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बागेश्वर: फिर सुर्खियों में 'खाकी', मारपीट का VIDEO वायरल होने के बाद लोगों में रोष - जिलाधिकारी रंजना राजगुरु

बागेश्वर में पुलिस द्वारा एक दुकान में की गई मारपीट का वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसको लेकर व्यापार मंडल में पुलिस के खिलाफ काफी रोष है.

पुलिस पर लगा मारपीट का आरोप
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Published : Sep 17, 2019, 5:17 AM IST

Updated : Sep 17, 2019, 7:28 AM IST

बागेश्वर: जिले में मित्र पुलिस की तानाशाही का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. जिसमें पुलिस के कुछ कर्मचारी एक व्यक्ति को उसकी दुकान से जबरन घसीटते हुए बाहर लाते दिख रहे हैं और साथ ही पुलिसकर्मी उस दुकान में तोड़फोड़ करते भी दिख रहे हैं. इस घटना के बाद से व्यापार मंडल में पुलिस के खिलाफ काफी रोष है. वहीं, जिलाधिकारी रंजना राजगुरु ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी को निष्पक्ष जांच के आदेश दे दिए हैं.

पुलिस पर लगा मारपीट का आरोप.

जानकारी के अनुसार रविवार रात पुलिस की एक टीम अग्निकुंड बाईपास रोड़ स्थित गिरीश पांडे की किराना की दुकान पर चेकिंग के लिए पहुंची. जहां पुलिस को कुछ हाथ नहीं लगा. इसके बाद पुलिस जबरन दुकान स्वामी के किरायेदार के कमरे का ताला तोड़ने लगी. जिसपर गिरीश और उसके भाई राजेश पांडे ने इसका विरोध किया. जिसको लेकर पुलिस कर्मियों और मकान स्वामी के बीच नोकझोंक हुई. लेकिन पुलिस ने जबरन ताला तोड़ कर किरायेदार के कमरों की तलाशी ली. लेकिन पुलिस को वहां भी कुछ हाथ नहीं लगा. जिसके बाद राजेश अपनी हार्डवेयर की दुकान में आ कर बैठ गया.

पढ़ें: पंचायत के एक्शन में 'पावर' दिखाने के लिए दलों ने कसी कमर, तारीखों का हुआ एलान

इस दौरान पुलिसकर्मी हार्डवेयर की दुकान में पहुंचते हैं और राजेश को कुर्सी से खिंचते हुए दुकान के बाहर लाते हैं. इसके बाद एक पुलिस कर्मी दुकान के पास रखी टॉयलेट सीट को उठा कर एक व्यक्ति पर फेंकने का प्रयास करता है, लेकिन टॉयलेट सीट हाथ से फिसल कर जमीन पर गिर जाता है. जिसके बाद बिना किसी कारण के पुलिसकर्मी राजेश और गिरीश पांडे को गाड़ी में बिठा कर पुलिस थाने ले गए. ये सारी घटना मौके पर लगे सीसीटीवी में कैद हो गई. जोकि शहर में तेजी से वायरल हो रहा है.

वहीं, पुलिस ने राजेश और गिरीश पांडे को अल्मोड़ा जेल भेज दिया गया है. सोमवार को जब से ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो हुआ, उसके बाद व्यापारियों में पुलिस के खिलाफ काफी रोष है.

बता दें कि राजेश की पत्नी नगर पालिका सभासद हैं. उनका कहना है कि समझ नहीं आ रहा कि पुलिस लोगों की रक्षा के लिए है या उन पर झूठे मामले दर्ज कर जेल भेजने के लिए. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो वो नगर पालिका के सभासद पद से त्यागपत्र देने को मजबूर होंगी.

इस मामले में एसपी प्रीति प्रियदर्शिनी का कहना है कि सूचना पर पुलिस टीम चेकिंग के लिए पहुंची थी. पुलिस को सहयोग नहीं किया गया. साथ ही पुलिस के साथ हाथापाई की गई. पुलिस के वाहन को भी नुकसान पहुंचाया गया है. जिसपर मामला दर्ज करते हुए दो लोगों को हिरासत में लेकर मामला दर्ज कर जेल भेज दिया गया है.

वहीं, व्यापारियों ने जिलाधिकारी से मामले की निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई करने की मांग की. जिसपर जिलाधिकारी रंजना राजगुरु का कहना है कि मामला गंभीर है. एसपी को मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. साथ ही मामले की जांच कर रहे सीओ को भी निष्पक्ष जांच करने के निर्देश दिए गए हैं.

