बागेश्वर: उत्तराखंड के कई सरकारी अस्पताल इन दिनों डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे हैं. यही हाल बागेश्वर जनपद के सरकारी अस्पतालों का है. जानकारी के मुताबिक जिले में 41 विशेषज्ञ डॉक्टरों के मुकाबले 23 पद रिक्त हैं, जिस वजह से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. डॉक्टरों की कमी की वजह से ज्यादातर मरीज दूसरे जिलों का रुख करने को मजबूर हैं.
स्थानीय निवासी भुवन चौबे ने बताया कि जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था केवल जिला अस्पताल (Bageshwar District Hospital) पर निर्भर हैं. सभी सीएचसी और पीएचसी केवल रेफर सेंटर बने हुए है. सामान्य बीमारी का इलाज भी वहां होना संभव नहीं होता है. इन अस्पतालों में विशेषज्ञ तो दूर के बात है, सामान्य डॉक्टर भी मौजूद नही हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को गंभीर बीमारी के वक्त भी हल्द्वानी या आगे के अस्पतालों में जाना पड़ता है. किसी का एक्सीडेंट होने पर जिला अस्पताल एकमात्र सेंटर है, वहां भी पूरी तरह इलाज संभव नहीं हो पाता है.
वही, जिला अस्पताल में कार्यरत आर्थो डॉ गिरिजा शंकर जोशी ने बताया कि उन्हें भी सर्जरी के वक्त काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. अस्पताल में ओटी के लिए स्टाफ की काफी कमी बनी हुई है, जिसे दूर किया जाना काफी जरूरी है. स्टाफ नहीं होने की वजह से इलाज के वक्त काफी दिक्कत होती है.
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ सुनीता टम्टा (Chief Medical Officer Dr Sunita Tamta) ने बताया कि सीएचसी कांडा और कपकोट में 6-6 पद रिक्त है. वही बैजनाथ में 3 पद रिक्त हैं. अगर सभी जगह विशेषज्ञ हों तो मरीजों को वहीं इलाज मिल सकता है. इसके लिए कार्य किया जा रहा है. लगातार पत्राचार किया जा रहा है. सीएचसी के साथ पीएचसी को भी मजबूत करने पर सभी परेशानियों को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे मरीजो को उसी जगह पर इलाज मिल पाए.
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क्या कहते हैं आंकड़े: बागेश्वर जिला अस्पताल में 21 विशेषज्ञ स्वीकृत पदों में से 8 पद रिक्त हैं. सीएचसी बैजनाथ में 6 विशेषज्ञ स्वीकृत पदों में से 3 पद रिक्त हैं. सीएचसी कपकोट और कांडा में 6-6 विशेषज्ञ डॉक्टरों के पद स्वीकृत हैं, लेकिन यहां एक भी विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं है. सिर्फ आईसीयू में 2 विशेषज्ञ डॉक्टर हैं. जिले में कुल 41 विशेषज्ञ डॉक्टरों में से 25 पद रिक्त हैं.