बागेश्वरः मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के जनसंपर्क अधिकारी का एसएसपी बागेश्वर को लिखा एक पत्र सोशल मीडिया पर जमकर वायरल (Pushkar dhami PRO letter to SSP goes viral) हो रहा है. इस पत्र में सीएम के जनसंपर्क अधिकारी ने बागेश्वर एसएसपी से तीन चालानों को निरस्त करने के लिए कहा है. पत्र में जनसंपर्क अधिकारी ने लिखा है कि उन्हें इसके लिए मुख्यमंत्री ने मौखिक निर्देश दिए हैं. पत्र वायरल होने के बाद प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. वहीं, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पूरे मामले में अधिकारी को बर्खास्त कर मामले की जांच के आदेश दिए हैं.
दरअसल, सोशल मीडिया पर जो पत्र वायरल हो रहा है, उसमें प्रेषक का नाम नंदन सिंह बिष्ट (pushkar dhami public relations officer nandan singh) लिखा गया है. मुख्यमंत्री धामी के जनसंपर्क अधिकारी के लेटरहेड पर जारी इस पत्र (pushkar dhami pro letter viral) में लिखा गया है कि 'मुख्यमंत्री जी के मौखिक निर्देशानुसार मुझे यह कहने का निर्देश हुआ है कि दिनांक 29.11.2021 को बागेश्वर यातायात पुलिस, बागेश्वर द्वारा किये गए वाहन संख्या यूके 02 सीए 0238, यूके 02 सीए 1238 और यूके 04 सीए 5907 के चालान को निरस्त करने का कष्ट करें.'
पत्र की प्रति संभागीय परिवहन अधिकारी बागेश्वर को भी सूचनार्थ प्रेषित की गई है. यह पत्र एसएसपी बागेश्वर के नाम लिखा गया है. यदि पत्र ओरिजनल है तो साफ है कि सीएम के जनसंपर्क अधिकारी एसएसपी बागेश्वर को तीन वाहनों के चालान निरस्त करने के लिए कह रहे हैं. परिवहन एप में इन तीनों वाहनों के नंबरों के आधार पर यह जानने की कोशिश की गई कि उक्त वाहन किसके नाम से रजिस्टर्ड हैं तो चौंकाने वाली जानकारी मिली.
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पता चला कि वाहन संख्या UK 02 CA 0238, UK 02 CA 1238 भार वाहन हैं और दोनों किसी मनोज कुमार शाह के नाम से दर्ज हैं. UK 02 CA 1238 के नाम पर 14200 का चालान पेंडिंग है. जबकि, UK 02 CA 0238 नंबर वाले वाहन पर 15600 रुपए का चालान पेंडिंग है. वहीं, UK 04 CA 5907 नंबर वाला भार वाहन हरीश कुमार शाह के नाम दर्ज है. इस वाहन पर 13000 रुपए का चालान पेंडिंग है.
इस जानकारी से स्पष्ट है कि मनोज कुमार शाह और हरीश कुमार शाह का आपस में कोई न कोई कनेक्शन तो है. 8 दिसंबर को जारी इस पत्र पर एसएसपी ने क्या कार्रवाई की अभी नहीं पता चला है. हालांकि, बताया जा रहा है कि शुक्रवार देर शाम तक तीनों ने चालान भर दिए हैं. पत्र के वायरल होने के बाद चर्चाएं शुरू हो गई हैं कि नियमों को ताक पर रखकर खड़िया की ढुलाई कर रहे लोग इस तरह के प्रयास कर पुलिस पर अपना सिक्का चलाना चाहते हैं.
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वहीं, कुछ लोगों को पत्र की सत्यता पर ही संदेह है तो कुछ लोगों का कहना है कि सीएम ऐसे निर्देश देकर पुलिस का हौसला तोड़ रहे है. ईटीवी भारत इस पत्र की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है.