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सावन का पहला सोमवार: शिवमय हुई देवभूमि, मंदिरों में 'बम-बम भोले' की गूंज

आज सावन महीने का पहला सोमवार है. ऐसे में सभी मंदिर भगवान शंकर के जयकारों से गूंज रहे हैं. माना जाता है कि सोमवार के दिन सच्चे मन से भगवान शिव की उपासना करने से हर मुराद पूरी होती है. यही वजह है कि भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए मंदिरों में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ रहा है.

sawan ka pehla somwar
सावन का पहला सोमवार
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Published : Jul 18, 2022, 12:34 PM IST

Updated : Jul 18, 2022, 1:46 PM IST

हरिद्वार/उत्तरकाशी/बागेश्वर/ऋषिकेशः भगवान शिव का प्रिय महीना सावन चल रहा है. आज श्रावण मास का पहला सोमवार है. माना जाता है कि भगवान शिव को यह दिन प्रिय होता है. यही वजह है कि प्रदेश के विभिन्न मंदिरों और शिवालयों में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा हुआ है. अल सुबह से ही श्रद्धालु शिवलिंग और प्रतिमा पर जलाभिषेक कर मन्नतें मांग रहे हैं. चारों ओर का वातावरण शिवमय नजर आ रहा है.

हरिद्वार के कनखल में विराजते हैं भगवान शिवः माना जाता है कि शिव सावन के पूरे महीने अपनी ससुराल कनखल में ही निवास करते हैं. यहीं से सृष्टि का संचालन और लोगों का कल्याण भी करते हैं. यही वजह है कि शिव की ससुराल कनखल के दक्षेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी हुई हैं.

शिवमय हुई देवभूमि.

दक्षेश्वर मंदिर में शिव के जलाभिषेक का खासा महत्व होता है. मान्यता है कि सावन के महीने में शिव का जलाभिषेक करने से वे सभी की मनोकामनाएं पूरी करतें हैं. हरिद्वार में इन दिनों कांवड़ यात्रा चल रही है. इसी बीच शिव मंदिरों में जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी हुई हैं.

उत्तरकाशी के काशी विश्वनाथ मंदिर में जलाभिषेक के लिए लगा तांताः प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple in Uttarkashi) में जलाभिषेक के लिए सोमवार तड़के से ही भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी. सुबह आठ बजे के बाद यहां भीड़ के चलते श्रद्धालुओं को लंबी कतारें लगाकर दर्शन एवं जलाभिषेक करना पड़ा.

इसके अलावा गोपेश्वर महादेव, कीर्तेश्वर, लक्षेश्वर, कालेश्वर, रुद्रेश्वर महादेव, केदार, कंडार देवता और जड़भरत आदि तमाम शिवालयों में भी श्रद्धालुओं की कतारें लगी रहीं. श्रद्धालुओं ने भगवान शिव की आराधना कर सुख, शांति और समृद्धि की कामना की.

ये भी पढ़ेंः सावन का पहला सोमवार: सैकड़ों साल पुराना है कुंडी सोटेश्वर महादेव मंदिर, यहीं रुकी थी भोलेनाथ की बारात

बागेश्वर के बागनाथ मंदिर में दूर-दूर से पहुंच रहे श्रद्धालुः बागेश्वर जिले के पौराणिक बागनाथ मंदिर (Bagnath Temple of Bageshwar) समेत अन्य शिव मंदिरों में श्रद्वालुओं ने बाबा बागनाथ का जलाभिषेक कर आशीर्वाद मांगा. सुबह चार बजे से शिव मंदिरों में भोले बाबा का पंचामृत अभिषेक किया गया. श्रद्धालुओं ने सरयू गोमती के संगम में स्नान करने के बाद पवित्र जल से बाबा बागनाथ का जलाभिषेक किया. लोगों ने भगवान बागनाथ की पारंपरिक ढंग से पूजा-अर्चना करने के बाद खुशहाली की मन्नतें मांगी.

ऋषिकेश के वीरभद्र महादेव मंदिर में लंबी लाइनः बम-बम भोले के उद्घोष के साथ तीर्थ नगरी ऋषिकेश शिवमय हो गई है. हजारों की संख्या में श्रद्धालु ऋषिकेश के पौराणिक मंदिरों में भगवान शिव को जलाभिषेक करने के लिए पहुंच रहे हैं. ऋषिकेश के वीरभद्र महादेव मंदिर, सोमेश्वर महादेव मंदिर और चंद्रेश्वर महादेव मंदिर के साथ-साथ पौराणिक नीलकंठ महादेव मंदिर में भी श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए पहुंच रहे हैं.

