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अल्मोड़ा डीएम ने किया रक्त दान, चंपावत में भी 'महादान' करने पहुंचे कई परिवार

विश्व रक्तदान दिवस पर अल्मोड़ा के डीएम ने किया रक्तदान. चंपावत की जनता ने भी शिवरों में पहुंचकर खून किया डोनेट.

अल्मोड़ा डीएम ने किया रक्त दान.
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Published : Jun 15, 2019, 3:25 AM IST

अल्मोड़ा/चंपावत: अल्मोड़ा के जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने रक्तदान दिवस के अवसर पर जिला अस्पताल में आयोजित शिविर पहुंचकर रक्तदान किया. इस दौरान डीएम के साथ ही अन्य 10 लोगों ने भी 'महादान' किया. वहीं, चंपावत में भी विश्व रक्तदान दिवस पर जिला अस्पताल में ब्लड बैंक में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया. इस दौरान कई परिवारों ने रक्त दान किया.

लोगों ने किया रक्त दान.

अल्मोड़ा जिलाधिकारी भदौरिया ने कहा कि रक्तदान महादान कहलाता है. उन्होंने कहा कि देश में हर साल एक करोड़ ब्लड यूनिट की जरूरत पड़ती है. अगर कोई ब्लड ही डोनेट नहीं करेगा तो कई लोगों की जान बचाना में हम नाकाम साबित हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि हर स्वस्थ इंसान को समय-समय पर रक्तदान करते रहना चाहिए.

पढ़ें- AIIMS की MBBS परीक्षा में भी उत्तराखंड के छात्रों का जलवा, राजधानी के अभिनव ने रोशन किया नाम

डीएम ने बताया कि रक्तदान से खून पतला होता है जो हृदय के लिए काफी अच्छा है. एक आंकड़े के मुताबिक उत्तराखंड में प्रतिवर्ष 50 हजार यूनिट रक्त की आवश्यकता होती है. लेकिन 20 हजार यूनिट कम रक्त मिलता है. इस वजह से कई लोगों की जान चली जाती है.

ब्लड बैंक में तैनात पैथोलॉजिस्ट सुषमा नेगी ने बताया कि रक्तदान करने से किसी भी तरह का शरीरिक नुकसान नहीं होता है. एक स्वस्थ व्यक्ति हर 3 महीने में रक्तदान कर सकता है. उन्होंने कहा कि रक्तदान जीवनदान है, हमारे द्वारा किया गये इस 'महादान' से कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं. रक्तदान करने पहुंचे बहुत से लोग ऐसे थे जो हर साल रक्तदान करते हैं.

अल्मोड़ा/चंपावत: अल्मोड़ा के जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने रक्तदान दिवस के अवसर पर जिला अस्पताल में आयोजित शिविर पहुंचकर रक्तदान किया. इस दौरान डीएम के साथ ही अन्य 10 लोगों ने भी 'महादान' किया. वहीं, चंपावत में भी विश्व रक्तदान दिवस पर जिला अस्पताल में ब्लड बैंक में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया. इस दौरान कई परिवारों ने रक्त दान किया.

लोगों ने किया रक्त दान.

अल्मोड़ा जिलाधिकारी भदौरिया ने कहा कि रक्तदान महादान कहलाता है. उन्होंने कहा कि देश में हर साल एक करोड़ ब्लड यूनिट की जरूरत पड़ती है. अगर कोई ब्लड ही डोनेट नहीं करेगा तो कई लोगों की जान बचाना में हम नाकाम साबित हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि हर स्वस्थ इंसान को समय-समय पर रक्तदान करते रहना चाहिए.

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डीएम ने बताया कि रक्तदान से खून पतला होता है जो हृदय के लिए काफी अच्छा है. एक आंकड़े के मुताबिक उत्तराखंड में प्रतिवर्ष 50 हजार यूनिट रक्त की आवश्यकता होती है. लेकिन 20 हजार यूनिट कम रक्त मिलता है. इस वजह से कई लोगों की जान चली जाती है.

ब्लड बैंक में तैनात पैथोलॉजिस्ट सुषमा नेगी ने बताया कि रक्तदान करने से किसी भी तरह का शरीरिक नुकसान नहीं होता है. एक स्वस्थ व्यक्ति हर 3 महीने में रक्तदान कर सकता है. उन्होंने कहा कि रक्तदान जीवनदान है, हमारे द्वारा किया गये इस 'महादान' से कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं. रक्तदान करने पहुंचे बहुत से लोग ऐसे थे जो हर साल रक्तदान करते हैं.

Intro:अल्मोड़ा के जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने आज रक्तदान दिवस के अवसर पर जिला अस्पताल में आयोजित शिविर में पहुचकर रक्तदान किया।उनके अलावा 10 अन्य लोगों ने भी रक्तदान किया। इस मौके पर उन्होंने अधिक से अधिक ब्लड डोनेट करने का आह्वान किया।


Body:इस अवसर पर जिलाधिकारी भदौरिया ने कहा कि रक्तदान महादान कहलाता है।उन्होंने कहा कि देश मे हर साल 1 करोड़ ब्लड यूनिट की जरूरत पड़ती है।अगर कोई ब्लड ही डोनेट न करे तो फिर इतने ब्लड की भरपाई कहाँ से होगी।इसलिए रक्तदान हर स्वस्थ्य इंसान के लिए जरूरी है।उन्होंने कहा कि रक्तदान से खून पतला होता है जो हॄदय के लिए उत्तम है।इस अवसर पर जिलाधिकारी द्वारा निरीक्षण कर व्यवस्थाओ का जायजा भी लिया गया।


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