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जर्जर हालत में बागेश्वर को पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा से जोड़ने वाले पुल, बड़े हादसे का खतरा

बागेश्वर को पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा से जोड़ने वाले पुलों की हालत ठीक नहीं है. 6 दशक से पुराने पुलों को जल्द से जल्द मरम्मत की जरूरत है. स्थानीय लोगों ने पुलों की हालत पर चिंता जताते हुए किसी बड़े हादसे की आशंका जताई है. इनमें से कई पुलों को बागेश्वर की लाइफ लाइन भी कहा जाता है.

dilapidated condition of bridge
जर्जर हालत पुल
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Published : Jan 17, 2022, 7:09 AM IST

बागेश्वरः पर्वतीय जिला बागेश्वर को पिथौरागढ़ व अल्मोड़ा से जोड़ने वाले पुलों की हालत बेहद जर्जर बनी हुई है. एनएच विभाग द्वारा पुलों में डाली गई प्लेट पूरी तरीके से घिस चुकी हैं, जिस वजह से राहगीर चोटिल हो रहे हैं. लोगों ने जर्जर हो चुके पुलों को लेकर बड़े हादसा का अंदेशा जताया है. इन पुलों के बने हुए 6 दशक से ज्यादा का वक्त हो चुका है.

पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा को जोड़ने वाले पुलों की हालत देखकर ऐसा लगता है कि यह किसी बड़ी दुर्घटना को दावत दे रहे हैं. दूसरी तरफ शायद प्रशासन और शासन भी किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहे हैं. सरयू और गोमती नदी पर बने पुलों को बागेश्वर की लाइफ लाइन माना जाता है. ये पुल बागेश्वर को अन्य जनपदों से जोड़ते हैं और आज इनकी हालत जर्जर बनी हुई है. लगभग 6 दशकों पहले इन पुलों को बनाया गया था. तब से आज तक भारी-भरकम गाड़ियों का रोज इन पुलों से आवागमन होता है, इसके बावजूद इनकी हालत में कोई सुधार नहीं लाया गया.

ये भी पढ़ेंः बेबसी: डोली करती है यहां एंबुलेंस का काम, महिला ने रास्ते में दिया नवजात को जन्म

वहीं, क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता रमेश कृषक पांडे का कहना है कि कोई बड़ी दुर्घटना होने से पहले एनएच विभाग की ओर से पुलों की मरम्मत कर दी जानी चाहिए. क्योंकि बाहर से आने वाले पर्यटकों के लिए यह पुल जनपद में आकर्षण का केंद्र हैं. वहीं, एनएच के संबंधित अधिकारी ने फोन पर ईटीवी भारत के संवाददाता को बताया कि फिलहाल इन पुलों का निरीक्षण कराया जाएगा, जिसके बाद स्थाई व अस्थाई रूप से पुलों की हालत के मुताबिक उनकी मरम्मत की जाएगी.

बागेश्वरः पर्वतीय जिला बागेश्वर को पिथौरागढ़ व अल्मोड़ा से जोड़ने वाले पुलों की हालत बेहद जर्जर बनी हुई है. एनएच विभाग द्वारा पुलों में डाली गई प्लेट पूरी तरीके से घिस चुकी हैं, जिस वजह से राहगीर चोटिल हो रहे हैं. लोगों ने जर्जर हो चुके पुलों को लेकर बड़े हादसा का अंदेशा जताया है. इन पुलों के बने हुए 6 दशक से ज्यादा का वक्त हो चुका है.

पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा को जोड़ने वाले पुलों की हालत देखकर ऐसा लगता है कि यह किसी बड़ी दुर्घटना को दावत दे रहे हैं. दूसरी तरफ शायद प्रशासन और शासन भी किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहे हैं. सरयू और गोमती नदी पर बने पुलों को बागेश्वर की लाइफ लाइन माना जाता है. ये पुल बागेश्वर को अन्य जनपदों से जोड़ते हैं और आज इनकी हालत जर्जर बनी हुई है. लगभग 6 दशकों पहले इन पुलों को बनाया गया था. तब से आज तक भारी-भरकम गाड़ियों का रोज इन पुलों से आवागमन होता है, इसके बावजूद इनकी हालत में कोई सुधार नहीं लाया गया.

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वहीं, क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता रमेश कृषक पांडे का कहना है कि कोई बड़ी दुर्घटना होने से पहले एनएच विभाग की ओर से पुलों की मरम्मत कर दी जानी चाहिए. क्योंकि बाहर से आने वाले पर्यटकों के लिए यह पुल जनपद में आकर्षण का केंद्र हैं. वहीं, एनएच के संबंधित अधिकारी ने फोन पर ईटीवी भारत के संवाददाता को बताया कि फिलहाल इन पुलों का निरीक्षण कराया जाएगा, जिसके बाद स्थाई व अस्थाई रूप से पुलों की हालत के मुताबिक उनकी मरम्मत की जाएगी.

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