सोमेश्वर: सरकारी तंत्र की घोर लापरवाही के चलते एक बीपीएल श्रेणी के विद्युत उपभोक्ता को उत्तराखंड पॉवर कॉर्पोरेशन ने न केवल अनुसूचित जाति बल्कि एपीएल श्रेणी का भी उपभोक्ता बना डाला. पिछले 3 महीनों से विभागीय कार्यालयों के चक्कर लगाने के बाद पीड़ित ने ईटीवी भारत को दस्तावेजों के साथ अपनी पीड़ा बताई.
यूपीसीएल की संवेदनहीनता के चलते बीपीएल का संयोजन मिलने के बाद उससे एपीएल का बिल वसूला जा रहा है. साथ ही उसकी जाति बदलकर कागजों में अनुसूचित दिखाया है. पीड़ित दीवान सिंह का कहना है कि UPCL के इस कारनामे की वजह से उसे मानसिक पीड़ा से गुजरना पड़ रहा है. पीड़ित दीवान सिंह ने बताया कि वो उत्तराखण्ड पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड का सामान्य जाति का उपभोक्ता है, जिसे अनुसूचित जाति का उपभोक्ता बना दिया गया है. इस लापरवाही के बाद UPCL ने उसके बीपीएल श्रेणी को बदलकर एपीएल बनाकर ज्यादा बिल भेज रहे हैं.
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उनका कहना है कि जमीन की खतौनी की नकल, राशन कार्ड और आधार कार्ड जैसे दस्तावेज जमा कर उसने कनेक्शन निशुल्क लिया था. बावजूद इसके विभाग ने एपीएल उपभोक्ता का अनुसूचित जाति के नाम से बिल भेज दिया है. मार्च और मई माह के बिल विभाग द्वारा एपीएल श्रेणी के निर्गत हुए हैं.
पीड़ित उपभोक्ता का कहना है कि वो विभाग के चक्कर लगाकर थक गया है, लेकिन अधिकारी इसे सामान्य गलती बताकर मामले पल्ला झाड़ रहे हैं. उन्होंने बताया कि न तो BPL की दरों के हिसाब से उसका बिल ठीक किया जा रहा है और न ही अधिकारी उसकी जाति ठीक कर रहे हैं.