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सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेताओं ने की केरल व तमिलनाडु के तर्ज पर मानदेय की मांग - Almora government cheap gall seller

मांगों को लेकर सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता लंबे समय से लामबंद हैं. साथ ही उन्होंने मांगें पूरी न होने पर सामूहिक इस्तीफा देने की चेतावनी दी है.

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सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता मुखर.
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Published : Sep 25, 2021, 9:39 AM IST

अल्मोड़ा: मांगों को लेकर विगत 25 दिनों से हड़ताल पर चल रहे सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेताओं ने केरल और तमिलनाडु की तर्ज पर मानदेय और कमीशन की मांग की है. अल्मोड़ा में प्रेस वार्ता करते हुए सस्ता गल्ला विक्रेता के पदाधिकारियों ने मांग पूरी न होने पर सामूहिक इस्तीफे का ऐलान किया है.

सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेताओं का कहना है कि कई दशक बीत जाने के बाद भी सरकार ने विक्रेताओं का कमीशन नहीं बढ़ाया है. जिसको लेकर सस्ता गल्ला विक्रेता हड़ताल के लिए मजबूर हो चुके हैं. बता दें कि अल्मोड़ा समेत तमाम पहाड़ी जिलों में विगत एक सितंबर से सरकारी सस्ते गल्ले के विक्रेता अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. जिस कारण सरकारी खाद्यान्न का वितरण बंद है. जिससे सरकारी राशन पर निभर्र गरीब परिवारों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता मुखर.

पढ़ें-कैबिनेट: कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 11% बढ़ा, भू-कानून पर फैसला, श्रीनगर बनाया गया नगर निगम

विक्रेताओं का कहना है कि कुमाऊं में 9 हजार 124 सस्ते गल्ले की दुकानें हैं. जबकि अल्मोड़ा में 915 दुकानों में 68 हजार कार्ड धारक को राशन बांटा जाता है. वहीं 24 दिनों से सरकारी सस्ता गल्ला दुकानें बंद होने से कार्ड धारकों को राशन नहीं मिल पा रहा है. इससे कार्ड धारकों के परेशानी उठानी पड़ रही है.

अल्मोड़ा: मांगों को लेकर विगत 25 दिनों से हड़ताल पर चल रहे सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेताओं ने केरल और तमिलनाडु की तर्ज पर मानदेय और कमीशन की मांग की है. अल्मोड़ा में प्रेस वार्ता करते हुए सस्ता गल्ला विक्रेता के पदाधिकारियों ने मांग पूरी न होने पर सामूहिक इस्तीफे का ऐलान किया है.

सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेताओं का कहना है कि कई दशक बीत जाने के बाद भी सरकार ने विक्रेताओं का कमीशन नहीं बढ़ाया है. जिसको लेकर सस्ता गल्ला विक्रेता हड़ताल के लिए मजबूर हो चुके हैं. बता दें कि अल्मोड़ा समेत तमाम पहाड़ी जिलों में विगत एक सितंबर से सरकारी सस्ते गल्ले के विक्रेता अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. जिस कारण सरकारी खाद्यान्न का वितरण बंद है. जिससे सरकारी राशन पर निभर्र गरीब परिवारों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता मुखर.

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विक्रेताओं का कहना है कि कुमाऊं में 9 हजार 124 सस्ते गल्ले की दुकानें हैं. जबकि अल्मोड़ा में 915 दुकानों में 68 हजार कार्ड धारक को राशन बांटा जाता है. वहीं 24 दिनों से सरकारी सस्ता गल्ला दुकानें बंद होने से कार्ड धारकों को राशन नहीं मिल पा रहा है. इससे कार्ड धारकों के परेशानी उठानी पड़ रही है.

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