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जगदीश हत्याकांड को लेकर उपपा ने सरकार को घेरा, अल्मोड़ा पुलिस ने दी सफाई - दलित नेता हत्याकांड मामला

प्रेम विवाह में हुए दलित नेता हत्याकांड मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने मामले को लेकर उत्तराखंड सरकार और पुलिस प्रशासन पर सवाल खड़े किए हैं. उपपा ने कहा अधिकारियों ऐसी घटना होने की अंदेशा जताते हुए सूचना दी गई थी, लेकिन पुलिस प्रशासन ने कोई सुध नहीं ली. वहीं, घटना के बाद भी मुख्यमंत्री पुष्कर धामी और उनके मंत्री ने मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

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Published : Sep 3, 2022, 7:26 PM IST

Updated : Sep 3, 2022, 8:04 PM IST

अल्मोड़ा: जिले के भिकियासैंण (Almora Bhikiyasain) में सवर्ण युवती से प्रेम विवाह करने पर ससुराल वालों ने अपहरण के बाद दलित नेता जगदीश की हत्या (Dalit youth murdered in Almora) कर दी थी. दलित नेता हत्याकांड का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी समेत तमाम दलित संगठन सक्रिय हो चुके हैं. शासन प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं. वहीं, अल्मोड़ा पुलिस अपने बचाव में सफाई देने में लगी हुई है.

अल्मोड़ा दलित नेता हत्याकांड (almora dalit leader murder case) मामले में उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी (Uttarakhand Parivartan Party) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. इस दौरान उपपा ने शासन प्रशासन के साथ प्रदेश सरकार को भी कठघरे में खड़ा किया. उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा अधिकारियों को ऐसी घटना होने की सूचना दी गई थी, लेकिन पुलिस प्रशासन ने कोई सुध नहीं ली. इतनी बड़ी घटना घटने के बाद चाहे मुख्यमंत्री पुष्कर धामी (Chief Minister Pushkar Dhami), उनके मंत्री, बीजेपी नेता और कांग्रेस हो किसी ने मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

उपपा ने सरकार को घेरा

पीसी तिवारी ने कहा सीएम धामी ने मृतक जगदीश के परिजनों से एक संवेदना संदेश देने तक की जहमत नहीं उठाई. उन्होंने सवाल उठाया कि जगदीश के हत्यारों को रिमांड में लेकर अन्य दोषियों को खोजा तक नहीं गया. इससे यह प्रतीत होता है कि सरकार कुछ प्रभावशाली लोगों को बचाने का प्रयास कर रही है. क्योंकि उन्हें अंदेशा है कि इस जघन्य हत्याकांड में अन्य लोगों का हाथ भी हो सकता है.

ये भी पढ़ें: भिकियासैंण में दलित नेता की हत्या की होगी मजिस्ट्रियल जांच, सुरक्षा में ढिलाई पर भी इन्क्वायरी

उपपा ने कहा जगदीश हत्याकांड (jagdish murder case) को लेकर पूरी लड़ाई लड़ी जाएगी. उन्होंने मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने और मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में करने की मांग की है. इस घटना के बाद पुलिस प्रशासन पर लगातार सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं. क्योंकि मृतक जगदीश की पत्नी ने अपनी और पति के जान को खतरा बताते हुए 27 अगस्त को एसएसपी को प्रार्थना पत्र देकर सुरक्षा की गुहार लगाई थी.

वहीं, अपनी सफाई में अल्मोड़ा पुलिस ने कहा यह क्षेत्र राजस्व पुलिस के अधीन होने के बावजूद पुलिस ने एक्शन लिया. मामले में अल्मोड़ा एसएसपी प्रदीप राॅय ने प्रेस वार्ता की और उन्होंने कहा 27 अगस्त को पत्र मिलने के बाद उसमे लिखे भतरौंजखान के पते पर पुलिस ने खोजबीन की थी, लेकिन इस पते पर यह लोगों नहीं पाए गए थे. जिसके बाद 1 सितंबर को जगदीश के अपहरण होने की फोन से सूचना मिलने पर राजस्व पुलिस क्षेत्र होने के बावजूद भी रेगुलर पुलिस ने तत्काल संज्ञान लेते हुए एक्शन लिया और उनकी खोजबीन शुरू की थी. फिलहाल इस मामले की जांच सीओ अल्मोड़ा को सौंपी गई है.

