बागेश्वर: पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा ने कपकोट में आयोजित 'चेलि ब्वारयूं कौतिक' को धामी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कपकोट में आयोजित कार्यक्रम को सरकारी धन का दुरुपयोग बताया है. प्रदीप टम्टा ने कहा कि महिलाओं के साथ राज्य में अन्याय हो रहा है. मुख्यमंत्री देवियों के पैर धो रहे हैं, अपनी विधानसभा में पीड़ित और उसके स्वजन तक को ढांढस नहीं बंधा सके हैं. कहा कि राज्य में महिला, दलित उत्पीड़न बढ़ा है.
राज्य में महिलाएं सुरक्षित नहीं: पर्यटक आवास गृह में पत्रकार वार्ता के दौरान प्रदीप टम्टा ने कहा कि राज्य में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं, लगातार उत्पीड़न हो रहा है. राष्ट्रीय स्तर पर भी महिला, बच्चे और दलित उत्पीड़न में इजाफा हुआ है. अंकिता भंडारी के स्वजन न्याय के लिए भटक रहे हैं. चमोली, उत्तरकाशी और चंपावत में महिला उत्पीड़न के मामले सामने आए हैं. मुख्यमंत्री की विधानसभा के मंडल अध्यक्ष पर नाबालिग से दुष्कर्म का आरोप लगा है. आठ घंटे तक पीड़िता की मां को थाने में बैठाए रखा. आरोपित की गिरफ्तारी पांच दिन में हो सकी.
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कपकोट में जनता के टैक्स की बर्बादी: निर्भया केस के बाद फास्ट ट्रैक न्यायालय बनना था, जिससे महिलाओं को त्वरित न्याय मिलना था. साथ ही कहा कि वह राज्यपाल से तत्काल न्यायालय की मांग करेंगे. कहा कि कपकोट में जनता के टैक्स की बर्बादी हुई है, जिसकी जांच होनी चाहिए. जनप्रतिनिधि समान होते हैं, लेकिन इस आयोजन में महिला जनप्रतिनिधियों को बोलने तक नहीं दिया गया है. सरकारी तंत्र का भी दुरुपयोग हुआ है. प्रदीप टम्टा ने आगे कहा कि महिला उत्पीड़न के मामले नहीं रुके तो कांग्रेस सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन करेगी.