अल्मोड़ा/चंपावत: अल्मोड़ा के जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने रक्तदान दिवस के अवसर पर जिला अस्पताल में आयोजित शिविर पहुंचकर रक्तदान किया. इस दौरान डीएम के साथ ही अन्य 10 लोगों ने भी 'महादान' किया. वहीं, चंपावत में भी विश्व रक्तदान दिवस पर जिला अस्पताल में ब्लड बैंक में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया. इस दौरान कई परिवारों ने रक्त दान किया.
अल्मोड़ा जिलाधिकारी भदौरिया ने कहा कि रक्तदान महादान कहलाता है. उन्होंने कहा कि देश में हर साल एक करोड़ ब्लड यूनिट की जरूरत पड़ती है. अगर कोई ब्लड ही डोनेट नहीं करेगा तो कई लोगों की जान बचाना में हम नाकाम साबित हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि हर स्वस्थ इंसान को समय-समय पर रक्तदान करते रहना चाहिए.
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डीएम ने बताया कि रक्तदान से खून पतला होता है जो हृदय के लिए काफी अच्छा है. एक आंकड़े के मुताबिक उत्तराखंड में प्रतिवर्ष 50 हजार यूनिट रक्त की आवश्यकता होती है. लेकिन 20 हजार यूनिट कम रक्त मिलता है. इस वजह से कई लोगों की जान चली जाती है.
ब्लड बैंक में तैनात पैथोलॉजिस्ट सुषमा नेगी ने बताया कि रक्तदान करने से किसी भी तरह का शरीरिक नुकसान नहीं होता है. एक स्वस्थ व्यक्ति हर 3 महीने में रक्तदान कर सकता है. उन्होंने कहा कि रक्तदान जीवनदान है, हमारे द्वारा किया गये इस 'महादान' से कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं. रक्तदान करने पहुंचे बहुत से लोग ऐसे थे जो हर साल रक्तदान करते हैं.