मंदिर के बाहर लंबी-लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं. कोरोना काल के बाद सावन के पहले सोमवार पर भगवान शिव को जलाभिषेक करने के लिए पहुंच रहे श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. वीरभद्र महादेव मंदिर के महंत राजेंद्र गिरि ने कहा कि सावन में सोमवार के दिन भगवान शिव को जलाभिषेक करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं.

हरिद्वार/उत्तरकाशी/बागेश्वर/ऋषिकेशः भगवान शिव का प्रिय महीना सावन चल रहा है. आज श्रावण मास का पहला सोमवार है. माना जाता है कि भगवान शिव को यह दिन प्रिय होता है. यही वजह है कि प्रदेश के विभिन्न मंदिरों और शिवालयों में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा हुआ है. अल सुबह से ही श्रद्धालु शिवलिंग और प्रतिमा पर जलाभिषेक कर मन्नतें मांग रहे हैं. चारों ओर का वातावरण शिवमय नजर आ रहा है.

हरिद्वार के कनखल में विराजते हैं भगवान शिवः माना जाता है कि शिव सावन के पूरे महीने अपनी ससुराल कनखल में ही निवास करते हैं. यहीं से सृष्टि का संचालन और लोगों का कल्याण भी करते हैं. यही वजह है कि शिव की ससुराल कनखल के दक्षेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी हुई हैं.

शिवमय हुई देवभूमि.

दक्षेश्वर मंदिर में शिव के जलाभिषेक का खासा महत्व होता है. मान्यता है कि सावन के महीने में शिव का जलाभिषेक करने से वे सभी की मनोकामनाएं पूरी करतें हैं. हरिद्वार में इन दिनों कांवड़ यात्रा चल रही है. इसी बीच शिव मंदिरों में जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी हुई हैं.

उत्तरकाशी के काशी विश्वनाथ मंदिर में जलाभिषेक के लिए लगा तांताः प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple in Uttarkashi) में जलाभिषेक के लिए सोमवार तड़के से ही भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी. सुबह आठ बजे के बाद यहां भीड़ के चलते श्रद्धालुओं को लंबी कतारें लगाकर दर्शन एवं जलाभिषेक करना पड़ा.

इसके अलावा गोपेश्वर महादेव, कीर्तेश्वर, लक्षेश्वर, कालेश्वर, रुद्रेश्वर महादेव, केदार, कंडार देवता और जड़भरत आदि तमाम शिवालयों में भी श्रद्धालुओं की कतारें लगी रहीं. श्रद्धालुओं ने भगवान शिव की आराधना कर सुख, शांति और समृद्धि की कामना की.

ये भी पढ़ेंः सावन का पहला सोमवार: सैकड़ों साल पुराना है कुंडी सोटेश्वर महादेव मंदिर, यहीं रुकी थी भोलेनाथ की बारात

बागेश्वर के बागनाथ मंदिर में दूर-दूर से पहुंच रहे श्रद्धालुः बागेश्वर जिले के पौराणिक बागनाथ मंदिर (Bagnath Temple of Bageshwar) समेत अन्य शिव मंदिरों में श्रद्वालुओं ने बाबा बागनाथ का जलाभिषेक कर आशीर्वाद मांगा. सुबह चार बजे से शिव मंदिरों में भोले बाबा का पंचामृत अभिषेक किया गया. श्रद्धालुओं ने सरयू गोमती के संगम में स्नान करने के बाद पवित्र जल से बाबा बागनाथ का जलाभिषेक किया. लोगों ने भगवान बागनाथ की पारंपरिक ढंग से पूजा-अर्चना करने के बाद खुशहाली की मन्नतें मांगी.

ऋषिकेश के वीरभद्र महादेव मंदिर में लंबी लाइनः बम-बम भोले के उद्घोष के साथ तीर्थ नगरी ऋषिकेश शिवमय हो गई है. हजारों की संख्या में श्रद्धालु ऋषिकेश के पौराणिक मंदिरों में भगवान शिव को जलाभिषेक करने के लिए पहुंच रहे हैं. ऋषिकेश के वीरभद्र महादेव मंदिर, सोमेश्वर महादेव मंदिर और चंद्रेश्वर महादेव मंदिर के साथ-साथ पौराणिक नीलकंठ महादेव मंदिर में भी श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए पहुंच रहे हैं.

मंदिर के बाहर लंबी-लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं. कोरोना काल के बाद सावन के पहले सोमवार पर भगवान शिव को जलाभिषेक करने के लिए पहुंच रहे श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. वीरभद्र महादेव मंदिर के महंत राजेंद्र गिरि ने कहा कि सावन में सोमवार के दिन भगवान शिव को जलाभिषेक करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं.

Last Updated : Jul 18, 2022, 1:46 PM IST
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