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बागेश्वर: जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान में 'एलाइंस फॉर साइंस' का आयोजन - Uttarakhand Hindi Latest News

जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान बागेश्वर द्वारा विद्यार्थियों के बीच अनुभव आधारित विज्ञान कार्यशाला एलाइंस फॉर साइंस का आयोजन किया गया.

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Published : Feb 22, 2022, 4:23 PM IST

बागेश्वर: बच्चों में वैज्ञानिक संचेतना को बढ़ाने के उद्देश्य से जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान बागेश्वर द्वारा विद्यार्थियों के बीच अनुभव आधारित विज्ञान कार्यशाला एलाइंस फॉर साइंस का आयोजन किया गया. कार्यशाला 22 फरवरी से 28 फरवरी तक आयोजित की जाएगी.

अनुभव आधारित विज्ञान कार्यशाला के प्रथम दिन विज्ञान आधारित दीवार पत्रिका के निर्माण से कार्यशाला प्रारंभ की गई. कार्यशाला के उद्घाटन सत्र के अवसर पर आशुतोष उपाध्याय ने कहा कि बच्चों के भाषाई विकास के लिए कक्षा कक्षों में सर्जनात्मक वातावरण आवश्यक है. दीवार पत्रिका वातावरण का सृजन करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है. भाषा तभी विकसित हो सकती है जब विद्यार्थियों को अपने विचारों द्वारा लेखन और अभिव्यक्ति के अवसर प्रदान किए जाएं.

पढ़ें: साइबर ठगों पर उत्तराखंड STF का शिकंजा, एक हफ्ते में 7 लाख से ज्यादा रकम की रिकवर

डाइट प्राचार्य और विज्ञान समन्वयक डॉ शैलेंद्र धपोला ने बताया कि कार्यशाला के द्वारा विद्यार्थियों के भीतर वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ साथ अनुभव आधारित विज्ञान तथा भाषाई विकास द्वारा क्षमता संवर्धन किया जाएगा. कार्यशाला के प्रथम दिवस पर चार समूहों द्वारा हमारी कल्पना, बाखली संवाद, स्वच्छंद उड़ान और अभिलाषा नाम से विज्ञान दीवार प्रतिकाओं का निर्माण किया है. इस कार्यशाला में डाइट के प्रशिक्षु शिक्षक, मंडलसेरा, बागेश्वर, भतरौला, गाड़गांव के कुल 45 छात्र-छात्राओं व शिक्षकों द्वारा प्रतिभाग किया गया.

बागेश्वर: बच्चों में वैज्ञानिक संचेतना को बढ़ाने के उद्देश्य से जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान बागेश्वर द्वारा विद्यार्थियों के बीच अनुभव आधारित विज्ञान कार्यशाला एलाइंस फॉर साइंस का आयोजन किया गया. कार्यशाला 22 फरवरी से 28 फरवरी तक आयोजित की जाएगी.

अनुभव आधारित विज्ञान कार्यशाला के प्रथम दिन विज्ञान आधारित दीवार पत्रिका के निर्माण से कार्यशाला प्रारंभ की गई. कार्यशाला के उद्घाटन सत्र के अवसर पर आशुतोष उपाध्याय ने कहा कि बच्चों के भाषाई विकास के लिए कक्षा कक्षों में सर्जनात्मक वातावरण आवश्यक है. दीवार पत्रिका वातावरण का सृजन करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है. भाषा तभी विकसित हो सकती है जब विद्यार्थियों को अपने विचारों द्वारा लेखन और अभिव्यक्ति के अवसर प्रदान किए जाएं.

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डाइट प्राचार्य और विज्ञान समन्वयक डॉ शैलेंद्र धपोला ने बताया कि कार्यशाला के द्वारा विद्यार्थियों के भीतर वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ साथ अनुभव आधारित विज्ञान तथा भाषाई विकास द्वारा क्षमता संवर्धन किया जाएगा. कार्यशाला के प्रथम दिवस पर चार समूहों द्वारा हमारी कल्पना, बाखली संवाद, स्वच्छंद उड़ान और अभिलाषा नाम से विज्ञान दीवार प्रतिकाओं का निर्माण किया है. इस कार्यशाला में डाइट के प्रशिक्षु शिक्षक, मंडलसेरा, बागेश्वर, भतरौला, गाड़गांव के कुल 45 छात्र-छात्राओं व शिक्षकों द्वारा प्रतिभाग किया गया.

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