बागेश्वर/हल्द्वानी/टिहरीः उत्तराखंड में मॉनसून की बौछार जारी है. बारिश के चलते चारधाम यात्रा भी प्रभावित हो रही है. जगह-जगह सड़कें बंद होने से यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में सीएम धामी ने सड़कें बंद होने पर तीर्थ यात्रियों को हर संभव मदद मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं. इसके तहत बदरी केदार मंदिर समिति ने बड़ा फैसला लिया है. अगर चारधाम यात्रा रूट पर सड़क बाधित होने पर यात्री फंस जाते हैं तो उन्हें बीकेटीसी के विश्राम गृहों में फ्री में ठहरने की सुविधा दी जाएगी. ताकि, यात्रियों को परेशानी न हो.
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Uttarakhand | Rest houses located on the Yatra routes of Shri Badrinath-Kedarnath Temple Committee (BKTC) will be available free of cost for accommodation to the pilgrims in case of road blockade during monsoon season. CM Pushkar Singh Dhami has also directed that every possible… pic.twitter.com/vWyLaYDTEA
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 18, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 18, 2023Uttarakhand | Rest houses located on the Yatra routes of Shri Badrinath-Kedarnath Temple Committee (BKTC) will be available free of cost for accommodation to the pilgrims in case of road blockade during monsoon season. CM Pushkar Singh Dhami has also directed that every possible… pic.twitter.com/vWyLaYDTEA
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बागेश्वर में 16 सड़कें बंद, एक व्यक्ति ने गंवाई जानः बागेश्वर जिले में लगातार हो रही भारी बारिश से 16 सड़कों पर यातायात बाधित है. सड़कों के बंद होने से करीब 25 हजार की आबादी प्रभावित है. अभी तक 10 मकान क्षतिग्रस्त होने की सूचना है. जबकि, 6 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हैं. जिसमें अभी तक एक व्यक्ति की जान जा चुकी है. जबकि, 281 पशु भी मारे जा चुके हैं. यह जानकारी जिला आपदा अधिकारी शिखा सुयाल ने दी है.
कपकोट में 170 एमएम बारिश दर्ज की गई है. जो इस सीजन की सबसे ज्यादा बारिश है. वहीं, बागेश्वर में 6 एमएम और गरुड़ में 25 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है. कपकोट में भारी बारिश से जगह-जगह गदेरे उफान में आए और दर्जनों घरों में मलबा घुस गया. सरयू नदी का भी जलस्तर काफी बढ़ा हुआ है. जिसके चलते बागेश्वर सरयू घाट पूरी तरह से डूब गया है.
शेरनाला उफान पर आने से हल्द्वानी सितारगंज मार्ग बंदः हल्द्वानी और आस पास के क्षेत्रों में देर रात से बारिश हो रही है. बारिश की वजह से नदी नाले भी उफान पर हैं. हल्द्वानी से सितारगंज मार्ग को जोड़ने वाली सड़क शेर नाले में बंद है. यहां नाले में काफी मात्रा में पानी बह रहा है. सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस ने नाले के दोनों ओर बैरिकेड लगाकर लोगों की आवाजाही बंद कर दिया है. ताकि, कोई हादसा न हो. इसके अलावा सूर्या नाले पर भी आवाजाही पर रोक लगाई गई है.
अपर जिला अधिकारी अशोक जोशी ने बताया कि अभी तक बारिश और आपदा से किसी तरह का कोई जान माल के नुकसान की घटनाएं सामने नहीं आई है. भूस्खलन के चलते नैनीताल जिले में 7 आंतरिक और एक स्टेट हाईवे बंद है. इसके अलावा काठगोदाम हेड़ाखान मार्ग मलबा आने से बाधित है. जिसे खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं. बारिश के चलते रास्ता खोलने परेशानियां आ रही हैं, लेकिन पीडब्ल्यूडी और आपदा प्रबंधन की टीम रास्ते को खोलने में जुटी हुई है.
टिहरी में बारिश के मद्देनजर सभी कर्मचारियों की छुट्टी रद्द, सभी पुलों की होगी सेफ्टी जांचः टिहरी डीएम मयूर दीक्षित ने बारिश के अलर्ट को देखते हुए सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां निरस्त कर दी है. उन्होंने साफ निर्देश दिए हैं कि कोई भी अधिकारी या कर्मचारी अपना मोबाइल ऑफ न रखें. जिस भी अधिकारी का मोबाइल ऑफ पाया गया और अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाही मिली तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
वहीं, सभी अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने को कहा गया है. जहां पर भी सड़क बंद होने की सूचना मिलती है. उसे तत्काल जेसीबी से खुलवाने को कहा है. इसके अलावा डीएम दीक्षित ने लोक निर्माण विभाग, पीएमजीएसवाई, आरडब्ल्यूडी, एनएच के अधिकारियों से सभी पुलों की सेफ्टी जांच करने के निर्देश दिए हैं. उनसे एक हफ्ते के भीतर रिपोर्ट भी मांगी है.
उत्तराखंड में पीडब्ल्यूडी के अनुसार, प्रदेश में करीब 436 पुराने पुल चिन्हित किए गए हैं. इनमें से ज्यादातर पुल पर्वतीय क्षेत्रों में हैं. इन जर्जर पुलों में सबसे ज्यादा 207 पुल स्टेट हाईवे पर हैं. इसके साथ ही मुख्य जिला मार्ग पर 65, अन्य जिला मार्ग पर 60 और ग्रामीण मार्ग पर 104 पुल जर्जर हालत में है. उधर, कैंपटी फॉल रोड भारी मलबा आने से बाधित चल रहा है. वहीं, मलबे की चपेट में करीब 3 गाड़ियां फंस गई.