बागेश्वर: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए 17 मई तक लॉकडाउन चल रहा है. जिले के हजारों युवा अपने परिवार का भरण-पोषण करने देश के विभिन्न राज्यों में गए थे. लेकिन ये युवा कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अब अपने घर वापस लौट रहे हैं. वापस जिले में लौट रहे युवाओं का जिला प्रशासन अब डाटा इकट्ठा कर जिले में ही स्वरोजगार देने की रणनीति बना रहा है.
बता दें कि जिले में तकरीबन तीन हजार युवाओं ने रिवर्स पलायन किया है. युवाओं के घर वापस लौटने से जिला प्रशासन के जिला पलायन मैनेजमेंट में खुशी की लहर है. विभाग जिले के तीनों ब्लॉकों में अपने फील्ड कर्मचारियों से डेटा इकट्ठा कर गांव में ही इनके रोजगार की संभावनाओं को तलाशने में जुट गया है. वहीं, दूसरी तरफ लॉकडाउन के दौरान क्वारंटाइन अवधि पूर्ण करने के बाद युवाओं में रोजगार खत्म होने से बेरोजगारी की चिंता सताने लगी है. कई ग्रामीण युवा पारंपरिक खेती बाड़ी में जुट भी गए हैं. ऐसे युवा इन दिनों अपने घरों पर रहकर घरों के रोजमर्रा के कार्य निपटाने व घर वालों के कामों में हाथ बंटा रहे हैं. इससे उनके परिजनों में खुशी का माहौल बना हुआ है. लेकिन उनके परिजन भी चाहते हैं कि राज्य सरकार उनके बच्चों के लिए क्षेत्र में ही रोजगारपरक साधन उपलब्ध करवाए.
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मुख्य विकास अधिकारी दामोदर दत्त पंत ने बताया कि जिले में एक माह के दौरान तीनो ब्लॉकों बागेश्वर, गरुड़, कपकोट में तकरीबन तीन हजार से अधिक युवा अपने-अपने घर वापस लौटे हैं. जिले में ये रिवर्स पलायन के अच्छे संकेत हैं. इसके आगे भी औऱ अधिक युवाओं के अपने घर वापस आने की उम्मीद है. उन्होंने बताया कि शासन से लिंक मिला हुआ है. इसमें लॉकडाउन के दौरान आए हुए युवक-युवतियों को अपनी डिटेल ऑनलाइन भरकर अपनी रिपोर्ट जमा करनी है. आगे उसी आधार पर उनके गांव में उनके कौशल योग्यता के अनुसार सबंधित विभागों से संपर्क कर स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जाएगा.