अल्मोड़ा: मानवाधिकार, पर्यावरण और विकास विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ हो गया है. इसमें प्रदेश के सामाजिक और राजनैतिक संगठनों से जुड़े लोगों ने शिरकत की. साथ ही विषय विशेषज्ञ भी कार्यशाला में पहुंचे. इस कार्यशाला में पहले दिन प्रदेश के सामाजिक सरोकार, मानवाधिकार हनन को रोकने के साथ ही प्राकृतिक संसाधनों को बचाने पर चर्चा की गई.
कार्यशाला के आयोजक उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि उत्तराखंड में पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ हो रही है. आपदाओं को न्योता देने के लिए बड़े-बड़े बांध बनाये जा रहे हैं. इस कारण रैणी जैसी आपदाएं आ रही हैं. इसके अलावा प्राकृतिक संसाधनों की लूट मचाई जा रही है. पत्रकार, आरटीआई कार्यकर्ताओं को सच्चाई उजागर करने पर मुकदमे ठोके जा रहे हैं. इन तमाम सवालों पर चर्चा की जा रही है.
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साथ ही आगे की रणनीति बनाई जा रही है कि प्रदेश को किस प्रकार इस तरह की चीजों से बचाया जा सके. कार्यशाला में मौजूद सामाजिक कार्यकर्ता अतुल सती ने कहा कि आज प्रदेश में बड़े-बड़े हाइड्रो प्रोजेक्ट को लगाकर पर्यावरण को नुकसान पहुचाया जा रहा है. लोग आपदाओं से जूझ रहे हैं. सरकार का इस ओर जो रवैया है, उसको लेकर प्रदेश की जनता को सड़कों पर उतरना पड़ेगा और अपने हक की लड़ाई को लड़नी होगा. संघर्ष ही आखिर में इन समस्याओं का समाधान है.