बागेश्वरः पुड़कूनी गांव के भतौड़ा तोक में लोगों को पीने का पानी नहीं मिल पा रहा है. कनलगढ़ नदी के उदगम स्थल पर बसे गांव में चारों ओर पानी के स्रोत मौजूद हैं. इसके बावजूद ग्रामीणों को गधेरों से पानी ढोकर लाना पड़ता है. आक्रोशित ग्रामीणों ने डीएम कार्यालय में प्रदर्शन कर जल जीवन मिशन योजना के तहत गांव में का निर्माण करने की मांग की.
पुड़कूनी गांव के उप-प्रधान तारा सिंह मेहता के मुताबिक भतौड़ा तोक में 350 परिवार निवास करते हैं. गांव से एक किमी की दूरी पर पानी का स्रोत मौजूद है. पेयजल निर्माण निगम की टीम ने इस स्रोत से गांव के लिए योजना बनाने के लिए सर्वेक्षण भी किया था. इस सर्वे का स्रोत से साढ़े तीन किमी दूर बसे जगथाना गांव के कुछ लोगों ने विरोध किया, जिसके चलते गांव की योजना अधर में लटक गई. उन्होंने कहा कि गांव के चारों ओर अन्य कई पेयजल स्रोत मौजूद हैं. जहां से गांव के लिए पेयजल योजना का निर्माण कराया जा सकता है. ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से पूर्व में सर्वे किए गए स्रोत से पेयजल योजना के निर्माण के लिए अपने स्तर से जांच कराकर आपत्तियों का निस्तारण कराने और गांव के लोगों की समस्या को देखते हुए जल्द पेयजल योजना का निर्माण कराने की मांग की.
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उधर बागेश्वर में अदरक की खेती करने के लिए किसानों की दिलचस्पी बढ़ रही है. अदरक को बंदर और जंगली सूअर भी नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. उद्यान विभाग ने जिले में 699 क्विंटल अदरक की पौध मंगाई है. पौध 50 प्रतिशत सब्सिडी के साथ किसानों को दी जा रही है. इससे लगभग 8 हजार किसान लाभावित होंगे.
बागेश्वर उद्यान विभाग ने अदरक की पौध का वितरण शुरू कर दिया है. केंद्र पर किसानों की भीड़ उमड़ रही है. उद्यान विभाग भी भीड़ को देखकर गदगद नजर आ रहा है. सहायक उद्यान अधिकारी कुलदीप जोशी का कहना है कि बागेश्वर में 100 क्विंटल अदरक की पौध का वितरण किया जा रहा है. जरूरत पड़ने पर और मंगाया जाएगा. विभाग ने यह पौध 51.50 रुपये प्रतिकिलो की दर से खरीदी है. लेकिन किसानों को 26 रुपये प्रतिकिलो के दाम से दिया जा रहा है. गरुड़ के लिए 150, कौसानी 50, वच्यूला 60, पिगलो के लिए 60 क्विंटल अदरक की पौध आई है. शामा, कपकोट, कांडा आदि सेंटरों पर भी पौध वितरण का काम जल्द शुरू किया जाएगा.