बागेश्वर: जिले में मित्र पुलिस की तानाशाही का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. जिसमें पुलिस के कुछ कर्मचारी एक व्यक्ति को उसकी दुकान से जबरन घसीटते हुए बाहर लाते दिख रहे हैं और साथ ही पुलिसकर्मी उस दुकान में तोड़फोड़ करते भी दिख रहे हैं. इस घटना के बाद से व्यापार मंडल में पुलिस के खिलाफ काफी रोष है. वहीं, जिलाधिकारी रंजना राजगुरु ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी को निष्पक्ष जांच के आदेश दे दिए हैं.

पुलिस पर लगा मारपीट का आरोप.

जानकारी के अनुसार रविवार रात पुलिस की एक टीम अग्निकुंड बाईपास रोड़ स्थित गिरीश पांडे की किराना की दुकान पर चेकिंग के लिए पहुंची. जहां पुलिस को कुछ हाथ नहीं लगा. इसके बाद पुलिस जबरन दुकान स्वामी के किरायेदार के कमरे का ताला तोड़ने लगी. जिसपर गिरीश और उसके भाई राजेश पांडे ने इसका विरोध किया. जिसको लेकर पुलिस कर्मियों और मकान स्वामी के बीच नोकझोंक हुई. लेकिन पुलिस ने जबरन ताला तोड़ कर किरायेदार के कमरों की तलाशी ली. लेकिन पुलिस को वहां भी कुछ हाथ नहीं लगा. जिसके बाद राजेश अपनी हार्डवेयर की दुकान में आ कर बैठ गया.

पढ़ें: पंचायत के एक्शन में 'पावर' दिखाने के लिए दलों ने कसी कमर, तारीखों का हुआ एलान

इस दौरान पुलिसकर्मी हार्डवेयर की दुकान में पहुंचते हैं और राजेश को कुर्सी से खिंचते हुए दुकान के बाहर लाते हैं. इसके बाद एक पुलिस कर्मी दुकान के पास रखी टॉयलेट सीट को उठा कर एक व्यक्ति पर फेंकने का प्रयास करता है, लेकिन टॉयलेट सीट हाथ से फिसल कर जमीन पर गिर जाता है. जिसके बाद बिना किसी कारण के पुलिसकर्मी राजेश और गिरीश पांडे को गाड़ी में बिठा कर पुलिस थाने ले गए. ये सारी घटना मौके पर लगे सीसीटीवी में कैद हो गई. जोकि शहर में तेजी से वायरल हो रहा है.

वहीं, पुलिस ने राजेश और गिरीश पांडे को अल्मोड़ा जेल भेज दिया गया है. सोमवार को जब से ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो हुआ, उसके बाद व्यापारियों में पुलिस के खिलाफ काफी रोष है.

बता दें कि राजेश की पत्नी नगर पालिका सभासद हैं. उनका कहना है कि समझ नहीं आ रहा कि पुलिस लोगों की रक्षा के लिए है या उन पर झूठे मामले दर्ज कर जेल भेजने के लिए. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो वो नगर पालिका के सभासद पद से त्यागपत्र देने को मजबूर होंगी.

इस मामले में एसपी प्रीति प्रियदर्शिनी का कहना है कि सूचना पर पुलिस टीम चेकिंग के लिए पहुंची थी. पुलिस को सहयोग नहीं किया गया. साथ ही पुलिस के साथ हाथापाई की गई. पुलिस के वाहन को भी नुकसान पहुंचाया गया है. जिसपर मामला दर्ज करते हुए दो लोगों को हिरासत में लेकर मामला दर्ज कर जेल भेज दिया गया है.

वहीं, व्यापारियों ने जिलाधिकारी से मामले की निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई करने की मांग की. जिसपर जिलाधिकारी रंजना राजगुरु का कहना है कि मामला गंभीर है. एसपी को मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. साथ ही मामले की जांच कर रहे सीओ को भी निष्पक्ष जांच करने के निर्देश दिए गए हैं.

Intro:बागेश्वर।

एंकर- बागेश्वर में लगातार मित्र पुलिस पर आरोप लगने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बागेश्वर पुलिस की तानाशाही का एक ऐसा ही मामला सीसीटीवी में कैद हुआ है। जो सोसियल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमे पुलिस के कुछ कर्मचारी एक व्यक्ति को उसकी दुकान से जबरन घसीटे हुए बाहर ला रहे हैं। वही पुलिस कर्मी उस दुकान में समान पटकते हुए भी दिखाई दे रहे हैं। इस घटना से व्यापार मंडल में काफी आक्रोश है।

