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Bageshwar Parking का काम बजट के कारण लटका, जाम से त्रस्त है बाजार - दो मंजिला पार्किंग

बागेश्वर नगर में पार्किंग की समस्या दिनों दिन बड़ा रूप ले रही है. पार्किंग नहीं होने से बाजार में जाम के हालात हर दिन बनते रहते हैं. पार्किंग का काम शुरू तो हुआ लेकिन पूरा नहीं हो पाया. 2.12 करोड़ की लागत से बन रही दो मंजिला पार्किंग का काम बजट के अभाव में वर्ष 2021 से रुका पड़ा है.

Parking under construction
दो साल से रुकी पड़ी निर्माणाधीन पार्किं
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Published : Mar 10, 2023, 10:13 AM IST

बागेश्वर: जिले में वर्ष 2020 में दो मंजिला पार्किंग का निर्माण कार्य शुरू हुआ था. स्वीकृत बजट के सापेक्ष मात्र 50 लाख रुपये जारी हुए. रकम भूतल के निर्माण पर खर्च हो गई. नगर पालिका दो साल से शेष धन राशि का इंतजार कर रही है, जो कि शासन से नहीं मिल पा रही है. नगरपालिका ईओ सतीश कुमार ने बताया कि निर्माणाधीन दो मंजिला पार्किंग के शेष बजट के लिए लगातार शासन से संपर्क कर बजट मुक्त करने का प्रयास किया जा रहा है. बजट मिलते ही पार्किंग के लंबित कार्य को पूरा कराया जाएगा.

सुनियोजित पार्किंग का अभाव: नगर पालिका दो स्थान पर खुली पार्किंग का संचालन करती है. तीन निजी पार्किंग भी नगर में हैं. इसके बावजूद वाहनों के दबाव के चलते यह व्यवस्था बौनी साबित हो रही है. पार्किंग की समुचित व्यवस्था न होने के कारण नगर में सड़क किनारे वाहन खड़े होते हैं. इससे अक्सर नगर में जाम लगा रहता है. पार्किंग सुविधाओं के अभाव और संकरी सड़कों के कारण नगर में दिन के समय भारी वाहनों का प्रवेश वर्जित रहता है.
यह भी पढ़ें: Traffic Police Action: देहरादून में 30 वाहन किए गए सीज, ट्रैफिक नियमों का कर रहे थे उल्लंघन

दो साल से रुकी पड़ी है निर्माणाधीन पार्किंग: दो साल पहले पार्किंग का काम शुरू हुआ था. तब से लेकर अभी तक कुछ कारणों से यह निर्माणाधीन है. करीब 30,000 आबादी वाले नगर में कब पार्किंग व्यवस्था दुरुस्त होती है, यह सबसे बड़ा सवाल है. चुने हुए जनप्रतिनिधियों को इस विषय में गंभीरता से कार्य करना होगा. पार्किंग की समुचित व्यवस्था न होने से सैलानियों में भी गलत संदेश जा रहा है. वहीं नगर वासियों को भी इस समस्या से रूबरू होना पड़ता है.

बागेश्वर: जिले में वर्ष 2020 में दो मंजिला पार्किंग का निर्माण कार्य शुरू हुआ था. स्वीकृत बजट के सापेक्ष मात्र 50 लाख रुपये जारी हुए. रकम भूतल के निर्माण पर खर्च हो गई. नगर पालिका दो साल से शेष धन राशि का इंतजार कर रही है, जो कि शासन से नहीं मिल पा रही है. नगरपालिका ईओ सतीश कुमार ने बताया कि निर्माणाधीन दो मंजिला पार्किंग के शेष बजट के लिए लगातार शासन से संपर्क कर बजट मुक्त करने का प्रयास किया जा रहा है. बजट मिलते ही पार्किंग के लंबित कार्य को पूरा कराया जाएगा.

सुनियोजित पार्किंग का अभाव: नगर पालिका दो स्थान पर खुली पार्किंग का संचालन करती है. तीन निजी पार्किंग भी नगर में हैं. इसके बावजूद वाहनों के दबाव के चलते यह व्यवस्था बौनी साबित हो रही है. पार्किंग की समुचित व्यवस्था न होने के कारण नगर में सड़क किनारे वाहन खड़े होते हैं. इससे अक्सर नगर में जाम लगा रहता है. पार्किंग सुविधाओं के अभाव और संकरी सड़कों के कारण नगर में दिन के समय भारी वाहनों का प्रवेश वर्जित रहता है.
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दो साल से रुकी पड़ी है निर्माणाधीन पार्किंग: दो साल पहले पार्किंग का काम शुरू हुआ था. तब से लेकर अभी तक कुछ कारणों से यह निर्माणाधीन है. करीब 30,000 आबादी वाले नगर में कब पार्किंग व्यवस्था दुरुस्त होती है, यह सबसे बड़ा सवाल है. चुने हुए जनप्रतिनिधियों को इस विषय में गंभीरता से कार्य करना होगा. पार्किंग की समुचित व्यवस्था न होने से सैलानियों में भी गलत संदेश जा रहा है. वहीं नगर वासियों को भी इस समस्या से रूबरू होना पड़ता है.

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