ETV Bharat / state

सोमेश्वर: कृषि भूमि की सुरक्षा के लिए तटबंध निर्माण की मांग

अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर में बीते 24 मई को हुई भारी बारिश से किसानों के खेतों और मकानों के आगे भू-कटाव होने से भारी नुकसान हुआ था. जिसके बाद से किसान लगातार मकान और खेतों की सुरक्षा के लिए प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं.

etv bharat
कृषि भूमि की सुरक्षा के लिए तटबंध के निर्माण करने की मांग की
author img

By

Published : Oct 7, 2020, 2:29 PM IST

Updated : Oct 19, 2020, 9:46 AM IST

सोमेश्वर: बीते मई महीने में भारी बरसात और अतिवृष्टि के चलते लोद घाटी के कोटलगढ़ गधेरे ने किसानों के खेतों और कई मकानों के आगे भू-कटाव होने से भारी क्षति हुई थी. हालांकि, अब चार महीने बीत जाने के बाद भी प्रशासन ने किसानों की सुरक्षा का काई इंतजाम नही किया. जिसके चलते ग्रामीणों ने अब मकानों और खेतों को बचाने के स्थानीय प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है.

बता दें कि कोटलगढ़ गधेरे ने बीते 24 जून को हुई भारी बरसात और अतिवृष्टि के दौरान ग्रामीणों के आवासीय भवनों और खेतों की सुरक्षा दीवारों को नेस्तनाबूत कर दिया था. चार महीने बीत जाने के बाद भी शासन-प्रशासन इस क्षेत्र में सुरक्षात्मक कार्य करने में नाकाम रहा है. ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार प्रशासन से कोटलगढ़ गधेरे से ग्रामीणों के आवासों और कृषि भूमि की सुरक्षा के लिए तटबंध का निर्माण करने की मांग की. लेकिन प्रशासन ने अभी किसानों की कोई मदद नहीं की. गौरतलब है कि बीते 24 मई को हुई अतिवृष्टि के दौरान ग्रामीणों को भारी नुकसान झेलना पड़ा था. उनकी सिंचाई नहरें, कई पैदल पुलिया भी इस अतिवृष्टि में ध्वस्त हो गई थी. लेकिन आज तक उनके मरम्मत की दिशा में ही कोई कार्य नहीं किया गया है.

कृषि भूमि की सुरक्षा के लिए तटबंध निर्माण की मांग

ये भी पढ़ें : सोमेश्वर में सिंचाई नहरें क्षतिग्रस्त, नहीं मिल रहा फसलों को पानी

खाड़ी सुनार निवासी सामाजिक कार्यकर्ता एवं भारतीय जनता पार्टी के जिला कमेटी सदस्य दिलीप सिंह रौतेला ने बताया है कि आपदा के दौरान एक और ग्रामीणों के आवासों को नुकसान पहुंचा, तो दूसरी ओर उनके खेत भू-कटाव की चपेट में आ गए. उन्होंने कई बार प्रशासन से इस क्षेत्र में सुरक्षात्मक कार्य किए जाने की मांग की. लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. उन्होंने क्षेत्र में किसानों के आवासों और कृषि भूमि को बचाने के लिए सुरक्षा दीवारों का निर्माण करने और क्षतिग्रस्त पुलों की मरम्मत करने की मांग शासन- प्रशासन से की है.

सोमेश्वर: बीते मई महीने में भारी बरसात और अतिवृष्टि के चलते लोद घाटी के कोटलगढ़ गधेरे ने किसानों के खेतों और कई मकानों के आगे भू-कटाव होने से भारी क्षति हुई थी. हालांकि, अब चार महीने बीत जाने के बाद भी प्रशासन ने किसानों की सुरक्षा का काई इंतजाम नही किया. जिसके चलते ग्रामीणों ने अब मकानों और खेतों को बचाने के स्थानीय प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है.

बता दें कि कोटलगढ़ गधेरे ने बीते 24 जून को हुई भारी बरसात और अतिवृष्टि के दौरान ग्रामीणों के आवासीय भवनों और खेतों की सुरक्षा दीवारों को नेस्तनाबूत कर दिया था. चार महीने बीत जाने के बाद भी शासन-प्रशासन इस क्षेत्र में सुरक्षात्मक कार्य करने में नाकाम रहा है. ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार प्रशासन से कोटलगढ़ गधेरे से ग्रामीणों के आवासों और कृषि भूमि की सुरक्षा के लिए तटबंध का निर्माण करने की मांग की. लेकिन प्रशासन ने अभी किसानों की कोई मदद नहीं की. गौरतलब है कि बीते 24 मई को हुई अतिवृष्टि के दौरान ग्रामीणों को भारी नुकसान झेलना पड़ा था. उनकी सिंचाई नहरें, कई पैदल पुलिया भी इस अतिवृष्टि में ध्वस्त हो गई थी. लेकिन आज तक उनके मरम्मत की दिशा में ही कोई कार्य नहीं किया गया है.

कृषि भूमि की सुरक्षा के लिए तटबंध निर्माण की मांग

ये भी पढ़ें : सोमेश्वर में सिंचाई नहरें क्षतिग्रस्त, नहीं मिल रहा फसलों को पानी

खाड़ी सुनार निवासी सामाजिक कार्यकर्ता एवं भारतीय जनता पार्टी के जिला कमेटी सदस्य दिलीप सिंह रौतेला ने बताया है कि आपदा के दौरान एक और ग्रामीणों के आवासों को नुकसान पहुंचा, तो दूसरी ओर उनके खेत भू-कटाव की चपेट में आ गए. उन्होंने कई बार प्रशासन से इस क्षेत्र में सुरक्षात्मक कार्य किए जाने की मांग की. लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. उन्होंने क्षेत्र में किसानों के आवासों और कृषि भूमि को बचाने के लिए सुरक्षा दीवारों का निर्माण करने और क्षतिग्रस्त पुलों की मरम्मत करने की मांग शासन- प्रशासन से की है.

Last Updated : Oct 19, 2020, 9:46 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.