बागेश्वरः विशेष सत्र न्यायाधीश आरके खुल्बे ने चरस तस्करी में शामिल एक दोषी को 12 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही दोषी पर एक लाख रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. अगर अर्थदंड अदा नहीं किया तो उसे 6 महीने की अतिरिक्त सजा काटनी होगी.
बता दें कि 22 दिसंबर 2020 को बागेश्वर कोतवाली पुलिस में तैनात एसआई जीवन सिंह चुफाल पुलिस कर्मियों के साथ गश्त कर रहे थे. जब वो बिलौना के गड़िया गांव में स्थित पुल से गुजर रहे थे, तभी मुखबिर ने चरस तस्करी होने की सूचना दी. साथ ही तस्कर का हुलिया भी बताया गया. जिसमें बताया गया कि एक शख्स पिट्ठू बैग लेकर घूम रहा है, जो एआरटीओ कार्यालय की ओर निकला है. मुखबिर की इस सूचना पर पुलिस अलर्ट हुई और मौके पर पहुंची.
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वहीं, एआरटीओ कार्यालय से कुछ ही दूरी पर मुखबिर की ओर से बताए हुलिये के आधार पर तस्कर को गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ में आरोपी ने अपना नाम जगदीश कोरंगा पुत्र लाल सिंह कोरंगा (उम्र 20 वर्ष) बताया. जगदीश कपकोट के लीली का रहने वाला है. जब पिट्ठू बैग की तलाशी ली गई तो उसके अंदर से 6 किलो 470 ग्राम चरस बरामद हुई. आरोपी ने बताया कि वो चरस बेचने निकला था. पुलिस से बचने के लिए कभी वो पैदल तो कभी वाहन बदल-बदल कर हल्द्वानी जा रहा था, लेकिन पुलिस ने पकड़ लिया.
उधर, पुलिस ने मामले में आरोपी जगदीश के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया. जिसके बाद मामला कोर्ट में पहुंचा. ऐसे में पूरे मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी की गई. जिसके तहत जिला शासकीय अधिवक्ता गोविंद बल्लभ उपाध्याय और सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता चंचल सिंह ने 10 गवाह कोर्ट में पेश किए. गवाहों को सुनने और पत्रावली का अवलोकन करने के बाद जिला न्यायालय के विशेष सत्र न्यायाधीश आरके खुल्बे ने आरोपी को दोषी पाया. दोषी तस्कर को 12 साल की सजा सुनाई है.