ETV Bharat / state

बागेश्वर: न्यायालय ने महिला से मारपीट और अभद्रता मामले में आरोपी को किया दोषमुक्त

छेड़छाड़ और मारपीट के आरोपी को बागेश्वर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत से दोषमुक्त करार दिया गया है. अदालत का मानना था कि अभियोजन पक्ष मामले को संदेह से परे साबित करने में पूरी तरह से असफल रहा है. मामला दिसंबर 2020 का है.

Bageshwar Latest News
बागेश्वर ताजा समाचार
author img

By

Published : Jul 16, 2022, 7:50 AM IST

बागेश्वर: मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मंजू सिंह मुंडे के न्यायालय ने महिला से मारपीट और अभद्रता करने के आरोपी को दोषमुक्त करने का निर्णय सुनाया है. न्यायालय ने दिए गए निर्णय में कहा कि अभियोजन पक्ष मामले को संदेह से परे साबित करने में पूरी तरह से असफल रहा है. जिसके चलते आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए उस पर लगे आरोपों से मुक्त किया जाता है.

मामला 28 दिसंबर 2020 का है. एक गांव की पीड़िता ने तहसीलदार को उमेद सिंह, निवासी क्वैराली, गुरना पटवारी क्षेत्र जेठाई के खिलाफ प्रार्थना पत्र दिया था. महिला ने बताया कि 27 दिसंबर की शाम करीब साढ़े चार बजे उमेद सिंह शराब पीकर उसके घर पर आया और आंगन में गंदगी कर दी. जिसके बाद वह घर के भीतर घुस गया. महिला ने बताया कि वह घर पर अकेली ‌थी और आरोपी उसके किचन में घुसकर उसके साथ अभद्रता करने लगा.

महिला ने आरोप लगाया था कि विरोध करने पर उसके जोर जबरदस्ती करते हुए उसके कपड़े फाड़ दिए और हाथापाई करते हुए चोटिल कर दिया. मामले की जांच राजस्व उपनिरीक्षक जेठाई को सौंपी गई. राजस्व उपनिरीक्षक ने आरोपी के खिलाफ धारा 323, 354, 506 और 509 के तहत मुकदमा दर्ज किया. विवेचना के बाद न्यायालय में आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया.
ये भी पढ़िए: नाबालिग के अपहरण और दुष्कर्म का मामला, पुलिस ने लड़की को पंजाब से किया बरामद, युवक गिरफ्तार

अभियोजन पक्ष की ओर से छह गवाह पेश कराए गए. इसके बावजूद अभियोजन पक्ष मामले को संदेह से परे साबित करने में पूरी तरह से असफल रहा है. न्यायालय ने आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए सभी धाराओं में दोषमुक्त ‌किया. आरोपी की ओर से अधिवक्ता नरेंद्र सिंह कोरंगा ने मामले की पैरवी की.

बागेश्वर: मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मंजू सिंह मुंडे के न्यायालय ने महिला से मारपीट और अभद्रता करने के आरोपी को दोषमुक्त करने का निर्णय सुनाया है. न्यायालय ने दिए गए निर्णय में कहा कि अभियोजन पक्ष मामले को संदेह से परे साबित करने में पूरी तरह से असफल रहा है. जिसके चलते आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए उस पर लगे आरोपों से मुक्त किया जाता है.

मामला 28 दिसंबर 2020 का है. एक गांव की पीड़िता ने तहसीलदार को उमेद सिंह, निवासी क्वैराली, गुरना पटवारी क्षेत्र जेठाई के खिलाफ प्रार्थना पत्र दिया था. महिला ने बताया कि 27 दिसंबर की शाम करीब साढ़े चार बजे उमेद सिंह शराब पीकर उसके घर पर आया और आंगन में गंदगी कर दी. जिसके बाद वह घर के भीतर घुस गया. महिला ने बताया कि वह घर पर अकेली ‌थी और आरोपी उसके किचन में घुसकर उसके साथ अभद्रता करने लगा.

महिला ने आरोप लगाया था कि विरोध करने पर उसके जोर जबरदस्ती करते हुए उसके कपड़े फाड़ दिए और हाथापाई करते हुए चोटिल कर दिया. मामले की जांच राजस्व उपनिरीक्षक जेठाई को सौंपी गई. राजस्व उपनिरीक्षक ने आरोपी के खिलाफ धारा 323, 354, 506 और 509 के तहत मुकदमा दर्ज किया. विवेचना के बाद न्यायालय में आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया.
ये भी पढ़िए: नाबालिग के अपहरण और दुष्कर्म का मामला, पुलिस ने लड़की को पंजाब से किया बरामद, युवक गिरफ्तार

अभियोजन पक्ष की ओर से छह गवाह पेश कराए गए. इसके बावजूद अभियोजन पक्ष मामले को संदेह से परे साबित करने में पूरी तरह से असफल रहा है. न्यायालय ने आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए सभी धाराओं में दोषमुक्त ‌किया. आरोपी की ओर से अधिवक्ता नरेंद्र सिंह कोरंगा ने मामले की पैरवी की.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.