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UPCL ने गरीब उपभोक्ता की जाति बदलकर उसे बना दिया अमीर, लगातार भेज रहा ज्यादा बिल - uttarakhand power corporation made bpl consumer apl in almora someshwar

अल्मोड़ा के सोमेश्वर में उत्तराखंड पॉवर कॉर्पोरेशन का कारनामा. BPL उपभोक्ता को APL बनाकर भेजा मोटा बिल. जाति को भी सामान्य से बदलकर किया अनुसूचित.

पीड़ित उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन उपभोक्ता.
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Published : May 15, 2019, 2:45 PM IST

Updated : May 15, 2019, 3:12 PM IST

सोमेश्वर: सरकारी तंत्र की घोर लापरवाही के चलते एक बीपीएल श्रेणी के विद्युत उपभोक्ता को उत्तराखंड पॉवर कॉर्पोरेशन ने न केवल अनुसूचित जाति बल्कि एपीएल श्रेणी का भी उपभोक्ता बना डाला. पिछले 3 महीनों से विभागीय कार्यालयों के चक्कर लगाने के बाद पीड़ित ने ईटीवी भारत को दस्तावेजों के साथ अपनी पीड़ा बताई.

यूपीसीएल की संवेदनहीनता के चलते बीपीएल का संयोजन मिलने के बाद उससे एपीएल का बिल वसूला जा रहा है. साथ ही उसकी जाति बदलकर कागजों में अनुसूचित दिखाया है. पीड़ित दीवान सिंह का कहना है कि UPCL के इस कारनामे की वजह से उसे मानसिक पीड़ा से गुजरना पड़ रहा है. पीड़ित दीवान सिंह ने बताया कि वो उत्तराखण्ड पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड का सामान्य जाति का उपभोक्ता है, जिसे अनुसूचित जाति का उपभोक्ता बना दिया गया है. इस लापरवाही के बाद UPCL ने उसके बीपीएल श्रेणी को बदलकर एपीएल बनाकर ज्यादा बिल भेज रहे हैं.

उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन का कारनामा.

पढ़ें- कूड़े की वजह से जाम हुआ नाला, लोगों को घरों में पानी घुसने का डर

उनका कहना है कि जमीन की खतौनी की नकल, राशन कार्ड और आधार कार्ड जैसे दस्तावेज जमा कर उसने कनेक्शन निशुल्क लिया था. बावजूद इसके विभाग ने एपीएल उपभोक्ता का अनुसूचित जाति के नाम से बिल भेज दिया है. मार्च और मई माह के बिल विभाग द्वारा एपीएल श्रेणी के निर्गत हुए हैं.

पीड़ित उपभोक्ता का कहना है कि वो विभाग के चक्कर लगाकर थक गया है, लेकिन अधिकारी इसे सामान्य गलती बताकर मामले पल्ला झाड़ रहे हैं. उन्होंने बताया कि न तो BPL की दरों के हिसाब से उसका बिल ठीक किया जा रहा है और न ही अधिकारी उसकी जाति ठीक कर रहे हैं.

सोमेश्वर: सरकारी तंत्र की घोर लापरवाही के चलते एक बीपीएल श्रेणी के विद्युत उपभोक्ता को उत्तराखंड पॉवर कॉर्पोरेशन ने न केवल अनुसूचित जाति बल्कि एपीएल श्रेणी का भी उपभोक्ता बना डाला. पिछले 3 महीनों से विभागीय कार्यालयों के चक्कर लगाने के बाद पीड़ित ने ईटीवी भारत को दस्तावेजों के साथ अपनी पीड़ा बताई.

