बागेश्वर: दुष्कर्म के मामले में जिला सत्र न्यायाधीश बागेश्वर आरके खुल्बे की अदालत ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी को दोषी मानते हुए दस साल की सजा सुनाई है. वहीं एक अन्य मामले में दोषी को तीन साल की सजा सुनाई गई है. दोषी की दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी.
जानकारी के अनुसार राजस्व पुलिस क्षेत्र नंदीगांव के बोहाला हन्योली गांव निवासी संतोष सिंह पुत्र सुरेश सिंह के खिलाफ 29 नवंबर 2022 को पीड़िता ने तहरीर दी थी. पीड़िता ने बताया कि 28 नवंबर की रात दस बजे वह कमरे में सोई थी. इसी बीच उसके कमरे में दोषी संतोष सिंह घुस गया और उसका मुंह बंद कर दिया.
इसके बाद दोषी जबरन पीड़िता को उसके कमरे से पांच खेत नीचे ले गया, जहां उसने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया. वारदात को अंजाम देने के बाद दोषी मौके से फरार हो गया था. पीड़िता की तहरीर के आधार पर दोषी के खिलाफ आईपीसी की धारा 366, 376 और 457 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था.
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इसके बाद पीड़िता का मेडिकल किया गया था. साथ ही मजिस्ट्रेट के सामने बयान भी दर्ज हुए. उसके बाद मामला रेग्युलर पुलिस को सौंपा गया. पुलिस ने मामले में 506 की धारा बढ़ाकर न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया. मामले में अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता गोविंद बल्लभ उपाध्याय व सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता चंचल पपोला ने पैरवी की.
उन्होंने मामले में पीड़िता समेत 15 गवाह पेश किए. आज शनिवार 19 अगस्त को न्यायाधीश खुल्बे ने गवाहों को सुनने, पत्रावलियों का अवलोकन करने के बाद आरोपी को दुष्कर्म का दोषी मानते हुए दस साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई. साथ ही दोषी पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया.
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वहीं, धारा 457 में दोषी पाते हुए तीन साल की सजा सुनाई और पांच हजार का जुर्माना लगाया. दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी. जुर्माना जमा नहीं करने पर तीन महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा. फिलहाल दोषी जमानत पर था, जिसे पुलिस ने हिरासत में लेकर अल्मोड़ा जेल भेजा.