वीओ- बीती रात सूचना पर पुलिस की एक टीम अग्निकुंड बाईपास रोड़ स्थित गिरीश पांडे की किराना की दुकान पर चेकिंग के लिए पहुंची और दुकान की चेकिंग की गई। जहां से पुलिस को कुछ भी हाथ नहीं लगा। इसके बाद पुलिस जबरन दुकान स्वामी के किरायेदार के कमरे का ताला तोड़ने लगी। जिसका गिरीश और उसके भाई राजेश पांडे ने विरोध किया। उनका कहना था कि किरायेदार की अनुपस्थिति में ताला ना तोड़ें। इस दौरान पुलिस कर्मियों और मकान स्वामी के बीच नोकझोक हुई। लेकिन पुलिस ने जबरन ताला तोड़ कर किरायेदार के कमरों की तलाशी ली। लेकिन पुलिस को वहां से कुछ भी हाथ नहीं लगा। सीसीटीवी कैमरे में साफ देखा जा सकता है कि जिसके बाद राजेश अपनी हार्डवेयर की दुकान में आ कर बैठ गए। इसी दौरान पुलिस कर्मी हार्डवेयर की दुकान में पहुंचते हैं और राजेश को कुर्सी से खिंचते हुए दुकान के बाहर लाते हैं। दुकान के बाहर लगे कैमरे में पुलिस कर्मी एक व्यक्ति पर टूट पड़ते हैं। इसी दौरान एक पुलिस कर्मी दुकान के पास रखी टॉयलेट शीट को उठा कर एक व्यक्ति के ऊपर फेंकने का प्रयास करता है। लेकिन गनीमत यह रहती है कि टॉयलेट शीट हाथ से फिसल जाती है और जमीन में गिर कर टूट जाती है। जिसके बाद काफी देर तक पुलिस का हयबोल्टेज ड्रामा सीसीटीवी में होता देख जा सकता है। जिसके बाद बिना किसी कारण के पुलिस कर्मी राजेश पांडेय और गिरीश को गाड़ी में बिठा कर पुलिस थाने ले गए। जहां से दोनों को अल्मोड़ा जेल भेज दिया गया है। आज जब यह वीडियो सोसियल मीडिया में वायरल हुआ उसके बाद से ही पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े होने लगे हैं। व्यापारियों में पुलिस की इस करतूत स भारी आक्रोश है।
वहीं राजेश की पत्नी बबिता पांडे नगर पालिका सभासद हैं। उनका कहना है कि समझ नही आ रहा है कि पुलिस लोगों की रक्षा के लिए है या उन पर झूठे मामले दर्ज कर जेल भेजने के लिए। उनका कहना है कि पुलिस कर्मियों ने जबरन किरायेदार की अनुपस्थिति में कमरे का ताला तोड़ा और कमरे की तलाशी ली। तलाशी के दौरान पुलिस को दुकान और कमरे से कुछ भी नहीं मिला। हमारे द्वारा कमरे का ताला तोड़ने का विरोध किया गया। जिस पर पुलिस कर्मी मारपीट पर उतारू हो गए। इसके बाद उनके पति अपनी हार्डवेयर की दुकान में चले गए। जहां पुलिस कर्मियों ने उनके पति और जेठ के साथ मारपीट की। साथ ही दुकान में भी पुलिस कर्मियों द्वारा तोड़फोड़ की गई। जिसके बाद पुलिस बिना किसी जुर्म के पति राजेश और उनके जेठ गिरीश को पकड़ कर कोतवाली ले गयी। जहां उन पर झूठा मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया। पुलिस की इस निर्दयता पूर्ण कार्रवाई से पूरा परिवार दहशत में है। उन्होंने न्याय की गुहार लगाई है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो वो नगर पालिका के सभासद पद से त्यागपत्र देने को मजबूर होंगी।
वहीं एसपी प्रीति प्रियदर्शिनी का कहना है कि सूचना पर पुलिस टीम चेकिंग के लिए पहुंची थी। पुलिस को सहयोग नहीं किया गया। साथ ही पुलिस के साथ हाथापाई की गई वही पुलिस के वाहन को भी नुकसान पहुंचाया गया है। जिस पर मामला दर्ज करते हुए दो लोगों को हिराशत में ले कर मामला दर्ज कर जेल भेज दिया गया है। वहीं एक व्यक्ति की तलाश की जा रही है।
वहीं मामले को लेकर व्यपार मंडल जिलाधिकारी से मिला। व्यापारियों ने जिलाधिकारी से मामले की निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई करने की मांग की। जिस पर जिलाधिकारी रंजना राजगुरु का कहना है कि मामला गंभीर है। एसपी को मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं वहीं मामले की जांच कर रहे सीओ को भी निष्पक्ष जांच कर करवाई करने के निर्देश दे दिए गए हैं।