वही, मामले में हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत (Kumaon Commissioner Deepak Rawat)ने इस मामले की जांच के लिए डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को आदेश कर दिये हैं. कुमाऊं कमिश्नर ने कहा कि जिस तरीके से ये घटना हुई है, उसको ध्यान में रखते हुए पीड़ित पक्ष को सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराई जाए. जब भी उन्हें किसी भी प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था की जरूरत पड़े, उस तरीके की उनको सुरक्षा दी जाए. जिससे परिवार के साथ कोई अप्रिय घटना न हो.

अल्मोड़ा: जिले के भिकियासैंण (Almora Bhikiyasain) में सवर्ण युवती से प्रेम विवाह करने पर ससुराल वालों ने अपहरण के बाद दलित नेता जगदीश की हत्या (Dalit youth murdered in Almora) कर दी थी. दलित नेता हत्याकांड का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी समेत तमाम दलित संगठन सक्रिय हो चुके हैं. शासन प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं. वहीं, अल्मोड़ा पुलिस अपने बचाव में सफाई देने में लगी हुई है.

अल्मोड़ा दलित नेता हत्याकांड (almora dalit leader murder case) मामले में उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी (Uttarakhand Parivartan Party) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. इस दौरान उपपा ने शासन प्रशासन के साथ प्रदेश सरकार को भी कठघरे में खड़ा किया. उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा अधिकारियों को ऐसी घटना होने की सूचना दी गई थी, लेकिन पुलिस प्रशासन ने कोई सुध नहीं ली. इतनी बड़ी घटना घटने के बाद चाहे मुख्यमंत्री पुष्कर धामी (Chief Minister Pushkar Dhami), उनके मंत्री, बीजेपी नेता और कांग्रेस हो किसी ने मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

उपपा ने सरकार को घेरा

पीसी तिवारी ने कहा सीएम धामी ने मृतक जगदीश के परिजनों से एक संवेदना संदेश देने तक की जहमत नहीं उठाई. उन्होंने सवाल उठाया कि जगदीश के हत्यारों को रिमांड में लेकर अन्य दोषियों को खोजा तक नहीं गया. इससे यह प्रतीत होता है कि सरकार कुछ प्रभावशाली लोगों को बचाने का प्रयास कर रही है. क्योंकि उन्हें अंदेशा है कि इस जघन्य हत्याकांड में अन्य लोगों का हाथ भी हो सकता है.

ये भी पढ़ें: भिकियासैंण में दलित नेता की हत्या की होगी मजिस्ट्रियल जांच, सुरक्षा में ढिलाई पर भी इन्क्वायरी

उपपा ने कहा जगदीश हत्याकांड (jagdish murder case) को लेकर पूरी लड़ाई लड़ी जाएगी. उन्होंने मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने और मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में करने की मांग की है. इस घटना के बाद पुलिस प्रशासन पर लगातार सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं. क्योंकि मृतक जगदीश की पत्नी ने अपनी और पति के जान को खतरा बताते हुए 27 अगस्त को एसएसपी को प्रार्थना पत्र देकर सुरक्षा की गुहार लगाई थी.

वहीं, अपनी सफाई में अल्मोड़ा पुलिस ने कहा यह क्षेत्र राजस्व पुलिस के अधीन होने के बावजूद पुलिस ने एक्शन लिया. मामले में अल्मोड़ा एसएसपी प्रदीप राॅय ने प्रेस वार्ता की और उन्होंने कहा 27 अगस्त को पत्र मिलने के बाद उसमे लिखे भतरौंजखान के पते पर पुलिस ने खोजबीन की थी, लेकिन इस पते पर यह लोगों नहीं पाए गए थे. जिसके बाद 1 सितंबर को जगदीश के अपहरण होने की फोन से सूचना मिलने पर राजस्व पुलिस क्षेत्र होने के बावजूद भी रेगुलर पुलिस ने तत्काल संज्ञान लेते हुए एक्शन लिया और उनकी खोजबीन शुरू की थी. फिलहाल इस मामले की जांच सीओ अल्मोड़ा को सौंपी गई है.

वही, मामले में हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत (Kumaon Commissioner Deepak Rawat)ने इस मामले की जांच के लिए डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को आदेश कर दिये हैं. कुमाऊं कमिश्नर ने कहा कि जिस तरीके से ये घटना हुई है, उसको ध्यान में रखते हुए पीड़ित पक्ष को सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराई जाए. जब भी उन्हें किसी भी प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था की जरूरत पड़े, उस तरीके की उनको सुरक्षा दी जाए. जिससे परिवार के साथ कोई अप्रिय घटना न हो.

Last Updated : Sep 3, 2022, 8:04 PM IST
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