के घटते जलस्तर को बढ़ाया जा सके. साथ ही आने वाली पीढ़ी के लिए एक सुनहरे भविष्य का निर्माण भी किया जा सकें.

Intro:
एंकर— बागेश्वर जिले में गरूड गंगा पुनर्जीवन अभियान के तहत किये गये कार्यो का जिलाधिकारी ने घिरतोली में स्थलीय निरीक्षण करते हुए विकास खण्ड गरूड के अन्तर्गत ग्राम पंचायत घिरतोली के नौगांव में किये गये वृक्षारोपण एवं आदि कार्यो का जायजा लिया और वहां चौड़ीपत्ती के पौंधों का पौंधारोपण भी किया। गरूड गंगा पुनर्जीवन अभियान की शुरूआत से अब तक क्षेत्र में लगभग में 5500 पौधों का वृक्षारोपण किया जा चुका है।

वीओ— गरूड़ गंगा पुनर्जीवन अभियान को सफल बनाने के लिए जिलाधिकारी ने घिरतोली में स्थलीय निरीक्षण करते हुए कहा कि गरुड़ गंगा के पुनर्जीवन के लिए रेन वाटर हारवेस्टिंग कार्यक्रम सबसे कारगर होगा। क्षेत्र के लोग इस तकनीक को अधिक से अधिक उपयोग में लाएं। उन्होंने कहा कि नदियों के संरक्षण के लिए जन जागरूकता जरूरी है। उन्होंने कहा कि नदियों के संरक्षण हेतु अधिक से अधिक मात्रा मे जन जागरूकता अभियान चलाया जएगा ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग नदी संरक्षण कार्यक्रम से जुड़ सकें। जिलाधिकारी ने नोडल अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि उक्त क्षेत्र में लगायो गयें वृक्षों के संरक्षण के संरक्षण पर विशेष बल दिया जाय जिसके लिए तार-बाढ एवं चाहरदिवारी आदि की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाय ताकि लगाये गये पौधों का संरक्षण सुनिश्चित हो सके। जिलाधिकारी ने स्थानीय निवासियों से यह अपील की कि वे भी नियमित रूप से लगाये गये पौधों की वस्तुस्थिति से संबधित अधिकारी को अवश्य सूचित करायें ताकि गरूड गंगा पुनर्जीवन अभियान के वास्तविक लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकें। उन्होंने स्थानीय लोगो से अपील भी की कि वे इन अभियान में बढ-चढ कर हिस्सा लें ताकि नदियों के घटते जलस्तर को बढाया जा सके साथ ही आने वाली पीढी के लिए एक सुनहरे भविष्य का निर्माण भी किया जा सकें। उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत भूमिगत जल स्तर को बढाने एवं नदियों के जल संरक्षण हेतु चाल-खाल, चैकडैम एवं वृक्षारोपण जैसे कार्यो को किया जा रहा है, जिससे वर्षा के जल का संरक्षण कर भूमि के जलस्तर में वृद्धि की जा सकेंगी।

बाईट—1— रंजना राजगुरू, जिलाधिकारी बागेश्वर।

एफवीओ— गौरतलब है कि गंगा पुनर्जीवन अभियान के तहत जनपद के संबन्धित क्षेत्रों को नौ रिचार्ज जोनों में बांटा गया है जिनमें विभिन्न कार्यो के संचालन हेतु जिलाधिकारी के द्वारा नोडल अधिकारियों की नियुक्ति भी की गयी है। Body:वीओ— गरूड़ गंगा पुनर्जीवन अभियान को सफल बनाने के लिए जिलाधिकारी ने घिरतोली में स्थलीय निरीक्षण करते हुए कहा कि गरुड़ गंगा के पुनर्जीवन के लिए रेन वाटर हारवेस्टिंग कार्यक्रम सबसे कारगर होगा। क्षेत्र के लोग इस तकनीक को अधिक से अधिक उपयोग में लाएं। उन्होंने कहा कि नदियों के संरक्षण के लिए जन जागरूकता जरूरी है। उन्होंने कहा कि नदियों के संरक्षण हेतु अधिक से अधिक मात्रा मे जन जागरूकता अभियान चलाया जएगा ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग नदी संरक्षण कार्यक्रम से जुड़ सकें। जिलाधिकारी ने नोडल अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि उक्त क्षेत्र में लगायो गयें वृक्षों के संरक्षण के संरक्षण पर विशेष बल दिया जाय जिसके लिए तार-बाढ एवं चाहरदिवारी आदि की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाय ताकि लगाये गये पौधों का संरक्षण सुनिश्चित हो सके। जिलाधिकारी ने स्थानीय निवासियों से यह अपील की कि वे भी नियमित रूप से लगाये गये पौधों की वस्तुस्थिति से संबधित अधिकारी को अवश्य सूचित करायें ताकि गरूड गंगा पुनर्जीवन अभियान के वास्तविक लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकें। उन्होंने स्थानीय लोगो से अपील भी की कि वे इन अभियान में बढ-चढ कर हिस्सा लें ताकि नदियों के घटते जलस्तर को बढाया जा सके साथ ही आने वाली पीढी के लिए एक सुनहरे भविष्य का निर्माण भी किया जा सकें। उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत भूमिगत जल स्तर को बढाने एवं नदियों के जल संरक्षण हेतु चाल-खाल, चैकडैम एवं वृक्षारोपण जैसे कार्यो को किया जा रहा है, जिससे वर्षा के जल का संरक्षण कर भूमि के जलस्तर में वृद्धि की जा सकेंगी।

बाईट—1— रंजना राजगुरू, जिलाधिकारी बागेश्वर।

एफवीओ— गौरतलब है कि गंगा पुनर्जीवन अभियान के तहत जनपद के संबन्धित क्षेत्रों को नौ रिचार्ज जोनों में बांटा गया है जिनमें विभिन्न कार्यो के संचालन हेतु जिलाधिकारी के द्वारा नोडल अधिकारियों की नियुक्ति भी की गयी है।Conclusion:एफवीओ— गौरतलब है कि गंगा पुनर्जीवन अभियान के तहत जनपद के संबन्धित क्षेत्रों को नौ रिचार्ज जोनों में बांटा गया है जिनमें विभिन्न कार्यो के संचालन हेतु जिलाधिकारी के द्वारा नोडल अधिकारियों की नियुक्ति भी की गयी है।
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