बाईट 01- बबिता पांडेय, पीड़ित।
बाईट 02- प्रीति प्रियदर्शिनी, एसपी बागेश्वर।
बाईट 03- रंजना राजगुरु, डीएम बागेश्वर।Body:वीओ- बीती रात सूचना पर पुलिस की एक टीम अग्निकुंड बाईपास रोड़ स्थित गिरीश पांडे की किराना की दुकान पर चेकिंग के लिए पहुंची और दुकान की चेकिंग की गई। जहां से पुलिस को कुछ भी हाथ नहीं लगा। इसके बाद पुलिस जबरन दुकान स्वामी के किरायेदार के कमरे का ताला तोड़ने लगी। जिसका गिरीश और उसके भाई राजेश पांडे ने विरोध किया। उनका कहना था कि किरायेदार की अनुपस्थिति में ताला ना तोड़ें। इस दौरान पुलिस कर्मियों और मकान स्वामी के बीच नोकझोक हुई। लेकिन पुलिस ने जबरन ताला तोड़ कर किरायेदार के कमरों की तलाशी ली। लेकिन पुलिस को वहां से कुछ भी हाथ नहीं लगा। सीसीटीवी कैमरे में साफ देखा जा सकता है कि जिसके बाद राजेश अपनी हार्डवेयर की दुकान में आ कर बैठ गए। इसी दौरान पुलिस कर्मी हार्डवेयर की दुकान में पहुंचते हैं और राजेश को कुर्सी से खिंचते हुए दुकान के बाहर लाते हैं। दुकान के बाहर लगे कैमरे में पुलिस कर्मी एक व्यक्ति पर टूट पड़ते हैं। इसी दौरान एक पुलिस कर्मी दुकान के पास रखी टॉयलेट शीट को उठा कर एक व्यक्ति के ऊपर फेंकने का प्रयास करता है। लेकिन गनीमत यह रहती है कि टॉयलेट शीट हाथ से फिसल जाती है और जमीन में गिर कर टूट जाती है। जिसके बाद काफी देर तक पुलिस का हयबोल्टेज ड्रामा सीसीटीवी में होता देख जा सकता है। जिसके बाद बिना किसी कारण के पुलिस कर्मी राजेश पांडेय और गिरीश को गाड़ी में बिठा कर पुलिस थाने ले गए। जहां से दोनों को अल्मोड़ा जेल भेज दिया गया है। आज जब यह वीडियो सोसियल मीडिया में वायरल हुआ उसके बाद से ही पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े होने लगे हैं। व्यापारियों में पुलिस की इस करतूत स भारी आक्रोश है।
वहीं राजेश की पत्नी बबिता पांडे नगर पालिका सभासद हैं। उनका कहना है कि समझ नही आ रहा है कि पुलिस लोगों की रक्षा के लिए है या उन पर झूठे मामले दर्ज कर जेल भेजने के लिए। उनका कहना है कि पुलिस कर्मियों ने जबरन किरायेदार की अनुपस्थिति में कमरे का ताला तोड़ा और कमरे की तलाशी ली। तलाशी के दौरान पुलिस को दुकान और कमरे से कुछ भी नहीं मिला। हमारे द्वारा कमरे का ताला तोड़ने का विरोध किया गया। जिस पर पुलिस कर्मी मारपीट पर उतारू हो गए। इसके बाद उनके पति अपनी हार्डवेयर की दुकान में चले गए। जहां पुलिस कर्मियों ने उनके पति और जेठ के साथ मारपीट की। साथ ही दुकान में भी पुलिस कर्मियों द्वारा तोड़फोड़ की गई। जिसके बाद पुलिस बिना किसी जुर्म के पति राजेश और उनके जेठ गिरीश को पकड़ कर कोतवाली ले गयी। जहां उन पर झूठा मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया। पुलिस की इस निर्दयता पूर्ण कार्रवाई से पूरा परिवार दहशत में है। उन्होंने न्याय की गुहार लगाई है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो वो नगर पालिका के सभासद पद से त्यागपत्र देने को मजबूर होंगी।
वहीं एसपी प्रीति प्रियदर्शिनी का कहना है कि सूचना पर पुलिस टीम चेकिंग के लिए पहुंची थी। पुलिस को सहयोग नहीं किया गया। साथ ही पुलिस के साथ हाथापाई की गई वही पुलिस के वाहन को भी नुकसान पहुंचाया गया है। जिस पर मामला दर्ज करते हुए दो लोगों को हिराशत में ले कर मामला दर्ज कर जेल भेज दिया गया है। वहीं एक व्यक्ति की तलाश की जा रही है।
वहीं मामले को लेकर व्यपार मंडल जिलाधिकारी से मिला। व्यापारियों ने जिलाधिकारी से मामले की निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई करने की मांग की। जिस पर जिलाधिकारी रंजना राजगुरु का कहना है कि मामला गंभीर है। एसपी को मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं वहीं मामले की जांच कर रहे सीईओ को भी निष्पक्ष जांच कर करवाई करने के निर्देश दे दिए गए हैं।

बाईट 01- बबिता पांडेय, पीड़ित।
बाईट 02- प्रीति प्रियदर्शिनी, एसपी बागेश्वर।
बाईट 03- रंजना राजगुरु, डीएम बागेश्वर।Conclusion:
Last Updated : Sep 17, 2019, 7:28 AM IST
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