यूपीसीएल की संवेदनहीनता के चलते बीपीएल का संयोजन मिलने के बाद उससे एपीएल का बिल वसूला जा रहा है. साथ ही उसकी जाति बदलकर कागजों में अनुसूचित दिखाया है. पीड़ित दीवान सिंह का कहना है कि UPCL के इस कारनामे की वजह से उसे मानसिक पीड़ा से गुजरना पड़ रहा है. पीड़ित दीवान सिंह ने बताया कि वो उत्तराखण्ड पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड का सामान्य जाति का उपभोक्ता है, जिसे अनुसूचित जाति का उपभोक्ता बना दिया गया है. इस लापरवाही के बाद UPCL ने उसके बीपीएल श्रेणी को बदलकर एपीएल बनाकर ज्यादा बिल भेज रहे हैं.

उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन का कारनामा.

पढ़ें- कूड़े की वजह से जाम हुआ नाला, लोगों को घरों में पानी घुसने का डर

उनका कहना है कि जमीन की खतौनी की नकल, राशन कार्ड और आधार कार्ड जैसे दस्तावेज जमा कर उसने कनेक्शन निशुल्क लिया था. बावजूद इसके विभाग ने एपीएल उपभोक्ता का अनुसूचित जाति के नाम से बिल भेज दिया है. मार्च और मई माह के बिल विभाग द्वारा एपीएल श्रेणी के निर्गत हुए हैं.

पीड़ित उपभोक्ता का कहना है कि वो विभाग के चक्कर लगाकर थक गया है, लेकिन अधिकारी इसे सामान्य गलती बताकर मामले पल्ला झाड़ रहे हैं. उन्होंने बताया कि न तो BPL की दरों के हिसाब से उसका बिल ठीक किया जा रहा है और न ही अधिकारी उसकी जाति ठीक कर रहे हैं.

Intro:सरकारी तंत्र की घोर लापरवाही के चलते एक सामान्य जाति के बीपीएल श्रेणी के विद्युत उपभोक्ता को उत्तराखण्ड पावर कॉर्पोरेशन ने न केवल अनुसूचित जाति का बल्कि एपीएल श्रेणी का भी उपभोक्ता बना डाला। पिछले 3 महिनों से विभागीय कार्यालयों के चक्कर लगाने के बाद भुक्तभोगी ने ईटीवी भारत को दस्तावेजों के साथ अपनी पीड़ा बताई।
यूपीसीएल की संवेदनहीनता के चलते बीपीएल का संयोजन मिलने के बाद उससे एपीएल का बिल वसूला जा रहा है तथा उसकी जाति बदलने से उसे मानसिक पीड़ा से भी गुजरना पड़ रहा है। Body:सोमेश्वर। कभी कभी सरकारी तंत्र के गजब कारनामे सामने आते रहते हैं। उत्तराखण्ड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने सामान्य जाति के उपभोक्ता को अनुसूचित जाति का उपभोक्ता बना डाला यही नही इससे भी हैरानी की बात यह है कि बीपीएल उपभोक्ता को विभाग एपीएल का बिल भेज रहा है। नया कनेक्शन लेने के लिए जमीन की खतौनी की नकल, राशन कार्ड और आधार कार्ड जैसे दस्तावेज जमा करने के बाद विभाग ने सवर्ण उपभोक्ता को अनुसूचित जाति के नाम का बिल भेज दिया। पीड़ित उपभोक्ता विभाग के चक्कर लगा रहा है लेकिन अधिकारी इसे सामान्य त्रुटि बताकर मामले से पल्ला झाड़ रहे हैं।
मामला सोमेश्वर के तीताकोट ग्राम पंचायत के दीवान सिंह राना पुत्र खीम सिंह राना से जुड़ा है। दीवान सिंह राना का कहना है कि उसने इसी वर्ष नया कनेक्शन लिया था जिसके लिए नियमानुसार खतौनी की नकल, आधार कार्ड और बीपीएल राशन कार्ड की प्रतिलिपि भी जमा की। उसे कनेक्शन तो निःशुल्क दिया गया लेकिन मार्च और मई माह में जब उसे बिल मिले तो वह एपीएल श्रेणी के निर्गत हुए।Conclusion:
Last Updated : May 15, 2019, 3:12 PM IST
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