अल्मोड़ा: आपदा से बचाव के नाम पर सरकार लाख दावे करती है, लेकिन जनप्रतिनिधि व सरकारी तंत्र आपदा को लेकर कितने गंभीर है उसकी बानगी अल्मोड़ा में देखने को मिली है. यहां करीब 2 महीना बीतने के बाद भी अभी तक हवालबाग ब्लॉक के रैलाकोट के ग्रामीणों का विस्थापन नहीं किया गया है. जिसके कारण यहां के ग्रामीण अपने घरों को छोड़कर पंचायत घर में रहने को मजबूर हैं.
बता दें कि अल्मोड़ा शहर से सटे रैलाकोट गांव में 2 महीने पहले बारिश के दौरान जमीन खिसकने से चार मकान क्षतिग्रस्त हो गए थे. गांव के चारों ओर दरारें पड़ने लगी थी. दरार पड़ने के कारण धीरे-धीरे यहां की जमीन खिसकने लगी. जिसके बाद आनन-फानन में ग्रामीणों ने किसी तरह अपनी जान बचाई. घटना की सूचना मिलने पर प्रशासन ने अस्थाई तौर पंचायत घर में ग्रामीणों की रहने की व्यवस्था की, लेकिन तब से लेकर अबतक प्रशासन ने इस मामले में कुछ नहीं किया. जिससे गुस्साये ग्रामीणों ने आज एसडीएम सीमा विश्वकर्मा का घेराव कर मामले में कार्रवाई करने की मांग की है.
ग्रामीणों का कहना है कि रैलाकोट आपदा को 2 महीने से अधिक का समय बीत चुका है. जिसके बाद से लगातार गांव की जमीन धीरे धीरे बैठ रही है. जिसके कारण गांव पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि जल्द से जल्द उन्हें विस्थापित किया जाए.
वहीं इस मामले में सदर एसडीएम सीमा विश्वकर्मा का कहना है कि बीते कुछ दिनों पहले भू वैज्ञानिकों ने गांव का मुआयना किया था. जैसे ही उनकी रिपोर्ट आती है उसके हिसाब से विस्थापन की प्रक्रिया की जाएगी. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को आने वाले बुधवार को मीटिंग के लिए बुलाया गया है.